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बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें! परियोजनाओं में सिल्ट आने से राजधानी शिमला में कई घरों तक नहीं पहुंचा पानी

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Published : Jul 13, 2021, 7:14 PM IST

राजधानी शिमला में पानी की सप्लाई करने वाली परियोजनाओं में गाद आ जाने से शहर के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई. जल निगम के एसडीओ महबूब शेख का कहना है कि बारिश की वजह से परियोजनाओं में गाद का स्तर बढ़ गया है. इस कारण परियोजनाओं से पानी लिफ्ट करने में परेशानी आ रही है. मंगलवार को सिर्फ 32 एमएलडी पानी की सप्लाई ही शहर में हो पाई है.

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फोटो.

शिमला: बीते दो दिन से हो रही बारिश से शिमला के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. शहर में पानी की सप्लाई करने वाली परियोजनाओं में गाद (SILT) आ गई है, जिससे कई हिस्सों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है. मंगलवार को सिर्फ 32 एमएलडी पानी की सप्लाई ही हो पाई है. गिरी परियोजना से जहां हर रोज 18 एमएलडी पानी शिमला के लिए आता था. वहीं, मंगलावर को 2.98 एमएलडी पानी ही गिरी से लिफ्ट हो पाया.

गिरी परियोजना में सबसे ज्यादा गाद आई है. वहीं, जल निगम को गाद कम होने के बाद बुधवार से सप्लाई नियमित हो पाने की उम्मीद है. जल निगम के एसडीओ महबूब शेख का कहना है कि बारिश होने से परियोजनाओं में गाद का स्तर बढ़ गया है, जिससे पानी लिफ्ट नहीं हो पा रहा है. सोमवार को गिरी परियोजना से पानी लिफ्ट नहीं हो पाया था, मंगलवार को गाद कुछ कम हुई है. उन्होंने कहा कि यदि बारिश होती है तो परियोजनाओं में गाद आने से पानी लिफ्ट नहीं हो पाएगा.

वीडियो.

एसडीओ महबूब शेख ने कहा कि जहां बीते दिनों पानी की सप्लाई नहीं हो पाई थी, लेकिन पानी की सप्लाई दी जा रही है और परियोजनाओं से गाद का स्तर कम होने पर सभी क्षेत्रों में पानी की सप्लाई दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सोमवार को गिरी कोटी, चूरट में गाद आने के चलते पंपिंग बंद करनी पड़ी थी, लेकिन मंगलवार को सामान्य रूप से पंपिंग हो रही है.

ये भी पढ़ें: तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश सरकार की तैयारियां पूरी, पर्यटकों पर रखी जा रही निगरानी

राजधानी शिमला में हर रोज जल निगम 42 एमएलडी पानी की सप्लाई गिरी गुमा चुरट परियोजनाओं से करता है, लेकिन बरसात के दिनों में हर साल यहां पर परियोजनाओं में गाद आने से पंपिंग नहीं हो पाती है, जिसके चलते शहर में लोगों को पानी के लिए इंतजार करना पड़ता है.

बता दें कि गिरी नदी के आसपास निजी व सरकारी निर्माण कार्यों से निकल रही मिट्टी को अवैध रूप से डाला जा रहा है. बारिश के दौरान यही मिट्टी सीधे नदी मंं पहुंच रही है. मिट्टी की वजह से नदी का पानी इतना गंदा हो जाता है कि पानी की पंपिंग बंद करना पड़ जाता है. पंपिंग बंद होने के कारण लोगों के घरों तक पानी की सप्लाई नहीं हो पाती है.

ये भी पढ़ें: कांगड़ा के दरिणी बोह में हुए भूस्खलन का जायजा लेने के लिए पहुंचे CM, मृतकों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान

शिमला: बीते दो दिन से हो रही बारिश से शिमला के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. शहर में पानी की सप्लाई करने वाली परियोजनाओं में गाद (SILT) आ गई है, जिससे कई हिस्सों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है. मंगलवार को सिर्फ 32 एमएलडी पानी की सप्लाई ही हो पाई है. गिरी परियोजना से जहां हर रोज 18 एमएलडी पानी शिमला के लिए आता था. वहीं, मंगलावर को 2.98 एमएलडी पानी ही गिरी से लिफ्ट हो पाया.

गिरी परियोजना में सबसे ज्यादा गाद आई है. वहीं, जल निगम को गाद कम होने के बाद बुधवार से सप्लाई नियमित हो पाने की उम्मीद है. जल निगम के एसडीओ महबूब शेख का कहना है कि बारिश होने से परियोजनाओं में गाद का स्तर बढ़ गया है, जिससे पानी लिफ्ट नहीं हो पा रहा है. सोमवार को गिरी परियोजना से पानी लिफ्ट नहीं हो पाया था, मंगलवार को गाद कुछ कम हुई है. उन्होंने कहा कि यदि बारिश होती है तो परियोजनाओं में गाद आने से पानी लिफ्ट नहीं हो पाएगा.

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एसडीओ महबूब शेख ने कहा कि जहां बीते दिनों पानी की सप्लाई नहीं हो पाई थी, लेकिन पानी की सप्लाई दी जा रही है और परियोजनाओं से गाद का स्तर कम होने पर सभी क्षेत्रों में पानी की सप्लाई दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सोमवार को गिरी कोटी, चूरट में गाद आने के चलते पंपिंग बंद करनी पड़ी थी, लेकिन मंगलवार को सामान्य रूप से पंपिंग हो रही है.

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राजधानी शिमला में हर रोज जल निगम 42 एमएलडी पानी की सप्लाई गिरी गुमा चुरट परियोजनाओं से करता है, लेकिन बरसात के दिनों में हर साल यहां पर परियोजनाओं में गाद आने से पंपिंग नहीं हो पाती है, जिसके चलते शहर में लोगों को पानी के लिए इंतजार करना पड़ता है.

बता दें कि गिरी नदी के आसपास निजी व सरकारी निर्माण कार्यों से निकल रही मिट्टी को अवैध रूप से डाला जा रहा है. बारिश के दौरान यही मिट्टी सीधे नदी मंं पहुंच रही है. मिट्टी की वजह से नदी का पानी इतना गंदा हो जाता है कि पानी की पंपिंग बंद करना पड़ जाता है. पंपिंग बंद होने के कारण लोगों के घरों तक पानी की सप्लाई नहीं हो पाती है.

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