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पैसा न देने पर 36 आढ़तियों के खिलाफ FIR, किसानों से धोखाधड़ी करने वालों पर कार्रवाई

मार्केट कमेटी सोलन ने पहली बार किसानों और बागवानों के हित के लिए बड़ा फैसला लिया है. सोलन सब्जी मंडी और परवाणू मंडी के 36 ऐसे आढ़तियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है जिन्होंने किसानों व बागवानों का पैसा देने में आनाकानी की है.

FIR against 36 agent for not giving money of farmer in solan
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Published : Jun 19, 2019, 4:36 PM IST

Updated : Jun 19, 2019, 5:05 PM IST

सोलन: सोलन मंडी समिति का पैसा हड़पने वाले 23 व्यापारी इस बार सेब का कारोबार नहीं कर पाएंगे. इनमें ऐसे कारोबारी शामिल हैं, जिन्होंने मंडी समिति और प्रदेश के बागवानों का भुगतान नहीं किया है. सोलन व परवाणू में सेब का कारोबार करने वाले इन कारोबारियों की सूची मंडी समिति सोलन ने तैयार कर इन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया है.

वीडियो.

हिमाचल प्रदेश में जल्द ही सेब सीजन शुरु होने वाला है. जुलाई के शुरू में ही सोलन में भी सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाती है. इसके चलते इन दिनों सेब व्यापारियों के कारोबार करने के लिए लाइसेंस बनाए जा रहे हैं. अब तक सोलन मंडी में 48 में से 40 व्यापारियों के लाइसेंस बनाए जा चुके हैं, जबकि 8 व्यापारियों को डिफॉल्टर पाया गया है. इन 8 व्यापारियों ने या तो मंडी समिति को उसकी कमीशन नहीं दी या फिर बागवानों को उनका पैसा नहीं दिया है. इसी तरह परवाणू में पिछले वर्ष कुल 136 व्यापारियों ने सेब का करोबार किया था. इनमें से 102 व्यापारियों के लाइसेंस बनाए जा चुके हैं और अभी यह प्रक्रिया जारी है. यहां 15 व्यापारी डिफॉल्टर पाए गए व उनके लाइसेंस नहीं बनाए गए हैं.

किसान इस तरह बेच सकते हैं अपनी फसल
किसानों व बागवानों को व्यापारियों की लूट से बचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार की शुरुआत की गई है. इसमें किसान अपनी फसल को ऑनलाइन बेच सकते हैं और उनकी पेमेंट भी उसी दिन उनके अकाउंट में डाली जाती है. ऑनलाइन कारोबार में सोलन की कृषि उपज मंडी देश भर में पहले स्थान पर है और इस बार भी यह इस दिशा में अग्रसर है. यही नहीं इस मंडी को मॉडल मंडी बनाया गया है और यहां के कर्मचारी किसानों व बागवानों को जागरूक भी कर रहे हैं. इसके बावजूद भी प्रदेश के किसान अभी तक ऑनलाइन कारोबार से परहेज कर रहे हैं. इसी का परिणाम है कि किसानों व बागवानों के पैसे व्यापारियों के पास फंस जाते हैं.

सोलन: सोलन मंडी समिति का पैसा हड़पने वाले 23 व्यापारी इस बार सेब का कारोबार नहीं कर पाएंगे. इनमें ऐसे कारोबारी शामिल हैं, जिन्होंने मंडी समिति और प्रदेश के बागवानों का भुगतान नहीं किया है. सोलन व परवाणू में सेब का कारोबार करने वाले इन कारोबारियों की सूची मंडी समिति सोलन ने तैयार कर इन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया है.

वीडियो.

हिमाचल प्रदेश में जल्द ही सेब सीजन शुरु होने वाला है. जुलाई के शुरू में ही सोलन में भी सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाती है. इसके चलते इन दिनों सेब व्यापारियों के कारोबार करने के लिए लाइसेंस बनाए जा रहे हैं. अब तक सोलन मंडी में 48 में से 40 व्यापारियों के लाइसेंस बनाए जा चुके हैं, जबकि 8 व्यापारियों को डिफॉल्टर पाया गया है. इन 8 व्यापारियों ने या तो मंडी समिति को उसकी कमीशन नहीं दी या फिर बागवानों को उनका पैसा नहीं दिया है. इसी तरह परवाणू में पिछले वर्ष कुल 136 व्यापारियों ने सेब का करोबार किया था. इनमें से 102 व्यापारियों के लाइसेंस बनाए जा चुके हैं और अभी यह प्रक्रिया जारी है. यहां 15 व्यापारी डिफॉल्टर पाए गए व उनके लाइसेंस नहीं बनाए गए हैं.

किसान इस तरह बेच सकते हैं अपनी फसल
किसानों व बागवानों को व्यापारियों की लूट से बचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार की शुरुआत की गई है. इसमें किसान अपनी फसल को ऑनलाइन बेच सकते हैं और उनकी पेमेंट भी उसी दिन उनके अकाउंट में डाली जाती है. ऑनलाइन कारोबार में सोलन की कृषि उपज मंडी देश भर में पहले स्थान पर है और इस बार भी यह इस दिशा में अग्रसर है. यही नहीं इस मंडी को मॉडल मंडी बनाया गया है और यहां के कर्मचारी किसानों व बागवानों को जागरूक भी कर रहे हैं. इसके बावजूद भी प्रदेश के किसान अभी तक ऑनलाइन कारोबार से परहेज कर रहे हैं. इसी का परिणाम है कि किसानों व बागवानों के पैसे व्यापारियों के पास फंस जाते हैं.


---------- Forwarded message ---------
From: Ricky Yogesh <rickyyogesh000@gmail.com>
Date: Wed, Jun 19, 2019, 2:27 PM
Subject: पैसा न देने पर 36 आढ़तियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज,किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों पर होगी कार्यवाही
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


पैसा न देने पर 36 आढ़तियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज,किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों पर होगी कार्यवाही,


सोलन सब्जी मंडी भारतवर्ष की पहली मॉडल मंडी है।
मार्किट कमेटी सोलन ने पहली बार किसानों और बागवानों के हित के लिए बडा फैसला लिया है। सोलन सब्जी मंडी और परवाणू मंडी के 36 ऐसे आढतियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है जिन्होंने किसानों व बागवानों का पैसा देने में आनाकानी की है। वहीं एपीएमसी का शुल्क नहीं देने वाले आढतियों पर भी यह गाज गिरी है।

लोकेशन:-सोलन:-योगेश शर्मा

सोलन मंडी समिति का पैसा हड़पने वाले 23 व्यापारी इस बार सेब का कारोबार नहीं कर पाएंगे। इनमें ऐसे कारोबारी शामिल है जिन्होंने मंडी समिति का सरकारी पैसा नहीं दिया है या फिर कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने प्रदेश के बागवानों को उनके उत्पादों का पैसा नहीं दिया है इसकी सूची मंडी समिति ने तैयार करके सोलन व परमाणु में सेब का कारोबार करने वाले इन कारोबारियों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है।

हिमाचल प्रदेश में जल्द ही सेब सीजन शुरु होने वाला है और जुलाई के शुरु में ही सोलन में भी सेब की खेप पहुंचना शुरु हो जाता है। इसके चलते इन दिनों सेब व्यापारियों के कारोबार करने के लिए लाईसेंस बनाए जा रहे हैं। अब तक सोलन मंडी में 48 में से 40 व्यापारियों के लाईसेंस बनाए जा चुके हैं, जबकि 8 व्यापारियों को डिफाल्टर पाया गया है। इन 8 व्यापारियों ने या तो मंडी समिति को उसकी कमीशन नहीं दी या फिर बागवानों को उनका पैसा नहीं दिया है। इसी तरह परवाणु में पिछले वर्ष कुल 136 व्यापारियों ने सेब का करोबार किया था। इनमें से 102 व्यापारियों के लाईसेंस बनाए जा चुके हैं और अभी यह प्रक्रिया जारी है। यहां 15 व्यापारी डिफाल्टर पाए गए व उनके लाईसेंस नहीं बनाए गए हैं।

किसानों व बागवानों को व्यापारियों की लूट से बचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार की शुरुआत की गई है। इसमें किसान अपनी फसल को ऑनलाइन बेच सकते हैं और उनकी पेमेंट भी उसी दिन उनके अकाउंट में डाली जाती है। ऑनलाइन कारोबार में सोलन की कृषि उपज मंडी देश भर में पहले स्थान पर है और इस बार भी यह इस दिशा में अग्रसर है। यही नहीं इस मंडी को मॉडल मंडी बनाया गया है और यहां के कर्मचारी किसानों व बागवानों को जागरूक भी कर रहे हैं। इसके बावजूद भी प्रदेश के किसान अभी तक ऑनलाइन कारोबार से परहेज कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि किसानों व बागवानों के पैसे व्यापारियों के पास फंस जाते हैं।


APMC सोलन के सचिव प्रकाश कश्यप का कहना:-बागवानों और किसानों के हितों के लिए प्रशासन हमेशा तैयार:-
सोलन की मंडी को राष्ट्रीय कृषि बाजार के तहत देश की पहली मॉडल मंडी घोषित किया है। यहां से किसान ई-कृषि बाजार के माध्यम से अपनी फसलों को बेच सकते हैं, जिसका किसानों को लाभ उठाना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि परवाणू व सोलन मंडी के 36 आढ़तियों को डिफाल्टर घोषित किया गया है। इन आढ़तियों पर करीब 55 लाख रुपये बकाया है। इनमें से कुछ ने एपीएमसी का करीब 20 लाख रुपये शुल्क भी अदा करना है। इसलिए इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई है। अगर किसानों व बागवानों साथ आढ़ती धोखा करता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बाइट:-प्रकाश कश्यप, सचिव, एपीएमसी, सोलन
फ़ाइल शॉट:-सोलन मंडी, 
फ़ाइल फोटो:-सेब, सेब in फल मंडी
Last Updated : Jun 19, 2019, 5:05 PM IST
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