रामपुर: प्रदेश में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक मेलों का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता है. इन मेलों में स्थानीय देवी-देवता भी शामिल होते हैं. ऐसा ही प्राचीन मेला रामपुर उपमंडल के क्षेत्र सरपारा में आयोजित किया गया.
मेले को मनाने के पीछे मान्यता है कि सरपारा गांव में एक प्राकृतिक झील बनी हुई है, जहां से 9 नागों की उत्पत्ति हुई थी. नागों की मां एक महीने के लिए खो गई थी और एक महीने के बाद वापस घर लौटी थी, जिसके उपलक्ष्य में मेले का आयोजन किया जाता है. मेले के समापन पर ग्रामीण देवताओं का आशीर्वाद लेकर अपने घर लौट जाते हैं. साथ ही क्षेत्र में सुख शांति रहने की कामना करते हैं.
बता दें कि क्षेत्र सरपारा में आयोजित मेला श्रावण मास में मनाया जाता है. मेले में देवी-देवता शिरकत करते हैं. इसी दौरान स्थानीय महिलाएं पारम्परिक वेषभूषा पहनकर नाटी डालती हैं. ये मेला चार दिन तक चलता है.