कसौली/सोलन: पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जन-जन को लाभान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और आयुष मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कही. ग्राम पंचायत सनावर में निर्वाचित पंचायती राज प्रतिनिधियों को रविवार को स्वास्थ्य मंत्री ने सम्मानित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि, सरकार और लोगों के मध्य महत्वपूर्ण कड़ी है. लोक कल्याण सुनिश्चित बनाने में इनका महत्व सर्वविदित है.
मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में प्रदेश सरकार के सहयोग से सतत एवं समावेशी विकास सुनिश्चित बनाएं. चुने हुए प्रतिनिधि को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर क्षेत्र का समान विकास सुनिश्चित बनाने के लिए कार्य करना चाहिए. उन्होंने आशा जताई कि सभी प्रतिनिधि विकास को गति प्रदान करते हुए जन समस्याओं के निवारण में सदैव तत्पर रहेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार हिमाचल के सभी क्षेत्रों का एक समान विकास सुनिश्चित बना रही है. शीघ्र ही कसौली एवं आस-पास के क्षेत्रों के लिए 103 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी कसौली पेयजल परियोजना की आधारशिला रखी जाएगी. यह परियोजना क्षेत्र की पेयजल की समस्या का समुचित निवारण करेगी. कंडा में 11 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण किया जा रहा है, जबकि धर्मपुर में 3.50 करोड़ रुपये व्यय कर खंड विकास अधिकारी कार्यालय निर्मित किया जा रहा है.
मंत्री सैजल ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कसौली विधानसभा क्षेत्र में उपमंडलाधिकारी कार्यालय खोलकर वर्षों से लंबित मांग को पूरा किया है. धर्मपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को 50 बिस्तरों वाले अस्पताल के रूप में स्तरोन्नत करने से स्थानीय लोगों सहित पर्यटक भी लाभान्वित होंगे. राजीव सैजल ने जिला परिषद सदस्य अमर सिंह परिहार, दर्पणा ठाकुर सहित 15 बीडीसी सदस्यों और 44 ग्राम पंचायतों के प्रधानों, उप प्रधानों एवं वार्ड सदस्यों सहित नगर परिषद परवाणु के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया. उन्होंने इस अवसर पर जन समस्याएं भी सुनीं और अधिकारियों को इनके शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए.
सोलन उपायुक्त कृतिका कुल्हारी ने इस अवसर पर पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वह स्पष्ट सोच और दूरदर्शिता के साथ कार्य करें. पंचायती राज संस्थाएं लोकतंत्र की मूल इकाई है और इनके माध्यम से व्यापक स्तर पर लोगों का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित बनाया जा सकता है. कृतिका कुल्हारी ने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि अपनी-अपनी ग्राम पंचायत में स्वच्छता और ठोस कचरा प्रबन्धन की दिशा में कार्य करें.
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