सोलन: सोलन मंडी समिति का पैसा हड़पने वाले 23 व्यापारी इस बार सेब का कारोबार नहीं कर पाएंगे. इनमें ऐसे कारोबारी शामिल हैं, जिन्होंने मंडी समिति और प्रदेश के बागवानों का भुगतान नहीं किया है. सोलन व परवाणू में सेब का कारोबार करने वाले इन कारोबारियों की सूची मंडी समिति सोलन ने तैयार कर इन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया है.
हिमाचल प्रदेश में जल्द ही सेब सीजन शुरु होने वाला है. जुलाई के शुरू में ही सोलन में भी सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाती है. इसके चलते इन दिनों सेब व्यापारियों के कारोबार करने के लिए लाइसेंस बनाए जा रहे हैं. अब तक सोलन मंडी में 48 में से 40 व्यापारियों के लाइसेंस बनाए जा चुके हैं, जबकि 8 व्यापारियों को डिफॉल्टर पाया गया है. इन 8 व्यापारियों ने या तो मंडी समिति को उसकी कमीशन नहीं दी या फिर बागवानों को उनका पैसा नहीं दिया है. इसी तरह परवाणू में पिछले वर्ष कुल 136 व्यापारियों ने सेब का करोबार किया था. इनमें से 102 व्यापारियों के लाइसेंस बनाए जा चुके हैं और अभी यह प्रक्रिया जारी है. यहां 15 व्यापारी डिफॉल्टर पाए गए व उनके लाइसेंस नहीं बनाए गए हैं.
किसान इस तरह बेच सकते हैं अपनी फसल
किसानों व बागवानों को व्यापारियों की लूट से बचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार की शुरुआत की गई है. इसमें किसान अपनी फसल को ऑनलाइन बेच सकते हैं और उनकी पेमेंट भी उसी दिन उनके अकाउंट में डाली जाती है. ऑनलाइन कारोबार में सोलन की कृषि उपज मंडी देश भर में पहले स्थान पर है और इस बार भी यह इस दिशा में अग्रसर है. यही नहीं इस मंडी को मॉडल मंडी बनाया गया है और यहां के कर्मचारी किसानों व बागवानों को जागरूक भी कर रहे हैं. इसके बावजूद भी प्रदेश के किसान अभी तक ऑनलाइन कारोबार से परहेज कर रहे हैं. इसी का परिणाम है कि किसानों व बागवानों के पैसे व्यापारियों के पास फंस जाते हैं.