शिमला: महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध से संबंधित अंतर-विभागीय मुद्दों का निवारण करने व उनके बारे में एक बहु-आयमी रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया. इसी बीच प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू भी मौजूद रहे.
बता दें कि इस दौरान पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने अपने संबोधन में यौन उत्पीड़न, बाल पोर्नोग्राफ्री, सोशल मीडिया में शोषण, लापता बच्चों, अनैतिक तस्करी, अश्लील प्रतिनिधित्व, नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन से जुड़े मुद्दों पर जोर दिया.
इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) निशा सिंह ने महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को रोकने और अन्वेषण करने के लिए समन्वय से कार्य करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. साथ ही उन्होंने आत्महत्या के मामलों में पुलिस द्वारा प्रोफाइल बनाने की कोशिश को सराहा और आश्वासन दिया कि सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग आत्महत्या को रोकने के सभी उपाय करेगा.
सीआडी पुलिस विभाग द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को प्रदेश में पिछले एक दशक में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध की रिपोर्ट से अवगत कराया गया. साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर महिलाओं के खिलाफ अपराध का तुलनात्मक विश्लेषण किया.
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार की महिला पुलिस स्वयंसेवी योजना राज्य के मंडी और ऊना जिलों में पायलट आधार पर लागू की जाएगी और महिला पुलिस वालंटियर को प्रति माह 1000 रुपये का मानदेय दिया जाएगा.
संजय कुंडू ने कहा कि महिला पुलिस वॉलंटियर को प्रशिक्षित भी किया जाएगा, ताकि वे पुलिस और महिला पीड़ितों के बीच मध्यस्थ के रूप मे बेहतर कार्य कर सके. उन्होंने कहा कि गुडिया हेल्पलाइन 1515 के साथ महिला हेल्प लाइन नंबर 181 को एकीकृत करने का प्रयास किया जाएगा.
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