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एम्स के 4 डॉक्टरों की निगरानी में IGMC में होंगे 2 किडनी ट्रांसप्लांट, CM राहत कोष से 7 लाख रुपये मंजूर - दिल्ली एम्स

आईजीएमसी में दिल्ली एम्स के 4 डॉक्टरों की निगरानी में 2 किडनी ट्रांसप्लांट होंगे. आईजीएमसी में प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि सोमवार को दो मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट होना है. दोनों मरीजों को ऑपरेशन के लिए तैयार कर लिया गया है. इन दोनों की सारी रिपोर्ट्स बिल्कुल ठीक है.

आईजीएमसी शिमला
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Published : Aug 21, 2021, 5:59 PM IST

शिमला: सूबे के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में सोमवार को होने वाले चौथे व 5वें किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली एम्स से चार डॉक्टर आएंगे. दिल्ली एम्स से नेफ्रोलॉजी व यूरोलॉजी के डॉक्टर आएंगे. वहीं, आईजीएमसी के सर्जरी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, एनेस्थीसिया, कार्डियक थोरेसिक सर्जरी व रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर भी उपस्थित रहेंगे. मरीजों के लिए बड़ी राहत वाली बात यह है कि ऑपरेशन निशुल्क होंगे. इन दोनों मरीजों के लिए सीएम राहत कोष से 7 लाख रुपये दिए गए हैं.

निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट करवाने पर एक मरीज को 15 से 16 लाख रुपये खर्च आता. किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सीटीबीएस ऑपरेशन थियेटर को तैयार कर लिया गया है. दोनों मरीजों की सभी रिपोर्ट नॉर्मल है. रविवार को दिल्ली से डॉक्टरों की टीम यहां पहुंच जाएगी.

आईजीएमसी प्रशासन ने सुबह 9 बजे से ऑपरेशन शुरू करने का निर्णय लिया है. बाकि जो एम्स के डॉक्टर समय तय करेंगे, उस हिसाब से ऑपरेशन होगा. आईजीएमसी में दो साल पहले भी 3 मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट हुए हैं. तीनों ही मरीज स्वस्थ हैं. कोविड के चलते किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पा रहे थे, लेकिन अब अगर स्थिति ठीक रही तो, निरंतर ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे.

जानकारी के अनुसार उपमंडल करसोग के गोपालपुर के 32 वर्षीय युवक व भरमौर चंबा के 28 वर्षीय युवक का किडनी ट्रांसप्लांट होना है. दोनों मरीजों को उनके घर के सदस्य ही किडनी दे रहे हैं, जिनकी सभी रिपोर्ट नॉर्मल है.

आईजीएमसी में 12 अगस्त 2019 को पहला किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. अभी तक तीन किडनी ट्रांसप्लांट निशुल्क हुए हैं. सीएम चिकित्सा सहायता कोष मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है. इससे पहले हिमाचल के मरीज पीजीआई या फिर बाहरी राज्य में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जाते थे. कोविड काल में मरीजों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, लेकिन अब फिर शुरू हो रहे किडनी ट्रांसप्लांट के चलते मरीजों को ज्यादा दिक्कतें नहीं आएंगी.

आईजीएमसी में अभी किडनी ट्रांसप्लांट एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में ही होंगे. अधिकारियों का कहना है कि 10 ऑपरेशन अभी एम्स डाक्टरों की निगरानी में ही होंगे. उसके बाद आईजीएमसी के डॉक्टर स्वंय ऑपरेशन करेंगे.

इस संबंध में आईजीएमसी में प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि सोमवार को दो मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट होना है. दोनों मरीजों को ऑपरेशन के लिए तैयार कर लिया गया है. इन दोनों की सारी रिपोर्ट्स बिल्कुल ठीक है. आईजीएमसी प्रशासन की ओर से सारी तैयारी कर ली गई है. डॉक्टरों की टीम भी तैयार है.

ये भी पढ़ें: सीएम के बाद अब BJP विधायक का अजीब तर्क, बोले: रैलियों से नहीं फैलता कोरोना

शिमला: सूबे के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में सोमवार को होने वाले चौथे व 5वें किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली एम्स से चार डॉक्टर आएंगे. दिल्ली एम्स से नेफ्रोलॉजी व यूरोलॉजी के डॉक्टर आएंगे. वहीं, आईजीएमसी के सर्जरी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, एनेस्थीसिया, कार्डियक थोरेसिक सर्जरी व रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर भी उपस्थित रहेंगे. मरीजों के लिए बड़ी राहत वाली बात यह है कि ऑपरेशन निशुल्क होंगे. इन दोनों मरीजों के लिए सीएम राहत कोष से 7 लाख रुपये दिए गए हैं.

निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट करवाने पर एक मरीज को 15 से 16 लाख रुपये खर्च आता. किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सीटीबीएस ऑपरेशन थियेटर को तैयार कर लिया गया है. दोनों मरीजों की सभी रिपोर्ट नॉर्मल है. रविवार को दिल्ली से डॉक्टरों की टीम यहां पहुंच जाएगी.

आईजीएमसी प्रशासन ने सुबह 9 बजे से ऑपरेशन शुरू करने का निर्णय लिया है. बाकि जो एम्स के डॉक्टर समय तय करेंगे, उस हिसाब से ऑपरेशन होगा. आईजीएमसी में दो साल पहले भी 3 मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट हुए हैं. तीनों ही मरीज स्वस्थ हैं. कोविड के चलते किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पा रहे थे, लेकिन अब अगर स्थिति ठीक रही तो, निरंतर ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे.

जानकारी के अनुसार उपमंडल करसोग के गोपालपुर के 32 वर्षीय युवक व भरमौर चंबा के 28 वर्षीय युवक का किडनी ट्रांसप्लांट होना है. दोनों मरीजों को उनके घर के सदस्य ही किडनी दे रहे हैं, जिनकी सभी रिपोर्ट नॉर्मल है.

आईजीएमसी में 12 अगस्त 2019 को पहला किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. अभी तक तीन किडनी ट्रांसप्लांट निशुल्क हुए हैं. सीएम चिकित्सा सहायता कोष मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है. इससे पहले हिमाचल के मरीज पीजीआई या फिर बाहरी राज्य में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जाते थे. कोविड काल में मरीजों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, लेकिन अब फिर शुरू हो रहे किडनी ट्रांसप्लांट के चलते मरीजों को ज्यादा दिक्कतें नहीं आएंगी.

आईजीएमसी में अभी किडनी ट्रांसप्लांट एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में ही होंगे. अधिकारियों का कहना है कि 10 ऑपरेशन अभी एम्स डाक्टरों की निगरानी में ही होंगे. उसके बाद आईजीएमसी के डॉक्टर स्वंय ऑपरेशन करेंगे.

इस संबंध में आईजीएमसी में प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि सोमवार को दो मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट होना है. दोनों मरीजों को ऑपरेशन के लिए तैयार कर लिया गया है. इन दोनों की सारी रिपोर्ट्स बिल्कुल ठीक है. आईजीएमसी प्रशासन की ओर से सारी तैयारी कर ली गई है. डॉक्टरों की टीम भी तैयार है.

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