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शिमला में नाइट कर्फ्यू पर रेस्टोरेंट एसोसिएशन व व्यापार मंडल मुखर, उठाई ये मांग

होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन और शिमला व्यापार मंडल प्रदेश सरकार के नाइट कर्फ्यू और रविवार को बाजार बंद रखने के फैसले का विरोध किया है. एसोसिएशन का कहना है कि शिमला में क्रिसमस और नए साल पर काफी तादाद में सैलानी आते हैं, लेकिन जब से प्रदेश सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाया है. पर्यटकों ने यहां से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है. कई पर्यटक अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं.

Restaurant Association shimlaRestaurant Association shimla
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Published : Dec 17, 2020, 5:24 PM IST

शिमलाः हिमाचल सरकार द्वारा प्रदेश में कोरोना को लेकर 5 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है और रविवार को पूरी तरह से बाजार बंद रखे जा रहे हैं. सरकार के इस फैसले के खिलाफ होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन और शिमला व्यापार मंडल उतर आया है और सरकार से नए साल तक नाइट कर्फ्यू हटाने और रविवार को होटल ढाबे खुले रखने की मांग की है.

एसोसिएशन का कहना है कि शिमला में क्रिसमस और नए साल पर काफी तादाद में सैलानी आते हैं, लेकिन जब से प्रदेश सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाया है. पर्यटकों ने यहां से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है. कई पर्यटक अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं.

वीडियो.

'होटल बुकिंग हो रही कैंसिल'

होटल रेस्ट्रोरेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि शिमला में पर्यटन सीजन चला हुआ है लेकिन सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. ऐसे में पर्यटक शिमला नहीं आ रहे हैं और नए साल के लिए जो एडवांस बुकिंग हुई है वह भी कैंसिल करवा दी गई है. रविवार को काफी तादाद में पर्यटक तो आ रहे हैं, लेकिन होटल ढाबे बंद रखे जा रहे है.

पर्यटकों को परेशान करने के आरोप

इससे पर्यटक खाने-पीने के लिए भटक रहे हैं. उन्होंने पुलिस पर पर्यटकों को परेशान करने के आरोप लगाए हैं और कहा कि पुलिस के जवान रिज मैदान पर जब पर्यटक कुछ खाने लगते हैं तो उनका मास्क न पहनना का चालान कर रहे हैं. जिसे पर्यटक काफी परेशान हो रहे हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री को खत्म करने के आरोप लगाए और सरकार से नाइट कर्फ्यू हटाने और रविवार को बाजार खुले रखने की मांग की.

रविवार को ढाबे-रेस्टोरेंट खुले रखने की मांग

वहीं, शिमला व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने सरकार को जल्द से जल्द नाइट कर्फ्यू हटाने और रविवार को ढाबे-रेस्टोरेंट खुले रखने की मांग की और कहा कि कोरोना के चलते पहले ही व्यापारियों को नुकसान हुआ हैं. ऐसे में अब रविवार में शहर के ढाबे रेस्टोरेंट्स बंद होने से उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि शिमला में अभी तक एक भी मामला किसी भी होटल में करोना का नहीं आया है जो भी मामले आ रहे हैं, वह या तो राजनीतिक रैलियों से या फिर शादियों के आयोजन होने से सामने आए हैं. साथ ही उन्होंने इन फैसलों को वापस ना लेने पर सड़कों पर उतर कर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में इस साल कम हुए 23 प्रतिशत सड़क हादसे, लॉकडाउन रही बड़ी वजह

शिमलाः हिमाचल सरकार द्वारा प्रदेश में कोरोना को लेकर 5 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है और रविवार को पूरी तरह से बाजार बंद रखे जा रहे हैं. सरकार के इस फैसले के खिलाफ होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन और शिमला व्यापार मंडल उतर आया है और सरकार से नए साल तक नाइट कर्फ्यू हटाने और रविवार को होटल ढाबे खुले रखने की मांग की है.

एसोसिएशन का कहना है कि शिमला में क्रिसमस और नए साल पर काफी तादाद में सैलानी आते हैं, लेकिन जब से प्रदेश सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाया है. पर्यटकों ने यहां से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है. कई पर्यटक अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं.

वीडियो.

'होटल बुकिंग हो रही कैंसिल'

होटल रेस्ट्रोरेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि शिमला में पर्यटन सीजन चला हुआ है लेकिन सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. ऐसे में पर्यटक शिमला नहीं आ रहे हैं और नए साल के लिए जो एडवांस बुकिंग हुई है वह भी कैंसिल करवा दी गई है. रविवार को काफी तादाद में पर्यटक तो आ रहे हैं, लेकिन होटल ढाबे बंद रखे जा रहे है.

पर्यटकों को परेशान करने के आरोप

इससे पर्यटक खाने-पीने के लिए भटक रहे हैं. उन्होंने पुलिस पर पर्यटकों को परेशान करने के आरोप लगाए हैं और कहा कि पुलिस के जवान रिज मैदान पर जब पर्यटक कुछ खाने लगते हैं तो उनका मास्क न पहनना का चालान कर रहे हैं. जिसे पर्यटक काफी परेशान हो रहे हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री को खत्म करने के आरोप लगाए और सरकार से नाइट कर्फ्यू हटाने और रविवार को बाजार खुले रखने की मांग की.

रविवार को ढाबे-रेस्टोरेंट खुले रखने की मांग

वहीं, शिमला व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने सरकार को जल्द से जल्द नाइट कर्फ्यू हटाने और रविवार को ढाबे-रेस्टोरेंट खुले रखने की मांग की और कहा कि कोरोना के चलते पहले ही व्यापारियों को नुकसान हुआ हैं. ऐसे में अब रविवार में शहर के ढाबे रेस्टोरेंट्स बंद होने से उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि शिमला में अभी तक एक भी मामला किसी भी होटल में करोना का नहीं आया है जो भी मामले आ रहे हैं, वह या तो राजनीतिक रैलियों से या फिर शादियों के आयोजन होने से सामने आए हैं. साथ ही उन्होंने इन फैसलों को वापस ना लेने पर सड़कों पर उतर कर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी.

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