शिमलाः राजधानी में सरकार व प्रशासन हादसे के दो-तीन दिन तक तो ऐसे जागरूक होते हैं कि मानो चंद दिनों में समस्या को हल कर देंगे, लेकिन सरकारी तंत्र की कुम्भरणी नींद और नेताओं के वायदे हाल-फिलहाल सामने आ ही जाते हैं. ऐसा ही कुछ ठियोग में भी देखने को मिल रहा है. जहां डंगा गिरने से सरकार की नींद तो टूट गयी, लेकिन प्रशासन फिर भी सोता नजर आ रहा है.
ठियोग के नेशनल हाईवे-5 पर रहीघाट में बीते दिनों डंगा गिरने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि प्रशासन ने दस दिनों में डंगा लगाने की बात कही थी, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी अब तक डंगा नहीं लगाया गया है. इसे लेकर लोगों में भारी रोष है. डंगा गिरने से कई घरों पर नुकसान होने का खतरा मंडरा रहा है.
लोगों ने कहा कि इस हादसे में किसी की जान तो नहीं गई थी, लेकिन प्रशासन व सरकार ऐसे हादसे के इंतजार में नजर आ रहे हैं. मार्ग से पैदल चलने वाले लोगों व स्कूली बच्चों को गुजरते हुए हादसे का डर सताता रहता है. बता दें कि रोजाना सेब से लदे भारी भरकम ट्रक भी यहां से गुजरते हैं.
लोगों ने इस समस्या के लिए नगर परिषद ठियोग को भी जिम्मेदार ठहराया है. लोगों का कहना है कि परिषद इस सड़क की ओर आ रहे सीवरेज के पानी को रोकने में लापरवाही करता रहा. जिससे अब लोगों के लिए ये परेशानी खड़ी हो गई है.
डंगा गिरने के बाद दो दिन तक सेब सीजन और शिमला की रफ्तार थम गई थी. इस डंगे की चपेट में आई 6 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं. आनन-फानन में नेशनल हाईवे अथॉरिटी, डीसी और सरकार के मंत्रियों ने इस डंगे को महज 10 दिन में लगाने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है और अब तक हालात वैसे ही बने हुए हैं.
डंगा टूटने से रोजाना घण्टों जाम की स्थिति बनी रहती है. पुलिस के तीन से चार कर्मचारी सिटी बजा बजा कर थक जाते हैं. लोगों ने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द डंगे का निर्माण करने की गुहार लगाई है.
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