शिमलाः हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य में बजट की कई रोचक कहानियां हैं. शिमला में अमूमन सभी का ध्यान नए पेश होने वाले बजट पर रहता है, लेकिन ईटीवी भारत अपने पाठकों के लिए हिमाचल में अब तक पेश हुए बजट की कुछ दिलचस्प बातें लेकर आया है. आंकड़ों के लिहाज से देखें तो ये हिमाचल के 56 वां बजट होगा. मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने कार्यकाल के तीसरा बजट पेश करेंगे.
वीरभद्र सिंह ने कुल 20 बार बजट किया पेश
यदि रिकॉर्ड की बात की जाए तो बजट पेश करने के मामले में वीरभद्र सिंह किंग रहे हैं. 6 दफा हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने कुल 20 बार बजट पेश किया है. उन्होंने अपने कार्यकाल के आखिरी बजट मार्च 2017 को पेश किया था.
10 मार्च 1964 को डॉ. यशवंत सिंह परमार ने पहला बजट किया पेश
वहीं, प्रदेश का पहला बजट प्रस्तुत करने का अवसर जाहिर तौर पर हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार को जाता है. डॉ. परमार ने मार्च 1964 को प्रदेश का और अपने कार्यकाल के पहला बजट प्रस्तुत किया था. डॉ. परमार सड़कों को हिमाचल की भाग्य रेखा कहते थे, लिहाजा उनके बजट में सड़कों का निर्माण प्राथमिकता रहा करता था. परमार ने मुख्यमंत्री बनने के बाद 10 मार्च 1964 को अपना पहला बजट पेश किया.
अधिकांश समय मुख्यमंत्रियों के पास ही रहा वित्त विभाग
डॉ. परमार ने आठ बार विधानसभा में बजट पेश किया. दिलचस्प बात यह है कि कर्म सिंह ने वित्तमंत्री के रूप में 6 बार बजट पेश किया है. कर्म सिंह एक मात्र ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया है. इनके अलावा अभी बजट मुख्यमंत्रियों ने ही पेश किए हैं अधिकांश समय मुख्यमंत्रियों के पास ही वित्त विभाग रहा है.
सभी बजट रहे टैक्स फ्री
कर्म सिंह ने पहला बजट 11 मार्च 1968 में पेश किया. उन्होंने कुल पांच बजट पेश किए और सभी बजट वित्त मंत्री रहते ही पेश किए. हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी बजट टैक्स फ्री रहे हैं. डॉ. परमार से लेकर जयराम ठाकुर तक सभी के बजट टैक्स फ्री रहे हैं.
2016 में आखिरी बार बढ़ाये गए माननीयों के वेतन भत्ते
इसके अलावा अगर माननीयों के वेतन और भत्तों की बात करें तो वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में 2016 में आखिरी बार माननीयों के वेतन भत्ते बढ़ाये गए थे. 2012 से 2017 के कार्यकाल में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने दो बार वेतन भत्तों में बढ़ोतरी की थी.
वीरभद्र और धूमल बजट पेश करने के दौरान जमकर करते थे शायरी
इसके बाद अभी तक वेतन भत्तों में बढ़ोतरी नहीं हुई है. वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल बजट पेश करने के दौरान जमकर शायरी करते थे. जयराम ठाकुर ने अपने पहले बजट में अटल विहारी वाजपेयी की कविता के अंश भी सुनाये थे.
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