शिमला: शुरुआती दौर में वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने में हिमाचल की देश भर में तारीफ हुई थी. एक समय तो ऐसा आया था कि हिमाचल कोरोना से मुक्त होने की कगार पर था, लेकिन साल के अंतिम दौर में कोरोना देवभूमि में बेलगाम हो गया है.
23 मार्च को लगा लॉकडाउन
हिमाचल प्रदेश में 23 मार्च को लॉकडाउन लगा. उस समय विधानसभा का बजट सत्र चल रहा था. अप्रैल महीने में एक समय 23 तारीख से लेकर 28 तारीख तक प्रदेश में कोई केस नहीं आया था. कोविड-19 महामारी को लेकर हिमाचल में आरंभिक दौर की बात करें तो हिमाचल सरकार ने सतर्कता बरतते हुए 14 मार्च को ऐलान किया कि शिक्षण संस्थान व सिनेमाघर 31 मार्च तक बंद रहेंगे.
प्रदेश में अन्य देशों से आए थे 593 लोग आए
उस समय तक प्रदेश में कोरोना से प्रभावित दुनिया के अन्य देशों से 593 लोग आए थे. उनमें से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं था. तब सात लोगों को खांसी जुखाम की शिकायत पर शिमला व टांडा अस्पताल में भर्ती किया गया था. इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी.
आईजीएमसी और टांडा अस्पताल बने आइसोलेशन वॉर्ड
मार्च के दूसरे पखवाड़े में राज्य सरकार ने आईजीएमसी अस्पताल शिमला व डॉ. आरपीएमसी अस्पताल टांडा में आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर दिए थे. शिमला, मंडी व धर्मशाला में प्रति संस्थान पचास बेड क्वारंटाइन की सुविधा उपलब्ध करवा दी थी.
प्रदेश में आने वाली बसों पर लगा प्रतिबंध
मार्च की 19 तारीख को राज्य सरकार ने देशी और विदेशी सैलानियों को लेकर हिमाचल में आने वाली बसों पर प्रतिबंध लगा दिया. बीस मार्च को सरकार ने आदेश जारी किया कि 21 मार्च मध्य रात्रि से एचआरटीसी व निजी बसों के संचालन में 50 फीसदी की कमी कर दी.
21 मार्च को हुई थी सर्वदलीय बैठक
21 मार्च को सभी राजनीतिक दलों के साथ सरकार ने बैठक की और सभी ने कोरोना से निपटने में सहयोग की हामी भरी. बाद में 22 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया. इसी दिन राज्य सरकार ने प्रदेश की सीमाओं को सील कर दिया.
हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र स्थगित
23 मार्च सोमवार को विधानसभा का बजट सत्र भी स्थगित हुआ. कांगड़ा में पहले ही लॉकडाउन था और 23 मार्च को इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया. साथ ही सरकार ने जरूरतमंदों के लिए जरूरी सामान उपलब्ध करवाने के लिए 500 करोड़ रुपए का ऐलान किया. सरकारी कार्यालय 26 मार्च तक बंद कर दिए गए.
23 मार्च को तिब्बती मूल के बुजुर्ग की टांडा अस्पताल में मौत
इसी बीच 23 मार्च को तिब्बती मूल के बुजुर्ग की टांडा अस्पताल में मौत हुई. वो अमेरिका से आया था. उसकी ट्रेवल हिस्ट्री निकाल कर उससे जुड़े सभी लोगों को क्वारंटाइन किया गया. 24 मार्च को सरकार ने पूरे प्रदेश में कफ्र्यू लागू कर दिया. सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को 10 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि मंजूर की. 29 मार्च को लिए गए सभी 17 सैंपल निगेटिव आए थे. रोज सैंपलिंग हो रही थी.
इस अवधि में 2673 लोगों को निगरानी में रखा गया. 196 का मेडिकल चैकअप हुआ. 811 लोगों ने 14 दिन का निगरानी पीरियड पूरा कर लिया था. 31 मार्च को घोषणा की गई कि प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान 14 मार्च तक बंद रहेंगे.
ऊना में मस्जिद में छिपे 3 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव
2 अप्रैल को ऊना जिले के एक इलाके में मस्जिद में छिपे तीन लोगों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए. ये तबलीगी जमात से जुड़े थे. यहां से खतरा शुरू हो गया था. तीन अप्रैल तक हिमाचल में 296 लोगों की जांच हुई थी और तीन मामले पॉजिटिव थे. दो लोग टांडा अस्पताल में भर्ती थे और ये बाद में ठीक होकर घर पहुंच गए.
प्रदेश में जमात से जुड़े लोग निकले कोरोना पॉजिटिव
इसके बाद जमातियों का संकट खड़ा हुआ. इससे पहले इंडस्ट्रियल एरिया बीबीएन की एक महिला उद्योगपति की पीजीआई में मौत हुई. उनके करीबी चार लोग पॉजिटिव पाए गए, जिनका गुडगांव में इलाज हुआ. आईजीएमसी अस्पताल में पहला संदिग्ध हांगकांग से आया था. 12 मार्च को उसकी आईजीएमसी में जांच हुई तो वो कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया.
18 मार्च को सोलन से आए संदिग्ध केस में जांच निगेटिव आई. मार्च की 20 तारीख से लगातार आईजीएमसी अस्पताल में सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आ रही थी. चार अप्रैल को जमात से जुड़े तीन लोग पॉजिटिव आए. पांच अप्रैल को उन्हें इलाज के लिए शिमला लाया गया. अप्रैल खत्म होने तक भी प्रदेश के अस्पतालों में कुल 10 मरीजों का इलाज चल रहा था.
हिमाचल में नवंबर महीने में बिगड़ी कोरोना की स्थिति
हिमाचल में कोरोना की स्थिति नवंबर महीने में काफी बिगड़ी. राजधानी शिमला 24.69 फीसदी एक्टिव केसों के साथ देश की सबसे संक्रमित राजधानी बन गई. एक नवंबर को यहां 482 एक्टिव केस थे. जो बाद में बढक़र 1737 हो गए.
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
राज्य में नवंबर में कोरोना के 11642 केस 22 दिनों में आए. नवंबर महीने में तीन दिन में ही 60 लोग इसका शिकार हुए. अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने कोरोना को लेकर सरकार को कई आदेश भी जारी किए हैं. दिसंबर के दूसरे हफ्ते में स्थिति में थोड़ा सुधार तो आया है, लेकिन कोरोना का कहर थमा नहीं है.