ETV Bharat / city

'पहाड़ की बेटी' ने फतह की पुमोरी पीक, अब धौलागिरी पर्वत पर झंडा गाड़ने की तैयारी, लेकिन आर्थिक तंगी बन रही बाधा - सोलन लेटेस्ट न्यूज

पुमोरी चोटी फतेह करने वाली पहली भारतीय महिला का खिताब अपने नाम करने वाली सोलन की बलजीत कौर अब अपने अगले मुकाम के लिए निकल पड़ी है. पहाड़ की बेटी और पर्वतारोही बलजीत कौर ने हाल ही में नेपाल के 7161 मीटर ऊंची पुमोरी शिखर पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला बनीं. वहीं, आर्थिक तंगी के चलते भी अपने सपनों को पूरा करने की जिद्द बलजीत के कदमों को रोक नहीं पा रही है.

Baljit Kaur of Solan The first Indian woman to climb the Pumori peak
पुमोरी पीक पर हाथ में तिरंगा लिए बलजीत कौर
author img

By

Published : Sep 9, 2021, 3:35 PM IST

सोलन: सपनों को पूरा करने की बस चाह होनी चाहिए, सपने अपने आप पूरे हो जाते हैं. बस इसी बात को जहन में रखते हुए पहाड़ की बेटी बलजीत कौर पुमोरी चोटी हासिल करने के बाद अब धौलागिरी पर्वत हासिल करने के लिए निकल पड़ी है.

पुमोरी चोटी फतेह करने वाली पहली भारतीय महिला का खिताब अपने नाम करने वाली सोलन की बलजीत कौर अब अपने अगले मुकाम के लिए निकल पड़ी है. पहाड़ की बेटी और पर्वतारोही बलजीत कौर ने हाल ही में नेपाल के 7161 मीटर ऊंची पुमोरी शिखर पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला बनीं.

वीडियो.

उन्होंने पुमोरी चोटी को तो फतेह कर लिया, लेकिन महिलाओं को लेकर समाज की मानसिकता पर वे जीत दर्ज नहीं कर पाईं. आर्थिक तंगी के चलते भी अपने सपनों को पूरा करने की जिद्द बलजीत के कदमों को रोक नहीं पा रही है. पुमोरी चोटी हासिल करने के बाद अब पहाड़ की बेटी बलजीत कौर नेपाल के धौलागिरी पर्वत को हासिल करना चाहती है जो कि दुनिया की 7वीं ऊंची पीक है.

सोलन के ममलीग के रहने वाली बलजीत कौर ने बताया कि पहाड़ की चोटियों को फतह करना एक महंगा खेल है. ऐसे में चोटियों पर ट्रैक करने में उन्हें आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ रहा है. बलजीत ने बताया कि वे लोगों से मदद लेकर अपने ट्रैक के लिए निकल रही हैं, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें.

वीडियो.

बलजीत का कहना है कि हमारे देश में जिस तरह से हॉकी ओलंपिक खेलों को सपोर्ट किया जाता है. उसी तरह पर्वतारोहण को भी सपोर्ट करने के सरकार को आगे आना चाहिए. बता दें कि धौलागिरी पर्वत की ऊंचाई 8167 मीटर है जिस कारण यह और भी ज्यादा कठिन रास्ता बन गया है.

यह पिछली बार की पुमोरी छोटी से लगभग 1000 मीटर ज्यादा है. बलजीत ने कहा कि वह इस के लिए तैयार हैं, लेकिन आर्थिक तौर पर वह थोड़ी कमजोर जरूर महसूस कर रही थी, लेकिन अब वह भी नहीं रहा. उन्हें बहुत से लोगों ने सहयोग किया है. वहीं, उनकी इस ट्रैक के लिए सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने भी कुछ पैसे देकर उनकी मदद की है.

ये भी पढ़ें- परमवीर विक्रम बत्रा की जयंती, करगिल का वो 'शेरशाह', जिसके किस्से आपमें जोश भर देंगे

सोलन: सपनों को पूरा करने की बस चाह होनी चाहिए, सपने अपने आप पूरे हो जाते हैं. बस इसी बात को जहन में रखते हुए पहाड़ की बेटी बलजीत कौर पुमोरी चोटी हासिल करने के बाद अब धौलागिरी पर्वत हासिल करने के लिए निकल पड़ी है.

पुमोरी चोटी फतेह करने वाली पहली भारतीय महिला का खिताब अपने नाम करने वाली सोलन की बलजीत कौर अब अपने अगले मुकाम के लिए निकल पड़ी है. पहाड़ की बेटी और पर्वतारोही बलजीत कौर ने हाल ही में नेपाल के 7161 मीटर ऊंची पुमोरी शिखर पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला बनीं.

वीडियो.

उन्होंने पुमोरी चोटी को तो फतेह कर लिया, लेकिन महिलाओं को लेकर समाज की मानसिकता पर वे जीत दर्ज नहीं कर पाईं. आर्थिक तंगी के चलते भी अपने सपनों को पूरा करने की जिद्द बलजीत के कदमों को रोक नहीं पा रही है. पुमोरी चोटी हासिल करने के बाद अब पहाड़ की बेटी बलजीत कौर नेपाल के धौलागिरी पर्वत को हासिल करना चाहती है जो कि दुनिया की 7वीं ऊंची पीक है.

सोलन के ममलीग के रहने वाली बलजीत कौर ने बताया कि पहाड़ की चोटियों को फतह करना एक महंगा खेल है. ऐसे में चोटियों पर ट्रैक करने में उन्हें आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ रहा है. बलजीत ने बताया कि वे लोगों से मदद लेकर अपने ट्रैक के लिए निकल रही हैं, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें.

वीडियो.

बलजीत का कहना है कि हमारे देश में जिस तरह से हॉकी ओलंपिक खेलों को सपोर्ट किया जाता है. उसी तरह पर्वतारोहण को भी सपोर्ट करने के सरकार को आगे आना चाहिए. बता दें कि धौलागिरी पर्वत की ऊंचाई 8167 मीटर है जिस कारण यह और भी ज्यादा कठिन रास्ता बन गया है.

यह पिछली बार की पुमोरी छोटी से लगभग 1000 मीटर ज्यादा है. बलजीत ने कहा कि वह इस के लिए तैयार हैं, लेकिन आर्थिक तौर पर वह थोड़ी कमजोर जरूर महसूस कर रही थी, लेकिन अब वह भी नहीं रहा. उन्हें बहुत से लोगों ने सहयोग किया है. वहीं, उनकी इस ट्रैक के लिए सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने भी कुछ पैसे देकर उनकी मदद की है.

ये भी पढ़ें- परमवीर विक्रम बत्रा की जयंती, करगिल का वो 'शेरशाह', जिसके किस्से आपमें जोश भर देंगे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.