किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में भारी बर्फबारी के बाद तापमान शून्य से नीचे जा चुका है. जिला मुख्यालय समेत अन्य क्षेत्रों में पीने की पानी की भारी समस्या का लोगों को सामना करना पड़ रहा है. जिला किन्नौर के पानी के स्त्रोत जमने से भी पानी की सप्लाई बंद हुई है. साथ ही कई जगह बर्फबारी के कारण पानी के मुख्य स्रोत टूट गए हैं, जिसके चलते अब जिला में पानी की समस्या पैदा हो गई है. पानी की पाइपलाइन को ठीक करना भी काफी मुश्किल साबित हो रहा है.
रिकांगपिओ निवासी नारायण सिंह नेगी ने बताया कि पिछले साल उन्होंने जिला प्रशासन से जिला में सर्दियों के लिए पीने के पानी की समस्या को लेकर लेह-लद्दाख की तर्ज पर पाइपलाइन बिछाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि प्रशासन से माइनस तापमान में जमने वाले पाइपों के प्रयोग करने की मांग की थी, लेकिन अब तक प्रशासन ने इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया है.
पीने की पानी की सप्लाई ठप
उन्होंने कहा कि उनके रिकांगपिओ क्षेत्र में पिछली बर्फबारी के बाद अबतक घरों में पीने की पानी की सप्लाई बंद हो गई है. लोगों को पीने के पानी के लिए दिक्कतें पेश आ रही हैं.
बर्फबारी के बाद जीवन अस्त-व्यस्त
स्थानीय लोगों का कहना है कि कि जिला किन्नौर के दुर्गम क्षेत्र और बर्फबारी के बाद जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. ऐसे में जिला में लोगों को सर्दियों में सबसे अधिक पीने के पानी की समस्या रहती है. इसके चलते लोगों को कई किलोमीटर दूर जाकर प्राकृतिक जल स्त्रोतों तक पानी भरने के लिए जाना पड़ता है. इसमें बर्फ में फिसलने से जान को खतरा भी हो सकता है.
लोगों ने जिला किन्नौर के सभी क्षेत्रों में सर्दियों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली पाइपें बिछाकर पानी की सप्लाई की व्यवस्था किए जाने की मांग की.
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