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मंडियों में पहुंचना शुरू हुआ 'लाल सोना', कांग्रेस ने की MSP बढ़ाने की मांग

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सेब सीजन शुरू हो गया है, लेकिन प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है. ठियोग-हाटकोटी मार्ग की दशा अभी तक सुधर नही पाई है. संपर्क मार्गों की हालत काफी खस्ता है ऐसे में बागवानों को अपना सेब मंडियों तक पहुचाने की चिंता सता रही है.

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Published : Jul 11, 2019, 2:57 PM IST

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शिमला: हिमाचल में सेब सीजन शुरू हो गया है. मंडियों में सेब के पहुंचने ही समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग फिर से उठने लगी है. कांग्रेस ने सेब के समर्थन मूल्य दस रुपए प्रति किलो बढ़ाने की मांग प्रदेश की जयराम सरकार से की है.

हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि जीएसटी के बाद सेब की दवाईया काफी मंहगी हो गई हैं. बागवानों का मुनाफा कम हो रहा है ओर खर्चा बढ़ रहा है. सरकार को सेब का समर्थन मूल्य बढ़ाकर बागवानों को राहत देनी चाहिए.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सेब सीजन शुरू हो गया है, लेकिन प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है. ठियोग-हाटकोटी मार्ग की दशा अभी तक सुधर नही पाई है. संपर्क मार्गों की हालत काफी खस्ता है ऐसे में बागवानों को अपना सेब मंडियों तक पहुचाने की चिंता सता रही है. सरकार को बरसात से पहले ही सड़कों को दुरुस्त करना चाहिए था, लेकिन सरकार इसके लिए गंभीर नहीं. ऊपरी शिमला में सड़कों की हालत खराब है. सरकार ने सेब सीजन को लेकर कोई तैयारी नही की जिसके चलते बागवानों को अब परेशान होना पड़ेगा.

वीडियो.

बता दें कि अभी सरकार ने सेब के लिए सात रुपए समर्थन मूल्य निर्धारित किया है. बागवानों का कहना है कि प्रति सेब पर 20 रुपए खर्च आता है और सरकार को खर्च के हिसाब से ही समर्थन मूल्य तय करना चाहिए. एक तरफ विदेशी सेब की चुनौती है तो दूसरी ओर सरकार ने सेब का समर्थन मूल्य नाममात्र तय किया है.

शिमला: हिमाचल में सेब सीजन शुरू हो गया है. मंडियों में सेब के पहुंचने ही समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग फिर से उठने लगी है. कांग्रेस ने सेब के समर्थन मूल्य दस रुपए प्रति किलो बढ़ाने की मांग प्रदेश की जयराम सरकार से की है.

हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि जीएसटी के बाद सेब की दवाईया काफी मंहगी हो गई हैं. बागवानों का मुनाफा कम हो रहा है ओर खर्चा बढ़ रहा है. सरकार को सेब का समर्थन मूल्य बढ़ाकर बागवानों को राहत देनी चाहिए.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सेब सीजन शुरू हो गया है, लेकिन प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है. ठियोग-हाटकोटी मार्ग की दशा अभी तक सुधर नही पाई है. संपर्क मार्गों की हालत काफी खस्ता है ऐसे में बागवानों को अपना सेब मंडियों तक पहुचाने की चिंता सता रही है. सरकार को बरसात से पहले ही सड़कों को दुरुस्त करना चाहिए था, लेकिन सरकार इसके लिए गंभीर नहीं. ऊपरी शिमला में सड़कों की हालत खराब है. सरकार ने सेब सीजन को लेकर कोई तैयारी नही की जिसके चलते बागवानों को अब परेशान होना पड़ेगा.

वीडियो.

बता दें कि अभी सरकार ने सेब के लिए सात रुपए समर्थन मूल्य निर्धारित किया है. बागवानों का कहना है कि प्रति सेब पर 20 रुपए खर्च आता है और सरकार को खर्च के हिसाब से ही समर्थन मूल्य तय करना चाहिए. एक तरफ विदेशी सेब की चुनौती है तो दूसरी ओर सरकार ने सेब का समर्थन मूल्य नाममात्र तय किया है.

Intro:
हिमाचल में सेब सीजन शुरू हो गया है । मंडियों में सेब पहुचने लगा है। वही सेब के समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग फिर से उठने लगी है। कांग्रेस ने सेब के समर्थन मूल्य में दस रुपए प्रति किलो बढ़ाने की मांग प्रदेश की जयराम सरकार से की है। हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि जीएसटी के बाद सेब की दवाईया काफी मंहगी हो गई है। बागवानों का मुनाफा कम हो रहा है ओर खर्चा बढ़ रहा है। सरकार को सेब का समर्थन मूल्य बढ़ाना चाहिए। ताकि बागवानों को राहत मिले।


Body:राठौर ने कहा कि सेब सीजन शुरू हो गया है लेकिन प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है। ठियोग हाटकोटी मार्ग की दशा अभी तक सुधर नही पाई है और जो लिंक रोड है उनकी हालत काफी खस्ता है और अब सेब सीजन शुरू होने जा रहा है ऐसे में बागवानों को अपना सेब मंडियों तक पहुचाने की चिंता सता रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को बरसात से पहले ही सड़को को दरुस्त करना चाहिए था लेकिन सरकार इसको लेकर गंभीर नही हुई और ऊपरी शिमला में सड़कों की हालत खराब है। सरकार ने सेब सीजन को लेकर कोई तैयारी नही की जिसके चलते बागवानों को अब परेशान होना पड़ेगा।


Conclusion:बता दे अभी सरकार ने सात रुपए समर्थन मूल्य सरकार ने निर्धारित किया है । बागवानों का कहना है कि प्रति सेब पर 20 रुपए खर्च आता है और सरकार को खर्च के हिसाब से ही समर्थन मूल्य तह करना चाहिए।
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