शिमला: पुलिस की सख्ती के बीच हिमाचल प्रदेश में नशीले पदार्थों का काला धंधा बेलगाम हो रहा है. हाल ही में मंडी जिला में हरियाणा के दो युवकों से एक करोड़ की हेरोइन पकड़ी गई. ये हिमाचल के इतिहास में नशे की सबसे बड़ी खेप है. यदि वर्ष 2020 को देखा जाए तो एनडीपीएस के मामले कम नहीं हुए हैं.
कांगड़ा में एनडीपीएस के कुल 259 केस दर्ज
नवंबर महीने तक पुलिस ने प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में एनडीपीएस के कुल 259 केस दर्ज किए. नशे के कुल 199 केस के साथ मंडी का नंबर दूसरा, 193 केस के साथ शिमला का नंबर तीसरा रहा. इसी तरह कुल्लू जिला 190 मामलों के साथ चौथे स्थान पर रहा. बिलासपुर पांचवें और ऊना छठे नंबर पर आया. बिलासपुर में 113 केस दर्ज किए गए हैं, वहीं ऊना में 97 केस दर्ज हुए हैं.
दिसंबर महीने की बात करें तो मंडी में हेरोइन की बल्ह क्षेत्र में सबसे बड़ी खेप पकड़ी गई है. वहां 337 ग्राम हेरोइन पकड़ी गई. अभी तक हिमाचल प्रदेश में एक साथ पकड़ी गई चरस की ये सर्वाधिक मात्रा है. जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में केवल एक केस सामने आया है.
साल 2020 कहां कितने केस किए दर्ज | |
बीबीएन | 30 |
बिलासपुर | 113 |
चंबा | 62 |
हमीरपुर | 47 |
मंडी | 199 |
कुल्लू | 190 |
कांगड़ा | 259 |
किन्नौर | 22 |
लाहौल स्पीति | 1 |
शिमला | 193 |
सिरमौर | 74 |
सोलन | 82 |
ऊना | 97 |
इस वर्ष चरस की सबसे अधिक मात्रा कुल्लू जिला में पकड़ी गई है. वहां कुल 151 किलोग्राम चरस बरामद की गई है. मंडी में 46 किलो चरस, शिमला में 26 किलोग्राम चरस पकड़ी गई. कांगड़ा और चंबा में 22- 22 किलो चरस पकड़ में आई है.
14 विदेशी पकड़े गए
प्रदेश में कुल्लू ऐसा जिला है, जहां एनडीपीएस एक्ट के तहत नशीले पदार्थों की तस्करी करने के आरोप में 14 विदेशी नागरिक पकड़े गए. ऐसा तब हुआ, जब मार्च महीने में लॉकडाउन लग गया था. बावजूद इसके कुल्लू में विदेशी तस्कर बाज नहीं आए. डीजीपी संजय कुंडू का कहना है कि पुलिस नशे की तस्करी करने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई कर रही है.
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