सोलन: सोलन का ऐतिहासिक और प्रसिद्ध राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेला 24 से 26 जून 2022 तक आयोजित किया जाएगा. इस संबंध में मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एंव आयुष मंत्री डॉ. राजीव सैजल की अध्यक्षता में मेले के प्रबंधों को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान डॉ. सैजल ने कहा कि मां शूलिनी मेला कोरोना काल के दो वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है, ऐसे में इस बार मेले का आयोजन बड़े स्तर पर होगा.
उन्होंने कहा कि यह मेला प्रदेश के बड़े मेलो में से (Maa Shoolini fair start on 24 June) एक है. इस मेले को और किस प्रकार बेहतर बनाया जा सकता है इस बारे में सरकारी व गैर सरकारी सदस्यों से सुझाव प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि मेले में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के साथ-साथ कोविड-19 के नियमों की अनुपालना सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को मेले के दौरान कूड़े कचरे को एकत्र करके उठाए जाने की व्यवस्था पुख्ता एवं प्रभावी बनाने को कहा ताकि मेले में स्वच्छता बनी रहे.
उन्होंने कहा कि शूलिनी मेले की सांस्कृतिक संध्याओं में (Shoolini Fair 2022) हिमाचली कलाकारों को तरजीह दी जाएगी. मंत्री राजीव सैजल ने मेला आयोजन समिति के गैर सरकारी सदस्यों से भी आग्रह किया कि वे मेले के आयोजन को और बेहतर और आकर्षक बनाने को लेकर अपने सुझाव अवश्य दें. उन्होंने कहा कि मेले में स्थापित होने वाली प्रदर्शनियों में इस बार गौवंश पर भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इसके अतिरिक्त स्वयंसेवी संस्थाओं और महिला मंडलों के स्वयं सहायता समूह के स्टालों को भी शामिल किया जाएगा ताकि उनके उत्पाद इन स्टालों के माध्यम से प्रदर्शित होने के साथ उत्पादों को विक्रय के लिए मंच मिल सके.
बैठक में मेले के दौरान डॉग शो, फ्लावर शो, पेट शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रकाशन एवं प्रसार, स्टेज ग्राउंड में बैठने की व्यवस्था, क्रॉफ्ट मेला, प्राथमिकता सहायता प्रबंधों को लेकर बैठक में चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि मेले के दौरान पुलिस कानून व्यवस्था और ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने विशेष प्लान के मुताबिक कार्य करेगी और मेले की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए जाएंगे.
बैठक में खेलकूद स्पर्धाओं, कुश्ती, पूजा स्थल, शोभा यात्रा, प्रदर्शनी, खेल-कूद, चित्रकला प्रतियोगिता और क्राफ्ट मेले के आयोजन के अलावा मेले की स्मारिका के प्रकाशन को लेकर भी चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि माता शूलिनी के आशीर्वाद से यह मेला सम्पन्न होगा. सोलन के विधायक डॉ. धनी राम शांडिल ने भी मेले के सफल आयोजन के लिए सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि मेले के दौरान विभिन्न व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए एनसीसी, एनएसएस और स्वयं सेवकों की सहायता ली जाए.
शूलिनी मेले का इतिहास: शूलिनी मां सोलन वासियों की अधिष्टात्री देवी हैं. मेले के (History of Shoolini Fair) पहले दिन वह पूरे गाजे-बाजे के साथ शोभा यात्रा में अपने मंदिर से निकल कर बहन दुर्गा मां को मिलने जाती हैं. इस दौरान शहर वासी ढोल-नगाड़ों की थाप पर मां शूलिनी के जयकारे लगाकर स्वागत करते हैं. तीन दिन तक अपनी बहन के साथ रहने के बाद वह इसी अंदाज में लौट भी आती हैं. माता के भक्तों के लिए शहर के अलग-अलग स्थानों पर मेले में आए जनसमूह के लिए विशेष भंडारों का भी आयोजन किया जाता है. इस मेले को दो बहनों के मिलन का प्रतीक भी कहा जाता है.