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पर्यटन स्थल नारकण्डा के अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का टोंटा, लोगों ने सरकार पर लगाया ये आरोप - नारकण्डा अस्पताल में स्वास्थ सुविधा का अभाव

राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर स्थित पर्यटन स्थल नारकण्डा में कारोड़ों की लागत से निर्मित अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं का आभाव है, जिससे मरीजों को इलाज के लिए शिमला या ठियोग जाना पड़ता है.

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Published : Sep 18, 2019, 2:32 PM IST

शिमला: राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर स्थित पर्यटन स्थल नारकण्डा में कारोड़ों की लागत से निर्मित अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ कर्मचारियों का टोंटा है. अस्पताल में कर्मचारी न होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.


आलम ये है कि अस्पताल में एक्सरे मशीन के साथ अन्य टेस्ट की सुविधाएं तो सरकार ने दी है, लेकिन इनको चलाने के लिए कर्मचारी नियुक्त करना भूल गए. ऐसे में एक्सरे मशीन के बाहर ताला लग गया है और चेंकअप के लिए मरीज ठियोग और शिमला जा रहे हैं. पर्यटन स्थल नारकण्डा अपने आस पास की 9 पंचायतों के अलावा यहां से आने-जाने वाले लोगों का मुख्य केंद्र है, लेकिन अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं से लोग वंचित हैं.

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नारकण्डा के साथ लगती पंचायत सिंहल के प्रधान ने बताया कि लोगों को इलाज के लिए ठियोग ओर शिमला जाना पड़ता है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द ही सरकार नारकण्डा की ओर ध्यान दे. जिससे स्थानीय पंचायत के लोगों के साथ पर्यटकों को भी स्वास्थ्य सेवाएं सही समय पर मिल सके. साथ ही कहा कि पर्यटन स्थल होने के कारण देश और दूसरे प्रदेशों के पर्यटक यहां घूमने आते हैं, लेकिन किसी भी आपातकाल के समय पर्यटकों को प्राथमिक उपचार नहीं मिलता है, तो प्रदेश की छवि खराब होती है.
बता दें कि नारकण्डा प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है, जंहा विदेशों से भी सैलानी घूमने आते हैं. ऐसे में लोगों ने सरकार पर नारकण्डा की अनदेखी का आरोप लगाए है और जल्द ही नारकण्डा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग की है.

शिमला: राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर स्थित पर्यटन स्थल नारकण्डा में कारोड़ों की लागत से निर्मित अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ कर्मचारियों का टोंटा है. अस्पताल में कर्मचारी न होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.


आलम ये है कि अस्पताल में एक्सरे मशीन के साथ अन्य टेस्ट की सुविधाएं तो सरकार ने दी है, लेकिन इनको चलाने के लिए कर्मचारी नियुक्त करना भूल गए. ऐसे में एक्सरे मशीन के बाहर ताला लग गया है और चेंकअप के लिए मरीज ठियोग और शिमला जा रहे हैं. पर्यटन स्थल नारकण्डा अपने आस पास की 9 पंचायतों के अलावा यहां से आने-जाने वाले लोगों का मुख्य केंद्र है, लेकिन अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं से लोग वंचित हैं.

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नारकण्डा के साथ लगती पंचायत सिंहल के प्रधान ने बताया कि लोगों को इलाज के लिए ठियोग ओर शिमला जाना पड़ता है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द ही सरकार नारकण्डा की ओर ध्यान दे. जिससे स्थानीय पंचायत के लोगों के साथ पर्यटकों को भी स्वास्थ्य सेवाएं सही समय पर मिल सके. साथ ही कहा कि पर्यटन स्थल होने के कारण देश और दूसरे प्रदेशों के पर्यटक यहां घूमने आते हैं, लेकिन किसी भी आपातकाल के समय पर्यटकों को प्राथमिक उपचार नहीं मिलता है, तो प्रदेश की छवि खराब होती है.
बता दें कि नारकण्डा प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है, जंहा विदेशों से भी सैलानी घूमने आते हैं. ऐसे में लोगों ने सरकार पर नारकण्डा की अनदेखी का आरोप लगाए है और जल्द ही नारकण्डा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग की है.

Intro:पर्यटन स्थल नारकण्डा में स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा।करोड़ो की लागत से बने अस्पताल में नही है कोई डॉक्टर।एक्सरे मशीन पर लटका ताला ओर टेस्ट लैब बनी शोपीस।पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग परेशान।लोगों की मांग सरकार दे स्टाफ नही तो बन्द करे अस्पताल।Body:प्रदेश सरकार द्वारा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाए देने के लाख दावे किये जाते है।लेकिन ये सब दावे तब खोखले नजर आते हैं।जब हकीकत से इनका सामना होता है।आज हम बात कर रहे है राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर स्थित नारकण्डा की जंहा सरकार ने करोड़ों की लागत से अस्पताल तो खोल दिया लेकिन यंहा पर सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने में फिस्सडी साबित हुई है।इस अस्पताल में एक्सरे मशीन के साथ अन्य टेस्ट की सुविधाएं तो सरकार ने दी है लेकिन इनको चलाने के लिए यंहा पर सरकार कर्मचारियों को लगाना भूल गयी है।जिससे शोपीस बनी हुई है।एक्सरे मशीन के बाहर ताला लटका हुआ है।और लोग ठियोग ओर शिमला जा रहे है।पर्यटन स्थल नारकण्डा अपने आस पास की 9 पंचायतो के अलावा यँहा से आने जाने वाले लोगों का मुख्य केंद्र है।लेकिन यँहा पर अस्पताल होने के बावजूद लोग स्वास्थ्य सेवाओं से महरूम है।लोगो का कहना है कि पिछले कई वर्षों से अस्पताल में डॉक्टर का टोटा चल रहा है।अस्पताल में डेपुटेशन पर डॉक्टर को कभी कभार भेजा जाता है।जिसके चलते लोग बेहद परेशान हो गए है।

बाईट,,, स्थानीय लोग

पर्यटन स्थल होने के कारण देश और दूसरे प्रदेशों के पर्यटक यंहा घूमने आते हैं लेकिन किसी भी आपातकाल ओर बीमार होने पर यंहा प्राथमिक उपचार तक नही मिल पाता।जिससे पर्यटन को नुकसान ओर प्रदेश की छवि खराब होती है।

बाईट,,, स्थानीय लोग

नारकण्डा के साथ लगती पँचायत सिंहल के प्रधान का कहना है कि उनका कार्यकाल 4 साल का हो गया लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार ने कभी गम्भीरता नही दिखाई।उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्थाई डॉक्टर न होने से लोगों को ठियोग ओर शिमला इलाज कराने जाना पड़ता है उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द ही सरकार नारकण्डा की ओर ध्यान दे जिससे स्थानीय पंचायत के लोगों के साथ पर्यटको को भी स्वास्थ्य सेवाएं सही समय पर मिल सके।उन्होंने कहा कि सरकार अगर इस अस्पताल में स्टाफ नही भेज सकती तो इस अस्पताल को बंद कर दे।

बाईट ,,, हरीश भरोटा
प्रधान सिंहल पंचायत नारकण्डाConclusion:आपको बता दे कि नारकण्डा प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है।जंहा विदेशों से भी सैलानी घूमने आते हैं।ओर साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग होने के साथ यंहा पर दुर्घटना होने पर लोगों को बेहद परेशानी होत्ती है।ऐसे में लोगों ने सरकार पर नारकण्डा की अनदेखी के आरोप लगाए है ओर सरकार से जल्द ही नारकण्डा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग की है।ओर डॉक्टर सहित अन्य अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग की है।
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