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महिला एवं बाल विकास विभाग की लोगों से अपील, कहीं नवजात बच्चा मिले तो शिशु पालन केंद्र को सौंपे

प्रदेश में आए दिन सड़ और झाड़ियों में नवजात शिशु की शिकायत मिलने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) ने एक विशेष मुहिम की शुरुआत की है. जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर ने कहा कि इन शिशु पालन गृह की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है कि यदि किसी व्यक्ति को नवजात बच्चा कहीं मिलता है या कोई माता-पिता नवजात बच्चे को अपने पास न रखना चाहें, वह उस बच्चे को शिशु पालन गृह में छोड़ सकते हैं.

Three child rearing centres opened in Shimla
शिमला में शिशु पालन केंद्र
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Published : Sep 8, 2021, 7:31 PM IST

शिमला: महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) के अंतर्गत जिले में तीन शिशु पालन केंद्र स्थापित किए गए हैं. जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह शिशु पालन केंद्र दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला, कमला नेहरू अस्पताल शिमला एवं महात्मा गांधी चिकित्सा परिसर खनेरी रामपुर में स्थापित किए गए हैं.

रमा कंवर ने बताया कि इन शिशु पालन गृह की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है कि यदि किसी व्यक्ति को नवजात बच्चा कहीं मिलता है या कोई माता-पिता नवजात बच्चे को अपने पास न रखना चाहें, वह उस बच्चे को शिशु पालन गृह में छोड़ सकते हैं. जिससे कि उसका अच्छा पालन-पोषण हो सके एवं स्वास्थ्य देखभाल को भी सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने बताया कि शिशु पालन गृह में नवजात शिशु को छोड़ने वाला व्यक्ति वहां पर लगी घंटी को बजाकर संकेत दे सकता है. घंटी की आवाज सुनते ही ड्यूटी रूम में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी वहां पहुंचकर बच्चे की स्वास्थ्य जांच के उपरांत उचित माध्यम के द्वारा बाल कल्याण समिति शिमला के पास प्रस्तुत किया जाएगा.

गौर रहे कि नवजात बच्चों के कई जगह पर मिलने के काफी बार मामले सामने आ चुके हैं, जिससे कि कई बार बच्चों के मां बाप का पता लगा पाना काफी मुश्किल भी हो जाता है. ऐसे में यदि कोई मां बाप बच्चे का पालन पोषण नहीं कर पाते तो ऐसे में वह अपने नवजात बच्चों को शिशु पालन गृह में छोड़ सकते हैं. जिससे कि उसका सही से पालन पोषण हो सके. इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी.

शिशु गृह टूटीकंडी किया जाएगा स्थानांतरित: पूर्ण औपचारिकताओं के उपरांत नवजात शिशु को शिशु गृह टूटीकंडी स्थानांतरित किया जाएगा. जहां पर उचित देखभाल के बाद नियमानुसार गोद लेने की प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस दौरान बच्चे तथा माता-पिता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. अधिक जानकारी के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी के दूरभाष 94184-07545 और चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098 पर सम्पर्क कर सकते हैं.

शिमला: महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) के अंतर्गत जिले में तीन शिशु पालन केंद्र स्थापित किए गए हैं. जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह शिशु पालन केंद्र दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला, कमला नेहरू अस्पताल शिमला एवं महात्मा गांधी चिकित्सा परिसर खनेरी रामपुर में स्थापित किए गए हैं.

रमा कंवर ने बताया कि इन शिशु पालन गृह की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है कि यदि किसी व्यक्ति को नवजात बच्चा कहीं मिलता है या कोई माता-पिता नवजात बच्चे को अपने पास न रखना चाहें, वह उस बच्चे को शिशु पालन गृह में छोड़ सकते हैं. जिससे कि उसका अच्छा पालन-पोषण हो सके एवं स्वास्थ्य देखभाल को भी सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने बताया कि शिशु पालन गृह में नवजात शिशु को छोड़ने वाला व्यक्ति वहां पर लगी घंटी को बजाकर संकेत दे सकता है. घंटी की आवाज सुनते ही ड्यूटी रूम में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी वहां पहुंचकर बच्चे की स्वास्थ्य जांच के उपरांत उचित माध्यम के द्वारा बाल कल्याण समिति शिमला के पास प्रस्तुत किया जाएगा.

गौर रहे कि नवजात बच्चों के कई जगह पर मिलने के काफी बार मामले सामने आ चुके हैं, जिससे कि कई बार बच्चों के मां बाप का पता लगा पाना काफी मुश्किल भी हो जाता है. ऐसे में यदि कोई मां बाप बच्चे का पालन पोषण नहीं कर पाते तो ऐसे में वह अपने नवजात बच्चों को शिशु पालन गृह में छोड़ सकते हैं. जिससे कि उसका सही से पालन पोषण हो सके. इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी.

शिशु गृह टूटीकंडी किया जाएगा स्थानांतरित: पूर्ण औपचारिकताओं के उपरांत नवजात शिशु को शिशु गृह टूटीकंडी स्थानांतरित किया जाएगा. जहां पर उचित देखभाल के बाद नियमानुसार गोद लेने की प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस दौरान बच्चे तथा माता-पिता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. अधिक जानकारी के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी के दूरभाष 94184-07545 और चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098 पर सम्पर्क कर सकते हैं.

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