शिमला: हिमाचल प्रदेश में विभिन्न विभागों में आउटसोर्स आधार पर नियुक्त कर्मचारियों के लिए पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. कैबिनेट सब-कमेटी अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सब कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार कर दिया है और अब इसे कैबिनेट में रख जाएगा. कैबिनेट इस ड्राफ्ट पर क्या निर्णय लेती है यह भी पता चलेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही आउटसोर्से के प्रदेश सरकार कोई निर्णय ले सकेगी.
हाल ही में हुई कैबिनेट सब कमेटी की बैठक (Outsource policy in Himachal) में ड्राफ्ट को अंतिम मंजूरी दे दी गई है. इस मसले पर गठित कैबिनेट सब-कमेटी ने विभागों से जो जानकारी मांगी थी पूरी जानकारी मिलने के बाद सब कमेटी अंतिम निर्णय पर पहुंची है. अब एक विस्तृत रिपोर्ट मंत्री परिषद की बैठक में रखी जाएगी. मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल सरकार ने प्रदेश के विभिन्न विभागों बोर्डों और निगमों में आउटसोर्स आधार पर नियुक्त कर्मचारियों की पॉलिसी बनाने की मांग को लेकर कमेटी का गठन किया है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों को लेकर कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया था. महेंद्र सिंह को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. आउटसोर्स कर्मचारी अपने लिए पॉलिसी की मांग कर रहे हैं. साथ ही वे अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग भी उठा रहे हैं.
हाल ही में बजट में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आउटसोर्स आधार पर नियुक्त कर्मचारियों के लिए महीने का न्यूनतम मानदेय 10,500 रुपये तय किया है. हिमाचल में 50 हजार से अधिक कर्मचारी आउटसोर्स आधार पर सेवाएं दे रहे हैं. कर्मचारियों की शिकायत है कि नियोक्ता कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं. उन्हें तय मानदेय से कम पैसा दिया जा रहा है और ईपीएफ में भी धांधली की जा रही है. कैबिनेट सब-कमेटी इन सभी मसलों का हल निकालने की बात कह रही है.
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