शिमला: कोरोना की वजह से प्रदेश के स्कूल बंद हैं. ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई 'समय 10 से 12 वाला हर घर बने पाठशाला कार्यक्रम' के तहत करवाई जा रही है. ऑनलाइन पढ़ाई का भी बेहतर रुझान शिक्षा विभाग को देखने को मिल रहा है. बड़ी बात यह है कि प्रदेश के कुछ सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन जो छात्रों को पढ़ाया जा रहा है वह छात्रों को समझ भी आ रहा है. इसका आंकलन इस बात से ही किया जा सकता है कि समग्र शिक्षा ने पढ़ाई का असेसमेंट करने के लिए छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा करवाई, जिसमें 77 फीसदी छात्रों का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है.
समग्र शिक्षा की ओर से परीक्षा करवाने का मुख्य उद्देश्य यह जानना था कि ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से छात्र अच्छे तरीके से पढ़ाई कर पा रहे हैं या नहीं. ट्रायल के तौर पर यह ऑनलाइन असेसमेंट परीक्षा समग्र शिक्षा की ओर से करवाई गई थी. पहली बार आयोजित की गई इस तह की परीक्षा में प्रदेश में 85 हजार से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया. उसमें से 77 फीसदी बच्चों ने 75 परसेंट से अधिक का स्कोर प्राप्त किया है. हालांकि, अभी तक समग्र शिक्षा ने छात्रों को यह परिणाम नहीं बताया है. इसका परिणाम बताने के लिए एक तिथि तय की गई है.
परीक्षा में जरूरत से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया, जिस वजह से सर्वर में कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा है. इस तरह की दिक्कतें भविष्य में पेश न आए इसके लिए समग्र गवर्नेंस जो समग्र शिक्षा के टेक्निकल पार्टनर हैं वह इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग कर रहे हैं. समग्र शिक्षा की प्रोग्रामिंग ऑफिसर शिखा ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा की असेसमेंट करने के लिए हिंदी और गणित विषय की एमसीक्यू आधारित परीक्षा ऑनलाइन ही छात्रों की करवाई गई.
पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए एमसीक्यू आधारित प्रश्न तैयार किए गए थे, जिनका छात्रों ने अपनी कक्षा के अनुसार ही चयन का जवाब दिया और इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं. अब आगामी समय में सही तरीके से यह ऑनलाइन असेसमेंट की जा सके इसके लिए पूरा प्लान तैयार किया जा रहा है. आगामी समय में जिला स्तर पर इन परीक्षाओं को करवाया जाएगा जिससे कि सर्वर पर ज्यादा लोड ना आए. परीक्षाएं भी सही तरीके से हो पाए और छात्रों का असेसमेंट भी सही से किया जा सके.
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