शिमला: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों में अधिकतर मौतें उन लोगों की हुई हैं जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, या फिर ऐसे कोरोना संक्रमित व्यक्ति जिसे अस्पताल पहुंचने में देरी हुई है और उनमें लंबे समय से कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हों.
8 अक्टूबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 229 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है, इनमें से 171 को किडनी, शुगर, कैंसर, निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियां थी. जिसकी वजह से इन लोगों की मौत हुई. लेकिन हैरानी की बात यह है कि इनमें से 5 लोगों की मौत घर पर ही हो गई है जबकि 22 अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके थे.
संक्रमण के लक्षण नजर आते ही टेस्ट कराएं
चिंताजनक बात यह भी है कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में हुई मौतों में 95 संक्रमित व्यक्तियों की मौत अस्पताल आने के 24 घंटे के अंदर ही हो गई है. कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का समय पर अस्पताल ना पहुंचना चिंता का विषय बना हुआ है. ऐसे लोग जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हो उन्हें जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में अपना टेस्ट करवाना चाहिए.
कोरोना पॉजिटिव का बढ़ाते रहे हौसला
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सहजल का कहना है कि कोरोना संक्रमित चाहे अस्पताल में रहे या होम आइसोलेशन में उसे दवा लगातार लेनी चाहिए. होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति से समय-समय पर बात करने के साथ-साथ उनका उत्साहवर्धन करने के लिए आशा वर्कर्स और स्वास्थ्य विभाग की टीम को दिशा निर्देश दिये गये हैं.
स्वास्थ्य महकमें की पूरी तैयारी
विशेष स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर निपुण जिंदल का कहना है कि प्रदेश के अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हुए हैं. प्रदेश के अस्पतालों में बेड क्षमता पर्याप्त है. हालांकि भविष्य में कोरोना संक्रमण के और अधिक मामले सामने आने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार अस्पतालों में बेड क्षमता को बढ़ा रही है.
अस्पतालों में बेहतर इंतजाम
वर्तमान समय में हिमाचल में डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर में कुल 2567 बेड हैं, जिसमें सिर्फ 254 ही भरे हुए हैं. प्रदेश में 2062 लोग कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद घरों में है. मंडी जिले में ऐसे भी मरीज हैं जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं. उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है.