शिमला: हिमाचल के विख्यात कवि-सम्पादक स्वर्गीय मधुकर भारती (poet Madhukar Bharti) सहित लेखक कहानीकार स्वर्गीय अरुण भारती (Story writer Late Arun Bharti) की स्मृति में रविवार को शिमला में साहित्यिक समारोह का आयोजन किया जाएगा. मधुकर भारती द्वारा स्थापित संस्था सर्जक यह आयोजन (Smriti Samaroh in Gaiety Theatre) करवा रही है. हिमाचल में नवोदित लेखकों को प्रोत्साहित करने में मधुकर भारती का बहुत योगदान रहा है. इसके अलावा कहानीकार स्वर्गीय अरुण भारती को भी समारोह में याद किया जाएगा. आयोजन को दो सत्रों में तय किया गया है. पहला सत्र रविवार सुबह दस बजे से शुरू होगा. उस सत्र में दोनों दिवंगत लेखकों पर वक्तव्य प्रस्तुत किए जाएंगे तथा परिचर्चा होगी. इस सत्र की अध्यक्षता पूर्व आईएएस व लेखक के. आर. भारती करेंगे. इसमें मुख्य वक्ता राजकुमार राकेश, डा.तुलसी रमण,डा.विद्यानिधि और आत्मा रंजन होंगे.
दूसरा सत्र दोपहर (Smriti Samaroh in Gaiety Theatre) बाद अढ़ाई बजे शुरू होगा. इसमें पुस्तक लोकार्पण एवं कवि गोष्ठी होगी. इस सत्र के मुख्य अतिथि सचिव, कला संस्कृति विभाग राकेश कंवर होंगे, जबकि अध्यक्षता डॉ. तुलसी रमण करेंगे. कार्यक्रम में राजकुमार राकेश के कहानी संग्रहों कैंसर वार्ड और अश्वमेध का लोकार्पण भी होगा. इस कार्यक्रम में आमंत्रित कवि, लेखकों में सुदर्शन वशिष्ठ, एस आर हरनोट, रेखा, कुल राजीव पंत, निरंजन देव, कुलदीप शर्मा, आत्माराम रंजन, यादवेंद्र शर्मा, अजेय, नवनीत शर्मा, रजनीश शर्मा, देवकन्या ठाकुर, राजीव त्रिगर्ती, प्रदीप सैनी, पवन चौहान, मनोज चौहान, गुप्तेश्वर उपाध्याय, कुंवर दिनेश, संजय ठाकुर, अतुल अंशुमाली, अनिल हारटा, उमा ठाकुर, कल्पना गांगटा आदि शामिल हैं.
मधुकर भारती और अरुण भारती का हिंदी लेखन संसार में बहुत योगदान रहा है. अपने विनम्र स्वभाव के लिए युवाओं व वरिष्ठ लेखकों के बीच लोकप्रिय मधुकर भारती की लेखन यात्रा चार दशक तक विस्तार लिए हुए है. शिमला के ठियोग के रहने वाले मधुकर भारती उच्च अधिकारी के तौर पर सेवानिवृत हुए थे. डिविजनल एकाउंट्स ऑफिसर के रूप में सेवा देने वाले मधुकर ऑल इंडिया एकाउंटस ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव रहे. उनका कविता संग्रह शरद कामिनी बेहद चर्चित रहा. वे सर्जक पत्रिका का संपादन करते थे. बाद में सर्जक परिवार में मधुकर भारती की अप्रकाशित कविताओं को एक संग्रह के रूप में प्रकाशित किया था. कालका-शिमला रेल मार्ग के जनक बाबा भलखू पर मधुकर भारती की कविता बहुत चर्चित रही. वहीं, अरुण भारती जाने-माने कहानीकार थे और उनके कई संग्रह प्रकाशित हुए. रीता तुम आ गई, उनकी एक चर्चित कहानी है.
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