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मौसम की मार की वजह से बच्चों की बढ़ी छुट्टियां, डिप्टी डायरेक्टर ने सरकार से की ये अपील - Social Media

सोलन में करीब 54 स्कूलों की बिल्डिंग इतनी खराब है कि कभी भी हादसों का शिकार हो सकती है. वहीं, विभाग ने मेंटेनेंस के लिए इस बारे में सरकार को फाइल सौंप दी है लेकिन अभी तक कुछ स्कूलों का मेंटेनेंस का पैसा नहीं आ पाया है.

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Published : Aug 3, 2019, 12:35 PM IST

सोलन: स्कूल की माली हालात को देखते हुए डिप्टी डायरेक्टर हायर एजुकेशन सोलन ने 4 दिन का अवकाश बढ़ा दिया है. परवाणू से शिमला तक चल रहे फोरलेन कार्य में जाबली का सरकारी स्कूल भी इस चपेट में आ गया है.

बता दें कि पिछले दिनों भी जाबली स्कूल के नीचे गहरी खुदाई होने के कारण स्कूल का डंगा गिर गया था जिस कारण वहां पर माहौल तनावपूर्ण हो चुका था. गौर रहे कि स्थानीय लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर यह भी बताया कि डंगा पहले भी तीन बार गिर चुका है.

वीडियो

विभाग की मानें तो इस बारे में एनएचआई को कई बार कहा जा चुका है, लेकिन सही तकनीकों को अपनाकर इस बारे में ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकार को इसके बारे में पहले भी अवगत करा दिया गया है ताकि इस बारे में सरकार कोई उचित फैसला ले सके.

बता दें कि एक तरफ हिमाचल सरकार बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए नई योजनाएं तैयार कर रही है. वहीं, स्कूली बच्चे डर के साए में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. सोलन में करीब 54 स्कूलों की बिल्डिंग मेंटेनेंस इतनी खराब है कि कभी भी हादसों का शिकार हो सकती है. वहीं, विभाग ने मेंटेनेंस के लिए इस बारे में सरकार को फाइल सौंप दी है लेकिन अभी तक कुछ स्कूलों का मेंटेनेंस का पैसा नहीं आ पाया है.

डिप्टी डायरेक्टर योगेंद्र मखेक ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन होने की आशंका है जिस कारण स्कूल में बच्चों की छुट्टियां बढ़ा दी गई है. साथ ही उन्होंने एनएचआई की लापरवाही बताते हुए कहा कि सरकार अगर इसकी तरफ ध्यान दे तो इस तरह के हादसों से बचा जा सकता है.

सोलन: स्कूल की माली हालात को देखते हुए डिप्टी डायरेक्टर हायर एजुकेशन सोलन ने 4 दिन का अवकाश बढ़ा दिया है. परवाणू से शिमला तक चल रहे फोरलेन कार्य में जाबली का सरकारी स्कूल भी इस चपेट में आ गया है.

बता दें कि पिछले दिनों भी जाबली स्कूल के नीचे गहरी खुदाई होने के कारण स्कूल का डंगा गिर गया था जिस कारण वहां पर माहौल तनावपूर्ण हो चुका था. गौर रहे कि स्थानीय लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर यह भी बताया कि डंगा पहले भी तीन बार गिर चुका है.

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विभाग की मानें तो इस बारे में एनएचआई को कई बार कहा जा चुका है, लेकिन सही तकनीकों को अपनाकर इस बारे में ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकार को इसके बारे में पहले भी अवगत करा दिया गया है ताकि इस बारे में सरकार कोई उचित फैसला ले सके.

बता दें कि एक तरफ हिमाचल सरकार बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए नई योजनाएं तैयार कर रही है. वहीं, स्कूली बच्चे डर के साए में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. सोलन में करीब 54 स्कूलों की बिल्डिंग मेंटेनेंस इतनी खराब है कि कभी भी हादसों का शिकार हो सकती है. वहीं, विभाग ने मेंटेनेंस के लिए इस बारे में सरकार को फाइल सौंप दी है लेकिन अभी तक कुछ स्कूलों का मेंटेनेंस का पैसा नहीं आ पाया है.

डिप्टी डायरेक्टर योगेंद्र मखेक ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन होने की आशंका है जिस कारण स्कूल में बच्चों की छुट्टियां बढ़ा दी गई है. साथ ही उन्होंने एनएचआई की लापरवाही बताते हुए कहा कि सरकार अगर इसकी तरफ ध्यान दे तो इस तरह के हादसों से बचा जा सकता है.

Intro:विद्यार्थियों को डेढ़ करोड़ की छात्रवृत्ति देगा शूलिनी विश्वविद्यालय


अनुसंधान क्षेत्र में विश्व स्तरीय कार्य करने की दिशा में आज बहुत कम लोग सोच रहे हैं। आज के शिक्षण संस्थान क्वालिटी और स्टैंडर्ड पर अधिक ध्यान दे रहे हैं और कुछ लोग टाईम हॉयरर्स पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। हमारा लक्ष्य समय के मुताबिक चलने का है और इसमें सर्वाधिक योगदान रिसर्च का रहेगा। शूलिनी विवि ने बीते दो वर्षों के दौरान रिसर्च क्षेत्र में 350 पेटेंट दर्ज करवाए हैं जो यूनिवर्सिटी को अन्य विश्वविद्यालयों से अलग बनाता है यह बात शुलिनी विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर पी के खोसला ने कही।

शूलिनी विश्वविद्यालय ने बीते दो वर्ष में रिसर्च क्षेत्र में 350 पेटेंट दर्ज करवाए हैं। वाइस चांसलर प्रो. पीके खोसला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यूनिवर्सिटी ने विद्यार्थियों के लिए 1.5 करोड़ की छात्रवृत्ति का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी देश में विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज में से एक आंकी गई है और यूनिवर्सिटी लगातार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। यूनिवर्सिटी ने पूरे देश में पेटेंट दर्ज करने वाले संस्थानों की सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया है, जिसमें आइआइटी जैसे स्थापित संस्थान तक शामिल हैं।Body:स्कोप्स द्वारा साइवल के माध्यम से जारी किए गए स्वतंत्र और प्रामाणिक अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, जो 40,000 पत्रिकाओं से अधिक का विश्लेषण करते हैं, शूलिनी यूनिवर्सिटी ने कम से कम तीन मापदंडों में वैश्विक औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है। यह सफलता अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संबंधित हैं, दुनिया भर में सबसे अधिक सम्मानित प्रकाशनों के शीर्ष एक प्रतिशत में प्रकाशित किए गए और अधिकांश स्थापित प्रकाशनों के शीर्ष 10 प्रतिशत में प्रकाशित हुए हैं। सिर्फ नौ वर्ष पहले स्थापित यूनिवर्सिटी पहले ही इन तीन मापदंडों में देश में शीर्ष स्थान पर है। उन्होंने कहा कि हम 2022 तक शीर्ष 200 वैश्विक संस्थानों में स्थान पाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लगे हैं।Conclusion:यूनिवर्सिटी के अथक प्रयासों से कई विषयों में लगभग 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हुए हैं। औसत पैकेजों की पेशकश पांच लाख रुपये से लेकर छह लाख रुपये प्रति वर्ष तक है। इस साल 15 लाख रुपये का उच्चतम सीटीसी पैकेज हमारे स्टूडेंट आशीष सैनी ने एमएनसी हिल्टी से प्राप्त किया है। उन्होंने घोषणा की कि ईएलईटीएस रैंकिग 2019 द्वारा यूनिवर्सिटी की इंजीनियरिग और टेक्नोलॉजी को भारत के शीर्ष 30 निजी इंजीनियरिग संस्थानों में स्थान दिया गया है।


Shot:-confernce
Byte:-shoolini university VC profesar P.K.khosla
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