सोलन: चुनावों का यह दौर भाजपा के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नजर नहीं आ रहा है. एक तरफ मजदूर यूनियन, कर्मचारी यूनियन, सवर्ण समाज और अब भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच ने भी भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. किसान मंच पहले ही भाजपा सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद किए हुए है.
भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच ने सोलन में बैठक का आयोजन किया. राज्य अध्यक्ष बीआर कौंडल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. जिसमें उन्होंने कहा कि उनका संगठन पिछले काफी समय से सरकार के समक्ष अपना पक्ष रख रहा था, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. इसलिए अब वह संघर्ष करने का मूड बना चुके हैं और जल्द ही वह प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर संघर्ष शुरू करने जा रहे हैं.
भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के राज्य अध्यक्ष बीआर कौंडल ने एलान करते हुए कहा कि उनका मंच 22 तारीख को मंडी में रैली का आयोजन करने जा रहा है. जिसके माध्यम से वह सरकार को संदेश दे रहें हैं कि विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदेश की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. उसमें बहुत सी धांधलियां हो रही हैं. नए नियमों को इसमें लागू नहीं किया जा रहा है जबकि 4 गुना मुआवजे का प्रावधान है. भूमि अधिग्रहण 2013 के एक्ट का सरेआम उल्लंघन हो रहा है.
उन्होंने कहा कि ये एक्ट केंद्र सरकार ने बनाया था लेकिन वर्तमान सरकार भी इसे लागू नहीं कर रही है. जबकि अपने घोषणा पत्र में भी सरकार ने इसका जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि 2015 में पिछली सरकार ने जो दोगुना मुआवजा देने का प्रावधान किया था उसे रद्द किया जाए व 2013 के एक्ट को लागू किया जाए.
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