किन्नौर: जिले के रुशकलंग गांव में स्थानीय देवी देवता इन दिनों स्वर्गलोक गए हुए हैं. ऐसे में रुशकलंग गांव के ग्रामीण पुरानी रीति-रिवाजों के अनुसार तीरंदाजी का खेल खेलते हैं. यह खेल तब तक खेला जाता है जब तक स्थानीय देवी देवता स्वर्ग लोक से धरती लोक वापस नहीं आ जाते. इस खेल को शुरू हुए करीब एक सप्ताह होने जा रहा है. शुक्रवार को इस खेल में ग्रामीणों ने जीत हार सुनिश्चित कर खुशियां मनाईं.
रुशकलंग गांव में लगातार एक सप्ताह से यह तीरंदाजी का खेल (Archery game in Kinnaur) चला हुआ है. जिसमें ग्रामीणों के अलग-अलग दल पारम्परिक वेशभूषा पहनकर (Traditions of Kinnaur) इस खेल में भाग लेते हैं और तीरंदाजी खेल में जो दल अधिक संख्या में तीर का सही दिशा में निशाना लगाते हैं. वह दल विजयी माना जाता है. जिसके बाद वह दल नाचते हुए अपनी जीत का जश्न मनाते हैं. हालांकि, इस खेल के दौरान ग्रामीण शस्त्रों की पूजा भी करते हैं और ईश्वर से सुख समृद्धि की कामना भी करते हैं.
बता दें कि रुशकलंग गांव रोपा घाटी का एक (Rush Kalang village of kinnaur ) खूबसूरत गांव है, जहां पर देवी देवताओं के स्वर्गलोक जाते ही तीरंदाजी का (Ropa Valley in Kinnaur) खेल शुरू होता है. मान्यताओं अनुसार यह खेल जब स्थानीय देवी देवता स्वर्ग लोक जाते हैं तो धरती लोक में बुरी शक्तियों को गांव मे आने से रोकने की प्रथा से खेला जाता है. जैसे ही स्थानीय देवी देवता स्वर्ग लोक से धरती लोक वापस आ जाते हैं .उसके बाद इस खेल (Archery game in Kinnaur) का समापन होता है.
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