शिमलाः कोरोना संकटकाल में विधानसभा का मानसून सत्र सात से 18 सितंबर तक चलेगा. मानूसन सत्र इस बार हंगामेदार रहने वाला है. विपक्ष सरकार को कोरोना से निपटने के लिए गए उपायो और भ्रष्टाचार के मामलों में लेकर सदन में घेरने की तैयारी में है.
विधानसभा मानसून सत्र की तारीख तय होने पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष काफी समय से सरकार से विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा था, लेकिन सरकार सत्र नहीं बुला रही थी, लेकिन अब मानसून सत्र का समय तय कर दिया गया है.
अग्निहोत्री ने कहा कि विधानसभा ही एक ऐसी जगह है जहां पर जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. कोरोना संक्रमण को लेकर पहले भी बजट सत्र में चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं हुई. वहीं, अब मानसून सत्र में भी इन्ही मुद्दों को उठाया जाएगा और कोरोना काल में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ये सरकार कोरोना से निपटने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है. कोरोना काल में सरकार ने केवल राजनीति ही की है. सदन में सरकार की तैयारियों और नाकामियों को लेकर सवाल पूछे जाएंगे. उन्होंने कहा कि सत्र बुलाने की 6 महीने की अवधि होती है. इसके बीच में सत्र बुलाना जरूरी है. सरकार सत्र बुला कर कोई दरिया दिली नहीं दिखा रही है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र तय हो गया है. सत्र सात से 18 सितंबर तक चलेगा. सत्र में दस बैठकें होंगी. इस बार बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिल सकती है.