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IGMC में जल्द तैयार होगा नया ऑपरेशन थिएटर, कोरोना संदिग्ध मरीजों को बिना देरी के मिलेगा उपचार - अलग से ऑपरेशन थियेटर

आईजीएमसी शिमला प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि अब आईजीएमसी में अलग से ऑपरेशन थियेटर तैयार किया जा रहा है ताकि कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों और सेब सीजन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुए मरीजों को तुरंत बिना किसी देरी के ईलाज मिल सके.

IGMC separate operation theater
IGMC separate operation theater
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Published : Jul 6, 2020, 6:52 PM IST

शिमलाः आईजीएमसी के पुरानी बिल्डिंग के ई-ब्लॉक में नया ऑपरेशन थियेटर बनाया जा रहा है. अब किसी दुर्घटना में घायल मरीज को तुरंत ऑप्रेशन की जरूरत होगी, तो इस नए ऑपरेशन थियेटर नें उसे आसानी से ईलाज मिल सकेगा.

आईजीएमसी शिमला प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि नई ओटी में अब हर कोरोना संदिग्ध का ऑपरेशन किया जाएगा. इसके लिए अलग से सामान मंगवा लिया गया है. जल्द ही अतिरिक्त ऑपरेशन थियेटर में काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि सेब सीजन के दौरान दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत ऑपरेशन की जरूरत रहती है.

कोरोना सैंपल लेने के बाद भी ज्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता है. अगर सामान्य ओटी में ऑपरेशन करेंगे और बाद में मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो इससे पूरी ओटी को ही बंद करना पड़ेगा. लिहाजा अब प्रशासन अलग ओटी होने से नई ओटी में कोई परेशानी नहीं आएगी.

इसलिए भी है जरूरी अतिरिक्त ऑपरेशन थियेटर

सेब सीजन के दौरान दुर्घटनाएं 15 से 20 फीसदी तक बढ़ जाती हैं. सेब को बाहरी राज्यों में भेजा जाता है तो चालकों में कोरोना संक्रमण होने का डर भी बना रहेगा. ऐसे में अगर दुर्घटना होती है तो चालक को कई बार इमरजेंसी में ऑपरेशन की जरूरत होती है.

हालांकि कोरोना की रिपोर्ट 45 मिनट में आ जाती है, लेकिन तब तक ऑपरेशन का इंतजार नहीं किया जा सकता. ऐसे में अस्पताल के डॉक्टर अब रिपोर्ट आने से पहले भी अलग ओटी में ऑपरेशन शुरू कर सकेंगे.

सामान्य ओटी में रहती है भीड़

आईजीएमसी में प्रदेशभर से मरीज आते हैं. सामान्य ओटी में रोजाना 55 से 60 ऑपरेशन होते हैं. इमरजेंसी में अलग से ऑपरेशन किए जाते हैं. ऐसे में अगर यहां पर कोरोना मरीज का ऑपरेशन होता है तो ओटी को बंद करना पड़ेगा. इसके अलावा सामान्य ओटी ट्रामा वार्ड के साथ है, जिसमें अन्य लोगों के संक्रमित होने का भी डर बना रहता है. ई ब्लॉक आईजीएमसी से अलग है. यहां पर मरीज की आवाजाही भी नहीं रहती.

ट्राइज रूम भी किया गया अलग

प्रशासन ने इससे पहले ट्राइज रूम को भी अलग किया है. यह ट्राइज रूम नए ओपीडी ब्लॉक में बनाया गया है. इसमें इमरजेंसी में आने वाले हर मरीज को यहीं रखा जाता है. उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें ओटी में शिफ्ट किया जाता है, लेकिन अब मरीजों को ओटी में आसानी से शिफ्ट किया जा सकेगा. जब तक रिपोर्ट आएगी तब तक मरीज का ऑपरेशन भी चलता रहेगा और मरीज की जान बचाना आसान हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- मेडिकल कॉलेज नेरचौक को कोविड सेंटर बनाने से लोग परेशान, जल्द OPD शुरू करने की मांग

शिमलाः आईजीएमसी के पुरानी बिल्डिंग के ई-ब्लॉक में नया ऑपरेशन थियेटर बनाया जा रहा है. अब किसी दुर्घटना में घायल मरीज को तुरंत ऑप्रेशन की जरूरत होगी, तो इस नए ऑपरेशन थियेटर नें उसे आसानी से ईलाज मिल सकेगा.

आईजीएमसी शिमला प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि नई ओटी में अब हर कोरोना संदिग्ध का ऑपरेशन किया जाएगा. इसके लिए अलग से सामान मंगवा लिया गया है. जल्द ही अतिरिक्त ऑपरेशन थियेटर में काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि सेब सीजन के दौरान दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत ऑपरेशन की जरूरत रहती है.

कोरोना सैंपल लेने के बाद भी ज्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता है. अगर सामान्य ओटी में ऑपरेशन करेंगे और बाद में मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो इससे पूरी ओटी को ही बंद करना पड़ेगा. लिहाजा अब प्रशासन अलग ओटी होने से नई ओटी में कोई परेशानी नहीं आएगी.

इसलिए भी है जरूरी अतिरिक्त ऑपरेशन थियेटर

सेब सीजन के दौरान दुर्घटनाएं 15 से 20 फीसदी तक बढ़ जाती हैं. सेब को बाहरी राज्यों में भेजा जाता है तो चालकों में कोरोना संक्रमण होने का डर भी बना रहेगा. ऐसे में अगर दुर्घटना होती है तो चालक को कई बार इमरजेंसी में ऑपरेशन की जरूरत होती है.

हालांकि कोरोना की रिपोर्ट 45 मिनट में आ जाती है, लेकिन तब तक ऑपरेशन का इंतजार नहीं किया जा सकता. ऐसे में अस्पताल के डॉक्टर अब रिपोर्ट आने से पहले भी अलग ओटी में ऑपरेशन शुरू कर सकेंगे.

सामान्य ओटी में रहती है भीड़

आईजीएमसी में प्रदेशभर से मरीज आते हैं. सामान्य ओटी में रोजाना 55 से 60 ऑपरेशन होते हैं. इमरजेंसी में अलग से ऑपरेशन किए जाते हैं. ऐसे में अगर यहां पर कोरोना मरीज का ऑपरेशन होता है तो ओटी को बंद करना पड़ेगा. इसके अलावा सामान्य ओटी ट्रामा वार्ड के साथ है, जिसमें अन्य लोगों के संक्रमित होने का भी डर बना रहता है. ई ब्लॉक आईजीएमसी से अलग है. यहां पर मरीज की आवाजाही भी नहीं रहती.

ट्राइज रूम भी किया गया अलग

प्रशासन ने इससे पहले ट्राइज रूम को भी अलग किया है. यह ट्राइज रूम नए ओपीडी ब्लॉक में बनाया गया है. इसमें इमरजेंसी में आने वाले हर मरीज को यहीं रखा जाता है. उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें ओटी में शिफ्ट किया जाता है, लेकिन अब मरीजों को ओटी में आसानी से शिफ्ट किया जा सकेगा. जब तक रिपोर्ट आएगी तब तक मरीज का ऑपरेशन भी चलता रहेगा और मरीज की जान बचाना आसान हो जाएगा.

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