शिमला: नए वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से हिमाचल सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ा (Debt on Himachal Pradesh) है. जून महीने के अंतिम हफ्ते में सरकार ने एक हजार करोड़ रुपए का लोन लेने की प्रक्रिया शुरू की थी और छह जुलाई को सरकार के खाते में रकम आ गई थी. अब कर्मचारियों को एरियर व डीए के भुगतान के लिए राज्य सरकार फिर से 1500 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही (Jairam Government will take 1500 crores loan) है. हिमाचल पर पहले ही 63 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है.
कर्मचारियों की देनदारी के दबाव को कम करने के लिए सरकार के पास कर्ज लेने के अलावा और कोई चारा नहीं है. हिमाचल सरकार को तीन फीसदी महंगाई भत्ता देना बाकी (Jairam Government take loan for Himachal) है. इसके अलावा एरियर पर ही भारी-भरकम रकम खर्च होनी है. नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद सरकार के खजाने पर सालाना छह हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ा है. वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार 1500 करोड़ रुपए का लोन लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
अगस्त के पहले हफ्ते में ये राशि सरकार के खजाने में आना संभावित है. गुरुवार को कैबिनेट की बैठक भी है. अगस्त महीने में मानसून सेशन है. ऐसे में मानसून सेशन या उसके एकदम बाद कर्मचारियों के लिए एरियर व डीए के भुगतान को लेकर आदेश जारी हो सकते हैं. क्योंकि एरियर और डीए की घोषणा केवल सीएम के अधिकार क्षेत्र में है, लिहाजा अनुमान लगाया जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस के आसपास ये ऐलान हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन के अलावा कर्ज व कर्ज के ब्याज की अदायगी पर खर्च हो जाता (DEBT BURDEN ON JAIRAM GOVERNMENT) है. मौजूदा हालात ये हैं कि दो महीने में ही सरकार को ढाई हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ा है.
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