किन्नौर: किन्नौर कांग्रेस द्वारा रिकांगपिओ में 2 दिसम्बर से एक वस्त्र बैंक (Kinnaur congress vastra bank campaign) मुहिम शुरू की गई थी, जिसे करीब 10 दिनों तक चलना था. इस मुहिम के माध्यम से असहाय और जरूरतमंद लोगों को पहनने के लिए कपड़े इत्यादि दिए जा रहे थे. इस वस्त्र बैंक में लोग अपने (vastra bank Reckong Peo) पुराने कपड़ों के साथ-साथ नए कपड़े खरीदकर भी जमा करवा रहे थे. जिसके बाद असहाय व जरूरतमंद लोगों तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कपड़े आवंटित किये जा रहे थे.
वहीं, पुलिस प्रशासन ने रविवार को रिकांगपिओ वर्षाशालिका से कांग्रेस के वस्त्र बैंक को हटाने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस में झमकर बहसबाजी भी (Argument between police and kinnaur congress) हुई. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया सदस्य दयाल नेगी (Dayal Negi Congress) ने रविवार को रिकांगपिओ में एस प्रेसवार्ता भी बुलाई.
इस दौरान उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर के चंद भाजपा नेताओं ने प्रशासन पर दबाव बनाकर कांग्रेस द्वारा चलाये जा रहे वस्त्र बैंक को हटाया है. जबकि इस कपड़ा बैंक से रोजाना दर्जनों असहाय व गरीब लोगों को पहनने के कपड़े आवंटित किये जा रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं से गरीबों की मदद नहीं देखी जा रही थी, जिसके चलते उन्होंने प्रशासन पर दबाव बनाकर रिकांगपिओ स्थित वर्षाशालिका से कांग्रेस द्वारा चलाये जा रहे कपड़ा बैंक को हटाने के निर्देश दिए हैं. जिसमें प्रशासन ने (BJP leaders Kinnaur) भाजपा नेताओं के दबाव में आकर पुलिस को मौके पर भेजा और वस्त्र बैंक को जबरन हटाने को कहा गया, जो बिल्कुल भी सही नहीं है.
दयाल नेगी ने कहा कि किन्नौर कांग्रेस द्वारा इससे पूर्व भी कोरोनाकाल में फूड बैंक चलाया (food bank kinnaur) गया था. जिसके तहत गरीबों व असहाय लोगों को भोजन आवंटित किया जाता था और अब कपड़ा बैंक के माध्यम से लोगों को सर्दियों के मद्देनजर कपड़े आवंटित किए जा रहे थे. उन्होंने कहा कि जिला कांग्रेस द्वारा इसके बावजूद भी बाजार में एक दुकान को किराए पर लिया गया है और अब वहां से वस्त्र बैंक की शुरुआत की जा रही है.
ये भी पढ़ें: राजीव बिंदल ने की जयराम सरकार की तारीफ, बोले- 4 साल में हिमाचल में स्वास्थ्य सुविधाएं हुईं बेहतर