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खुले में कचरा फेंकने वालों पर सख्त हुआ नगर निगम शिमला, शहरवासियों को सुनाया ये फरमान - शिमला नगर निगम

शहर में कई जगहों पर कचरा फेंकने वालों पर निगरानी रखने के लिए कैमरे भी लगाने के निर्देश दिए गए है. साल 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम शिमला को देश के सौ साफ सुथरे शहरों में भी जगह नहीं पाई थी.

खुले में कचरा फेंकने वालों पर सख्त हुआ नगर निगम शिमला.
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Published : Apr 13, 2019, 11:06 AM IST

शिमला: इस साल हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम शिमला देश के सौ स्वच्छ शहरों में पिछड़ने के बाद शहर में सफाई को लेकर कड़ा रुख अपना रहा है. राजधानी शिमला में खुली जगहों पर कचरा फेंकने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निगम नोटिस जारी कर रहा है. साथ ही डोर-डू-डो गारबेज सर्विस से जुड़ने के निर्देश भी दिये हैं.

निगम ने लोगों को हिदायत देते हुए कहा है कि गारबेज उपभोक्ता 15 दिनों के भीतर डोर-टू-डोर सेवा से नहीं जुड़ता है तो उसके खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद कोई उपभोक्ता निगम की सुविधा से फिर भी नहीं जुड़ता है तो दोबारा नोटिस भेजने के बाद बिजली और पानी के कनेक्शन काटा जाएगा.

निगम मेयर कुसुम सदरेट ने कहा कि शहर के जो भी लोग निगम के डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन सेवा से नहीं जुड़े हैं. उन्हें चिह्नित किया जा रहा है. ऐसे लोगों के खिलाफ नोटिस जारी कर उन्हें सेवा से जुड़ने का फरमान सुनाया है. इसके अलावा शहर में कई जगहों पर कचरा फेंकने वालों पर निगरानी रखने के लिए कैमरे भी लगाने के निर्देश दिए गए है.

आपको बता दें कि भारत सरकार के आवास एवं शहरी मंत्रालय के साल 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम शिमला को देश के सौ साफ सुथरे शहरों में भी जगह नहीं पाई थी. स्वच्छता सर्वेक्षण में साल दर साल शिमला की स्वच्छता रैकिंग का ग्राफ गिरता जा रहा है. गत वर्ष शिमला का 144वां रैक था. शिमला टॉप 100 शहरों से भी बाहर हो गया था. जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में शिमला को 47वीं रैंकिंग हासिल की थी.

शिमला: इस साल हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम शिमला देश के सौ स्वच्छ शहरों में पिछड़ने के बाद शहर में सफाई को लेकर कड़ा रुख अपना रहा है. राजधानी शिमला में खुली जगहों पर कचरा फेंकने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निगम नोटिस जारी कर रहा है. साथ ही डोर-डू-डो गारबेज सर्विस से जुड़ने के निर्देश भी दिये हैं.

निगम ने लोगों को हिदायत देते हुए कहा है कि गारबेज उपभोक्ता 15 दिनों के भीतर डोर-टू-डोर सेवा से नहीं जुड़ता है तो उसके खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद कोई उपभोक्ता निगम की सुविधा से फिर भी नहीं जुड़ता है तो दोबारा नोटिस भेजने के बाद बिजली और पानी के कनेक्शन काटा जाएगा.

निगम मेयर कुसुम सदरेट ने कहा कि शहर के जो भी लोग निगम के डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन सेवा से नहीं जुड़े हैं. उन्हें चिह्नित किया जा रहा है. ऐसे लोगों के खिलाफ नोटिस जारी कर उन्हें सेवा से जुड़ने का फरमान सुनाया है. इसके अलावा शहर में कई जगहों पर कचरा फेंकने वालों पर निगरानी रखने के लिए कैमरे भी लगाने के निर्देश दिए गए है.

आपको बता दें कि भारत सरकार के आवास एवं शहरी मंत्रालय के साल 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम शिमला को देश के सौ साफ सुथरे शहरों में भी जगह नहीं पाई थी. स्वच्छता सर्वेक्षण में साल दर साल शिमला की स्वच्छता रैकिंग का ग्राफ गिरता जा रहा है. गत वर्ष शिमला का 144वां रैक था. शिमला टॉप 100 शहरों से भी बाहर हो गया था. जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में शिमला को 47वीं रैंकिंग हासिल की थी.

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