रामपुर: उपमंडल के काशापाट पंचायत में आज भी कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. उपमंडल के सबसे दूरदराज व पिछड़ा क्षेत्र काशापाट पहुंचना किसी खतरे से खाली नहीं है. यह क्षेत्र चारों तरह ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है. पहाड़ियों के बीच में ही काशापाट पंचायत बसा है.
सफर करना खतरे से खाली नहीं
काशापाट के लिए सफर जोगड़ी से आगे शुरू होता है. जोगड़ी से कुछ ही दूरी पर जाकर खतरनाक सफर शुरू होता है. यहां कोई हादसा होने के बाद लोगों को पता भी नहीं चलता. इस रोड को काशापाट से जोड़ने के लिए निर्माण कार्य 2005 मे शुरू किया गया था, जो अभी तक भी पूरा नहीं हो पाया है. लोग जान हथेली पर रखकर इस रोड को पार करते हैं.
संचार व्यवस्था से भी वंचित
यहां के लोग संचार व्यवस्था से भी वंचित है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक ओर जहां कोरोना काल छात्र अपने घरों में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे, तो दूसरी ओर यहां के छात्र इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाए. ग्रामीणों का कहना है कि यहां रोड बनाने के लिए योजना तो पारित कर दिया लेकिन उसे आज तक पक्का तक नहीं किया गया है. ग्रामीणों ने रोड़ को पक्का करने की और क्रैश बैरियर लगाने की मांग की है, ताकि हादसों पर कुछ हद तक अंकुश लग सके.
जल्द सड़क को किया जाएगा पक्का
एसडीओ तकलेच शोभाराम ने बताया कि काशापाट रोड को पक्का करने का कार्य ठेकेदार को दे दिया गया है. जोगणी से काशापाट तक लगभग 13 किलोमीटर तक सड़क को पक्का किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें क्रैश बैरियर, सड़क पक्का करना व कलबट लगाने का कार्य किया जाएगा.
उन्होंने यह भी बताया कि लॉकडाउन से पहले ठेकेदार द्वारा पक्का करने का कार्य शुरू कर दिया गया था, लेकिन उसके बाद मजदूर घर लौट गए. फिर काम शुरू नहीं किया जा सका. ठेकेदार को पत्र लिखकर सूचित कर दिया गया है. जल्द ही सड़क को पक्का किया जाएगा. इस कार्य पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें: हिमाचल के ग्रामीण इलाकों में मनरेगा बनी वरदान, लोगों को घर द्वार मिला कोरोना काल में रोजगार