शिमला: सरकार के खिलाफ जेबीटी प्रशिक्षुओं (JBT Trainee Protest) ने मोर्चा खोल दिया है. अपनी मांगों को लेकर जेबीटी प्रशिक्षुओं ने मंगलवार को राजधानी शिमला के टॉलैंड में जमकर प्रदर्शन किया. जेबीटी प्रशिक्षुओं को टॉलैंड में प्रदर्शन करने के बाद सचिवालय (Protest outside State Secretariat) जाना था, लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें रोक (Police stopped JBT Trainee) दिया. जिसके कारण पुलिस और जेबीटी की प्रशिक्षुओं के बीच बहस भी हुई. इस दौरान जेबीटी प्रशिक्षुओं सरकार के खिलाफ नारेबाजी व प्रदर्शन करते रहे.
हिमाचल जेबीटी प्रशिक्षु संघ के प्रदेश महासचिव मोहित ठाकुर ने बताया कि सरकार द्वारा उनकी मांग नहीं मानी जा रही है. उनका कहना था कि प्रदेश में 40000 के लगभग जेबीटी प्रशिक्षु हैं, लेकिन अब कोर्ट के फैसले के अनुसार बीएड अध्यापकों को जेबीटी अध्यापक की जगह लगाया जाएगा, जिसके कारण हजारों जेबीटी बेरोजगार हो जाएंगे. उनका कहना था कि प्रदेश में इतनी डाइट खुली है, जहां जेबीटी को प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन जब जेबीटी को हटाना ही था तो यह डाइट क्यों खोली गई.
मोहित ने बताया कि सोमवार को उन्होंने प्रशासन से अनुमति मांगी थी कि उन्हें प्रदर्शन करने का और सचिवालय में सीएम को ज्ञापन देने की परमिशन दी जाए. उन्हें परमिशन भी दी गई, लेकिन आज सुबह उन्हें सचिवालय जाने से रोक दिया गया जो कि सही नहीं है. संघ के प्रदेश महासचिव का कहना है कि जब तक कोई सरकार का नुमाइंदा, यहां आकर उनकी मांगे नहीं सुनता तब तक यह धरना प्रदर्शन चलता रहेगा. गौरतलब है कि कोर्ट के फैसले के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में जेबीटी की जगह बीएड अध्यापकों को पढ़ाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में प्रदेश भर के जेबीटी प्रशिक्षुओं इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं.
वहीं, बिलासपुर में बीएड डिग्रीधारकों को नौकरी के लिए पात्र किए जाने के फैसले का जेबीटी प्रशिक्षुओं ने रैली निकालकर विरोध किया. बिलासपुर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान समेत अन्य संस्थानों के जेबीटी प्रशिक्षुओं ने कक्षाओं का बहिष्कार किया. जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि बीएड डिग्री धारकों के लिए नौकरी के बहुत अवसर हैं, लेकिन जेबीटी के पद पर डिग्री धारकों को पात्र बनाया गया, तब जेबीटी का प्रशिक्षण हासिल करने वालों के लिए नौकरी का कोई दूसरा विकल्प नहीं रहेगा. सरकार से मांग कि है कि जेबीटी प्रशिक्षुओं के हक में उच्चतम न्यायालय या फिर उच्च न्यायालय में पुन: याचिका दायर करें.
ये भी पढ़ें: श्रद्धालुओं के लिए आज से बंद हो जाएगा चंबा का कार्तिकेय मंदिर