शिमला: चुनावी साल में हिमाचल सरकार के मंत्री राज्य सचिवालय में कम और अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में अधिक प्रवास कर रहे हैं. सोमवार को सीएम जयराम ठाकुर कांगड़ा जिला के दो दिवसीय प्रवास पर (Chief Minister Jairam Thakur on Kangra tour) थे तो शिमला में राज्य सचिवालय सूना रहा, मंत्री भी सचिवालय (no minister in the secretariat) में नहीं थे. चुनावी साल में अब शिमला में मंत्री कम ही मिलेंगे.
वैसे पूर्व में कांगेस सरकार के समय में और फिर मौजूदा सरकार के कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री का सभी मंत्रियों के लिए हफ्ते में तय समय सचिवालय में रहने का आदेश है. मंत्री यदि सचिवालय में नहीं रहते हैं तो आम जनता अपने कार्य के सिलसिले में उनसे मिल नहीं पाती. जरूरी फाइल्स भी आगे नहीं बढ़ती.
सोमवार को राज्य सचिवालय में दिनभर कोई भी मंत्री मौजूद नहीं था. सप्ताह के पहले दिन राज्य सचिवालय के प्रवेश द्वार पर लगी पट्टिका में सभी मंत्रियों की उपस्थिति वाले स्थान के आगे एक ही शब्द था नहीं. पिछले कई दिनों से यही हाल है. स्थानीय विधायक और शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) के अलावा इक्का-दुक्का मंत्री ही सचिवालय पहुंच रहे हैं. अधिकांश मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र में ही डटे हुए हैं. ऐसे में काम के सिलसिले में सचिवालय पहुंचे लोगों को खाली हाथ ही लौटना पड़ा.
हालांकि कुछ महीन पहले हुई भाजपा की उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (BJP high level meeting) पार्टी हाईकमान की तरफ से भी मंत्रियों को बारी-बारी से सचिवालय और भाजपा प्रदेश मुख्यालय बैठने के आदेश दिए गए थे लेकिन यह सिलसिला कुछ दिन ही चल पाया. पार्टी प्रदेश मुख्यालय बैठने की औपचारिकता एक-दो मंत्री ही निभा पाए. लेकिन अब सचिवालय का भी यही हाल है. अधिकांश मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र तक सीमित हो गए हैं. हालांकि पिछले कल रविवार को जनमंच के चलते भी अधिकांश मंत्री दूसरे जिलों के दौरे थे.
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