शिमला: पेट्रोल और डीजल की कीमतों के खिलाफ कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. देश भर में कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है. वहीं, हिमाचल में भी कांग्रेस ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन कर रही है. सोमवार को जिला शिमला कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में पेट्रोल डीजल के भारी बढ़ते मूल्यों के विरोध में उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा. कांग्रेस ने इसमें एक्साइज ड्यूटी कम करने की मांग की.
शिमला ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत छाजटा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार डीजल के मूल्यों में बढ़ोतरी की जा रही है. आज तक पेट्रोल में 8.80 रुपए वह डीजल में 10.40 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में इसमें 23.78 रुपए प्रति लीटर के मूल्य बढ़ोतरी की गई है, जोकि 258 प्रतिशत पेट्रोल व 820 प्रतिशत डीजल के मूल्य में बढ़ोतरी बनती है. वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें इस समय सबसे निम्न स्तर पर है, लेकिन केंद्र सरकार महंगाई को कम करने में पूरी तरह से नाकाम रही है.
केंद्र सरकार ने कोविड-19 के चलते देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू करने के लिए इसकी एक्साइज ड्यूटी बड़ाई है, ऐसे में जबकि लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके मूल्यों में बढ़ोतरी से महंगाई और लोगों की जीवन यापन पर विपरीत असर पड़ेगा. इस मूल्यवृद्धि को जनहित में वापस लिया जाना चाहिए.
यशवंत छाजटा ने कहा कि जहां एक तरफ देश की अर्व्यवस्था ठहर गई है. वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश में हजारों की संख्या में युवाओं को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार का पूरा सहयोग किया है. वहीं, कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की है कि कोविड-19 के नाम पर लोगों से इकट्ठा किया गया फंड देश और प्रदेश के गरीब लोगों के कल्याण पर खर्च किया जाए.
ये भी पढ़ें: पांवटा के अकालगढ़ में भारी गर्मी में सूखा लोगों का गला, सात दिनों से नहीं हुई पेयजल सप्लाई