शिमला: देश और प्रदेश की विभिन्न खेल एसोसिएशन को पारंपरिक खेलों पर अनुसंधान करने की आवश्यकता है, ताकि पारंपरिक खेलों को विश्वस्तरीय पहचान हासिल हो सके. यह बात शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शनिवार को इंदिरा गांधी खेल परिसर में आयोजित 2 दिवसीय प्रथम ठोडा स्पोर्ट्स नेशनल चैंपियनशिप के शुभारंभ अवसर पर कही. उन्होंने बताया कि कबड्डी को भी पांरपरिक खेलों में जाना जाता था. आज मान्यता प्राप्त होने से देश और प्रदेश के युवा कबड्डी के खेल में आगे बढ़ रहे हैं.
उन्होनें बताया कि प्रदेश सरकार खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. पारंपरिक खेलों के विषय पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बात कर इस दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ठोडा हिमाचल का पारंपरिक खेल रहा है. आज पूरे देश में मॉर्शल आर्टस के साथ मिलकर खेल गतिविधि के रुप में प्रचलित किया गया है.
उन्होंने बताया कि देश और प्रदेश के युवा खेलों के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन प्रगति कर रहा है. जिसका उदाहरण इस वर्ष का ओलंपिक रहा है. शहरी विकास मंत्री ने खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एसोसिएशन को 51 हजार रुपये देने की घोषणा की.
प्रथम ठोडा स्पोर्टस नेशनल चौंपियनशिप में देश के 11 राज्य हिस्सा ले रहे हैं. जिसमें हिमाचल प्रदेश, केरल, असम, छतीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब एवं पुडुचेरी शामिल है. इस अवसर पर संयुक्त सचिव इंडियन ओलोंपिक एसोसिएशन राजेश भंडारी, अध्यक्ष ठोडा एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश ललित ठाकुर, तहसीलदार शहरी सुमेध शर्मा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
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