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सत्र को लेकर विपक्ष तैयार, प्रदेश में कोरोना सबसे बड़ा मुद्दा: नेता प्रतिपक्ष

हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र को कोरोना की वजह से टालने पर अभी फैसला नहीं हुआ है लेकिन विपक्ष ने सत्र को बुलाने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सत्र शिमला में करना है या धर्मशाला में इसका फैसला सरकार को करना है. विधानसभा में जनहित के मुद्दों पर चर्चा होती है और शीतकालीन सत्र की परंपरा भी रही है. ऐसे में सत्र का आयोजन किया जाना चाहिए.

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री
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Published : Nov 27, 2020, 2:13 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र को कोरोना की वजह से टालने पर अभी फैसला नहीं हुआ है लेकिन विपक्ष ने सत्र को बुलाने की मांग की है. शुक्रवार को विधानसभा में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने साफ किया कि प्रदेश में रैलियां और समारोह हो रहे हैं और आगे पंचायत चुनाव भी करवाए जा रहे हैं. ऐसे में सत्र को नहीं टाला जा सकता है.

शीतकालीन सत्र टाला नहीं जा सकता

सरकार ने सत्र को लेकर फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया है और राज्यपाल ने इसे मंजूरी दी गई है. 400 के करीब प्रश्न भी आ चुके हैं, ऐसे में सत्र नहीं टाला जा सकता है. सरकार सावधानी बरतें और सत्र का आयोजन करें. मुकेश ने कहा कि सत्र शिमला में करना है या धर्मशाला में इसका फैसला सरकार को करना है. विधानसभा में जनहित के मुद्दों पर चर्चा होती है और शीतकालीन सत्र की परंपरा भी रही है. ऐसे में सत्र का आयोजन किया जाना चाहिए.

वीडियो

प्रदेश में वर्तमान समय में कोविड सबसे बड़ा मुद्दा

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष सत्र को लेकर तैयार है. प्रदेश में कोविड सबसे बड़ा मुद्दा है और प्रदेश में मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. सरकार इससे निपटने में भी असफल हो रही है. सदन में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा और जनहित के मुद्दों और चर्चा की जाएगी.

शिमला: हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र को कोरोना की वजह से टालने पर अभी फैसला नहीं हुआ है लेकिन विपक्ष ने सत्र को बुलाने की मांग की है. शुक्रवार को विधानसभा में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने साफ किया कि प्रदेश में रैलियां और समारोह हो रहे हैं और आगे पंचायत चुनाव भी करवाए जा रहे हैं. ऐसे में सत्र को नहीं टाला जा सकता है.

शीतकालीन सत्र टाला नहीं जा सकता

सरकार ने सत्र को लेकर फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया है और राज्यपाल ने इसे मंजूरी दी गई है. 400 के करीब प्रश्न भी आ चुके हैं, ऐसे में सत्र नहीं टाला जा सकता है. सरकार सावधानी बरतें और सत्र का आयोजन करें. मुकेश ने कहा कि सत्र शिमला में करना है या धर्मशाला में इसका फैसला सरकार को करना है. विधानसभा में जनहित के मुद्दों पर चर्चा होती है और शीतकालीन सत्र की परंपरा भी रही है. ऐसे में सत्र का आयोजन किया जाना चाहिए.

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प्रदेश में वर्तमान समय में कोविड सबसे बड़ा मुद्दा

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष सत्र को लेकर तैयार है. प्रदेश में कोविड सबसे बड़ा मुद्दा है और प्रदेश में मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. सरकार इससे निपटने में भी असफल हो रही है. सदन में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा और जनहित के मुद्दों और चर्चा की जाएगी.

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