शिमला: राजधानी शिमला में पानी का संकट एक बार फिर गहरा गया है. शहर में लोगों को तीसरे दिन पानी की सप्लाई दी जा रही है. पानी की राशनिंग के (Water rationing in shimla) चलते होटल व्यवसायियों को आने वाले समर सीजन पर इसका असर पड़ने का डर सताने लगा है. वहीं होटल व्यवसायी सरकार से पानी की समय पर ध्यान देने की गुहार लगा रहे हैं. होटल व्यवसाय (Hoteliers in Shimla) पहले ही दो वर्षों से कोरोना की मार झेल रहा है. कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद पर्यटक भी काफी तादात में अब पहाड़ों (Tourists started reaching shimla) का रुख कर रहे हैं. ऐसे में अगर शहर में पानी का संकट गहराता है, तो फिर से कारोबार चौपट हो सकता है.
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन (Tourism Industry Stakeholders Association) के अध्यक्ष माेहिंद्र सेठ का कहना है कि शहर में इन दिनों पानी की किल्लत चल रही है. पानी की सप्लाई तीन या चार दिन बाद दी जा रही है. उन्होंने कहा कि अभी तो टूरिस्ट सीजन शुरू भी नहीं हुआ है और अभी से ही होटलों को टैंकरों से पानी लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि शिमला जल प्रबंधन निगम पानी की सप्लाई को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है. सरकार ने जल प्रबंधन निगम इसीलिए बनाया था ताकि शिमला शहर को सचारू रूप से पानी की सप्लाई हो सके, लेकिन निगम पुराने बहाने सुनाकर इस बात से अपना पल्ला झाड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि लोगों के मन में यह धारणा गलत है कि होटल वालों को अलग से पानी की सप्लाई दी जाती है. शहर के होटलों को भी तभी पानी आता है जब शहर के इलाकों में पानी की सप्लाई दी जाती है. उन्होंने कहा कि शिमला के होटल कारोबारियों से समूचे प्रदेश में पानी पर सबसे ज्यादा रेट वसूला जाता है. उसके बावजूद भी शिमला जल प्रबंधन निगम पानी की नियमित सप्लाई देने में विफल हो रहा है. उन्होंने सरकार से नियमित पानी की सप्लाई करने की मांग उठाई है.
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