शिमला: छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के पास सीमित आर्थिक संसाधन हैं. यहां युवा वर्ग सरकारी नौकरियों (government jobs in himachal) को लेकर बहुत आग्रही है. आलम ये है कि क्लास फोर की नौकरी के लिए एमए, एमएसी और पीएचडी तक की डिग्री वाले युवा आवेदन करते हैं. हिमाचल में सरकार कोई भी हो, सभी युवाओं को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है. हिमाचल में आंकड़ों के लिहाज से देखें तो आठ लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं की फौज (youth unemployed in Himachal) है.
जयराम सरकार ने पिछले बजट में 30 हजार सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था. उससे पहले 2019 के बजट में भी 20 हजार नौकरियां सरकारी व निजी सेक्टर में देने का वादा था. इनमें से अभी चालीस फीसदी नौकरियों को लेकर प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है. आंकड़ों के लिहाज से देखें तो हिमाचल प्रदेश में पिछले साल तक सरकार ने 28661 युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की. पिछले साल मानसून सत्र में सरकार की तरफ से बताया गया था कि हिमाचल में 8.46 लाख बेरोजगार युवा हैं. इनमें से चार लाख से अधिक युवा प्लस टू पास हैं. ये सभी रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत हैं.
हिमाचल में 8 लाख युवा बेरोजगार: वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक के आंकड़ों की जानकारी सदन में मांगी गई थी. सरकार ने जो जवाब दिया था, उसके अनुसार हिमाचल में 8 लाख, 46 हजार, 209 पंजीकृत बेरोजगार हैं. इनमें से 76318 एमए पास युवा हैं. ग्रेजुएट युवाओं की संख्या 1,36,517 है. सबसे अधिक पंजीकृत बेरोजगार दस जमा दो पास हैं. इनकी संख्या चार लाख से अधिक हैं. दसवीं पास बेरोजगार युवाओं की संख्या 1.95 लाख से अधिक हैं. दसवीं क्लास के कम शिक्षा वाले पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की संख्या 33 हजार से अधिक है.
राज्य सरकार ने दो साल में 28661 युवाओं को रोजगार दिया है. इसमें से नियमित आधार पर 3109 युवाओं को रोजगार मिला है. इसके अलावा 17390 युवाओं को अनुबंध के आधार पर जॉब हासिल हुई है और 415 युवाओं को दैनिक वेतन के आधार पर नौकरी मिली है. हिमाचल प्रदेश में आंशिक रूप से आउटसोर्स के जरिए 7747 युवाओं को नौकरी दी गई थी. उसके बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट मीटिंगों में समय-समय पर विभिन्न विभागों में नौकरियां देने की घोषणा की है.
2021 में 30 हजार सरकारी नौकरियां का वादा: कोरोना संकट के दौरान मार्च 2021 में जयराम सरकार का बजट (jairam government budget) पचास हजार करोड़ रुपए से अधिक का था. हिमाचल में पहली बार बजट का आंकड़ा पचास हजार करोड़ रुपए से अधिक का हुआ था. उस बजट में सीएम जयराम ठाकुर ने ऐलान किया था कि कुल तीस हजार सरकारी नौकरियां दी जाएंगी. उस दौरान हैल्थ में चार हजार, शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 4 हजार पद, शिक्षा विभाग में ही आठ हजार अन्य पद, लोक निर्माण विभाग में 5 हजार पद, जलशक्ति विभाग में चार हजार पद भरने सहित अन्य फंक्शनल पद भरे जाएंगे. उससे पहले भी बजट में 20 हजार पद भरने का ऐलान किया गया था. साथ ही रोजगार मेलों के माध्यम से प्रदेश में 7 हजार बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में रोजगार देने की घोषणा भी की गई थी. हिमाचल प्रदेश में मौजूदा दौर में सवा दो लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी हैं.
हिमाचल में बोरोजगारी अहम मुद्दा: हिमाचल प्रदेश के पूर्व वित्त सचिव केआर भारती मानते हैं कि सभी युवाओं को सरकारी नौकरी (youth unemployed in Himachal) देना संभव नहीं है. सरकार को निजी सेक्टर के साथ ही पर्यटन सेक्टर में रोजगार (employment in tourism sector in himachal) के साधन विकसित करने पर ध्यान देना होगा. हिमाचल प्रदेश में बागवानी सेक्टर को भी प्रोत्साहन देकर रोजगार का संकट काफी हद तक हल किया जा सकता है. माकपा नेता डॉ. केएस तंवर का कहना है कि सरकारी विभागों में सभी फंक्शनल पद भरने के लिए गंभीरता दिखानी होगी, रोजगार के नए साधनों को तलाशने की जरूरत है.
औद्योगिक क्षेत्र में हिमाचल के युवाओं को सत्तर फीसदी रोजगार सुनिश्चित करना चाहिए और जो इकाइयां ऐसा नहीं करती हैं, उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं, प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर का कहना है कि सीमित संसाधनों के बावजूद मौजूदा सरकार ने हर कैबिनेट मीटिंग में विभिन्न विभागों में पद भरने के लिए प्रयास किए हैं. सरकार ने सत्ता संभालने के बाद बजट में नौकरियों को लेकर जो भी ऐलान किए थे, उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है.
युवाओं को स्वरोजगार की ओर किया जा रहा प्रेरित: उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने राज्य सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट (Global Investors Meet in Himachal) में हजारों करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. उनमें भी रोजगार की संभावनाएं हैं. चालीस हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप के अनुसार हिमाचल में युवाओं को स्वरोजगार की तरफ प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने कई स्वावलंबन योजनाएं शुरू की हैं. उन योजनाओं का लाभ उठाकर युवा स्वरोजगार की राह अपना सकते हैं. मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत चालीस लाख रुपए का लोन आसान शर्तों पर मिलता है. इसके जरिए हजारों युवाओं ने लाभ उठाया है.
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