शिमला: कोरोना महामारी की वजह से लगी बंदिशों और इससे हुए नुकसान की वजह से लोग अवसाद और तनाव जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. योग लोगों को मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने में सहायक सिद्ध होता है. शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर (Education Minister Govind Thakur) ने कहा कि इसलिए विभाग अब विद्यार्थियों को हर घर पाठशाला कार्यक्रम के तहत योग और ध्यान सिखाएगा.
मंत्री ठाकुर ने समग्र शिक्षा और आर्ट ऑफ लिविंग (art of Living) के संयुक्त तत्वावधान में तैयार किए गए हिम तत्पर शिक्षा के साथ योग कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है. योग मनुष्य में शारीरिक और मानसिक सन्तुलन स्थापित करता है. इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को योग का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
विद्यार्थियों को भी हर घर पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से योग और ध्यान सिखाया जाएगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के करीब आठ लाख से अधिक विद्यार्थियों को कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. शिक्षा विभाग के हर घर पाठशाला कार्यक्रम में योग और ध्यान संबंधित वीडियो डाले जाएंगे.
शिक्षा मंत्री ने समग्र शिक्षा के डिजिटल साथी अभियान (digital partner campaign) के लिए 50 मोबाइल (Mobile) प्रदान किए. उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग को इस अभियान के लिए 21 हजार मोबाइल उपलब्ध कराने की घोषणा के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कारपोरेट घरानों (corporate houses) और समृद्ध परिवारों से इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया. इस अभियान के माध्यम से प्राप्त होने वाले मोबाइल फोन अभावग्रस्त बच्चों (underprivileged children) को वितरित किए जाएंगे, ताकि कोरोना के इस संकटकाल में उनकी पढ़ाई प्रभावित ना हो.
वहीं, शिक्षा मंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला का निरीक्षण किया. इस दौरान शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन से बातचीत की. शिक्षा मंत्री के इस औचक निरीक्षण के दौरान शिक्षकों ने विभिन्न मांगे और समस्याएं शिक्षा मंत्री के सामने रखी. शिक्षा मंत्री ने एक बात को लेकर खुशी जाहिर की वर्तमान में विद्यालय में 883 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार (state government) विद्यार्थियों को उच्च स्तर की शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है.
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