शिमला : हिमाचल में बजट सत्र (Himachal budget session) शुरू होने के साथ ही जयराम सरकार ने सामान्य वर्ग (general category commission)आयोग के विभिन्न पहलुओं को लेकर अधिसूचना जारी कर (Jairam government issued notification) दी है. आयोग में अध्यक्ष के साथ दो सदस्य होंगे. हिमाचल प्रदेश सामान्य वर्ग आयोग का कार्यकाल एक साल का होगा. अधिसूचना के अनुसार आयोग का मुख्यालय शिमला में ही रहेगा. बुधवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की गई.
अधिसूचना के अनुसार आयोग में अध्यक्ष के साथ दो सदस्य होंगे.संयुक्त सचिव के स्तर के अधिकारी को आयोग के सदस्य सचिव यानी मेंबर सेक्रेटरी की जिम्मेदारी दी जाएगी. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में सवर्ण समाज से जुड़े संगठनों ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मशाला में विधानसभा का घेराव किया था. तब सरकार को उसी रात सामान्य वर्ग आयोग के गठन का ऐलान करना पड़ा था.
जयराम सरकार ने तब प्रारंभिक चरण के तौर पर आयोग के गठन के ऐलान की अधिसूचना जारी की थी. उसके बाद सवर्ण संगठनों के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि यदि आयोग के गठन की आगामी प्रक्रिया जल्द पूरी न की गई तो शिमला को जाम किया जाएगा. अब विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सरकार ने अधिसूचना जारी कर आयोग की रूपरेखा तय की है.
सामान्य वर्ग आयोग हिमाचल प्रदेश में सवर्ण समाज की समस्याओं पर विचार करेगा. यह आयोग सामान्य वर्ग से जुड़े साधनहीन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का रास्ता सरल करेगा. साथ ही गरीब कल्याण योजनाओं का अध्ययन कर सरकार को सुझाव देगा. आयोग का कार्यकाल फिलहाल एक साल का तय किया गया. इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है.
आयोग सामान्य वर्ग के परिवारों और इस वर्ग के साधनहीन लोगों की बेहतरी और कल्याण के लिए सरकार को अपनी सिफारिशें देगा. आयोग सामान्य वर्ग से संबंधित जनता की समस्याओं को सुनेगा और उन्हें दूर करने के लिए सरकार को अपने सुझाव भी देगा. सामान्य वर्ग की जनता के कल्याण वाली योजनाओं के नीति निर्धारण के लिए आयोग देश के अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन करेगा.
साथ ही उन नीतियों को पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में लागू करवाने की सिफारिश करेगा. सामान्य वर्ग आयोग किसी भी तरह की सूचना व जानकारी अन्य विभागों से ले सकेगा. अधिसूचना में ये भी उल्लेख किया गया है कि सरकार आयोग को सभी प्रकार की सहायता देगी. आयोग की जरूरत के हिसाब से अधिकारी व कर्मचारी उपलब्ध करवाएं जाएंगे. वेतन और अन्य सुविधाओं के लिए राज्य सरकार आयोग को पर्याप्त बजट प्रदान करेगी.
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