शिमला: उमंग फाउंडेशन द्वारा मानवाधिकार संरक्षण पर शुरू की गई साप्ताहिक ऑनलाइन श्रृंखला की तीसरी कड़ी में "महिला अधिकार संरक्षण में राज्य मानवाधिकार आयोग की भूमिका" विषय पर वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर सहित 100 से अधिक युवाओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर ने कहा कि महिलाओं और बच्चों की तस्करी पर आयोग विशेष ध्यान केंद्रित करेगा. इसके अलावा दिव्यांग महिलाओं के अधिकारों पर भी जागरूकता लाई जाएगी.
डेजी ठाकुर ने खुशी जताई कि शिक्षण संस्थानों में छात्राएं खुद को महिला- जागरूकता मुहिम से जोड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि आयोग के व्हाट्सएप नंबर 9459886600 पर महिलाएं शिकायत दर्ज करा सकती हैं. समाज में लड़कियों और महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव और यौन उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर पुरुषों और महिलाओं दोनों को जागरूक किया जा रहा है. आयोग में अधिकतर शिकायतें घरेलू हिंसा के बारे में आती हैं.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में लगभग 400 शिकायतों का निपटारा किया गया और अभी भी 450 शिकायतें विचाराधीन हैं. आयोग शिकायतों की सुनवाई के लिए नियमित कोर्ट लगाता है और उचित आदेश पारित करता है. इसके अतिरिक्त गांव से लेकर शहरों तक जागरूकता शिविर लगाए जा रहें हैं. इन शिविरों के माध्यम से महिलाओं और पुरुषों दोनों को महिला अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है. आयोग में शिकायत दर्ज कराने या मीडिया रिपोर्ट पर स्वयं संज्ञान लेने के बाद बिना किसी वकील की मदद के मुफ्त न्याय दिलाया जाता है.
उन्होंने कहा कि महिला एवं बच्चों की तस्करी के संबंध में भी आयोग जागरूकता अभियान शुरू करेगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभी तक आयोग में कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन ऐसी घटनाओं से इनकार भी नहीं किया जा सकता. वहीं, प्रो. श्रीवास्तव ने उन्हें बताया कि हिमाचल प्रदेश में असम, झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश और बिहार की आदिवासी महिलाओं को तस्करी के माध्यम से लाकर उन्हें घरेलू नौकर बना दिया जाता है और उनके साथ यौन दुर्व्यवहार भी होता है.
वहीं इस दौरान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की दृष्टिबाधित पीएचडी स्कॉलर मुस्कान नेगी ने सुझाव दिया कि आयोग को विकलांग महिलाओं की समस्याओं पर भी विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. इस पर आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि भविष्य में इसे ध्यान में रखा जाएगा. घुमारवीं कॉलेज की सहायक प्रोफेसर डॉ. रीता दीवान के इस सुझाव पर की महाविद्यालयों में आयोग को छात्राओं के लिए विशेष कार्यक्रम चलाना चाहिए, इस पर भी डॉ. डेजी ठाकुर ने विचार करने की बात कही.
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