ETV Bharat / city

Losar fair in Kinnaur: किन्नौर में लोसर मेले को लेकर ग्रामीणों में उत्साह, जानें क्या है इसकी परंपरा

author img

By

Published : Dec 28, 2021, 3:53 PM IST

किन्नौर जिले में इन दिनों लोसर (नव वर्ष) पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. लोसर पर्व अवसर पर सभी ग्रामीण देव परिसर में इकट्ठा होकर आपने इष्ट देव के अगुवाई में देव वाद्य यंत्रों की धुन पर पारंपरिक नृत्य करते हैं. यह मेला ऊपरी किन्नौर के ग्रामीण क्षेत्रो में मनाया जाता (Losar fair in Kinnaur) है. इस दौरान बुजुर्गों समेत घर के परिवारजन अपने दूसरे काम नहीं करते. जैसे ही लोसर मेला समाप्त हो जाता है, उसके बाद ही अपने बागवानी, किसानी व अन्य कार्यों की शुरुआत की जाती है.

Losar Fair in Kinnaur
किन्नौर में लोसर मेला

किन्नौर: किन्नौर जिले में इन दिनों लोसर (नव वर्ष) पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. लोसर पर्व अवसर पर सभी ग्रामीण देव परिसर में इकट्ठा होकर आपने इष्ट देव के (Losar festival new year) अगुवाई में देव वाद्य यंत्रों की धुन पर पारंपरिक नृत्य करते हैं. बता दें कि लोसर जिला के ऊपरी किन्नौर के ग्रामीण क्षेत्रो में नववर्ष के रूप में मनाया जाता (Losar fair in Kinnaur) है. जिसके उपरांत जिला किन्नौर के सभी देवी देवता स्वर्ग प्रवास पर जाते हैं.

किन्नौर जिले में देशभर से अलग रीति रिवाज (Kinnaur new year) व परंपराएं हैं. यहां पर कई पर्व व उत्सव के समय भी अलग-अलग होते हैं, जिन्हें देवी देवताओं के समयानुसार मनाया जाता है. जिला के पूह खंड, हांगरांग घाटी,व मूरंग तहसील में इन दिनों लोसर यानी नववर्ष को भव्य तरीके से लोग मना रहे हैं. इस (Traditional dance of Kinnaur) मेले में ग्रामीण पारंपरिक वेशभूषा पहनकर मंदिर प्रांगण में देवी देवताओं की पूजा अर्चना व नृत्य कर खुश करते हैं और आने वाले वर्ष में फसलों व गांव के सुख-समृद्धि की कामना भी करते हैं.

वीडियो.

जिला के पूह खंड, हांगरांग घाटी, मूरंग तहसील (Traditional clothes of Kinnaur) के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में लोसर मेला अलग-अलग समय पर मनाया जाता है और इस मेले को पवित्र मेला भी माना जाता है. जिसमें बुजुर्गों समेत घर के परिवारजन अपने दूसरे काम नहीं करते. जैसे ही लोसर मेला समाप्त हो (Tourist places in Kinnaur) जाता है, उसके बाद ही अपने बागवानी, किसानी व अन्य कार्यों की शुरुआत की जाती है.

ये भी पढ़ें: Himachal Bridge Inauguration: मनाली सरचू सड़क मार्ग पर बने पांच पुल राष्ट्र को समर्पित, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया शुभारंभ

किन्नौर: किन्नौर जिले में इन दिनों लोसर (नव वर्ष) पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. लोसर पर्व अवसर पर सभी ग्रामीण देव परिसर में इकट्ठा होकर आपने इष्ट देव के (Losar festival new year) अगुवाई में देव वाद्य यंत्रों की धुन पर पारंपरिक नृत्य करते हैं. बता दें कि लोसर जिला के ऊपरी किन्नौर के ग्रामीण क्षेत्रो में नववर्ष के रूप में मनाया जाता (Losar fair in Kinnaur) है. जिसके उपरांत जिला किन्नौर के सभी देवी देवता स्वर्ग प्रवास पर जाते हैं.

किन्नौर जिले में देशभर से अलग रीति रिवाज (Kinnaur new year) व परंपराएं हैं. यहां पर कई पर्व व उत्सव के समय भी अलग-अलग होते हैं, जिन्हें देवी देवताओं के समयानुसार मनाया जाता है. जिला के पूह खंड, हांगरांग घाटी,व मूरंग तहसील में इन दिनों लोसर यानी नववर्ष को भव्य तरीके से लोग मना रहे हैं. इस (Traditional dance of Kinnaur) मेले में ग्रामीण पारंपरिक वेशभूषा पहनकर मंदिर प्रांगण में देवी देवताओं की पूजा अर्चना व नृत्य कर खुश करते हैं और आने वाले वर्ष में फसलों व गांव के सुख-समृद्धि की कामना भी करते हैं.

वीडियो.

जिला के पूह खंड, हांगरांग घाटी, मूरंग तहसील (Traditional clothes of Kinnaur) के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में लोसर मेला अलग-अलग समय पर मनाया जाता है और इस मेले को पवित्र मेला भी माना जाता है. जिसमें बुजुर्गों समेत घर के परिवारजन अपने दूसरे काम नहीं करते. जैसे ही लोसर मेला समाप्त हो (Tourist places in Kinnaur) जाता है, उसके बाद ही अपने बागवानी, किसानी व अन्य कार्यों की शुरुआत की जाती है.

ये भी पढ़ें: Himachal Bridge Inauguration: मनाली सरचू सड़क मार्ग पर बने पांच पुल राष्ट्र को समर्पित, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया शुभारंभ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.