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व्यावसायिक शिक्षक कल्याण संघ का सरकार को अल्टीमेटम, मांगें पूरी न होने पर हड़ताल की चेतावनी

स्थायी नीति की मांग कर रहे हिमाचल प्रदेश व्यावसायिक शिक्षक कल्याण संघ (Himachal Vocational Teachers Welfare Association) ने प्रदेश सरकार को अगले 10 दिनों में मांग पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है. संघ का कहना है कि व्यावसायिक शिक्षक पूरी इमानदारी से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, ऐसे में सरकार को कहा उनके लिए स्थायी नीति बननी चाहिए, उल्टा सरकार व विभाग उनका शोषण कर रहा है.

Vocational Teachers Welfare Association
व्यावसायिक शिक्षक कल्याण संघ
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Published : Feb 11, 2022, 8:06 PM IST

Updated : Feb 11, 2022, 8:34 PM IST

शिमला: स्थायी नीति की मांग कर रहे हिमाचल प्रदेश व्यावसायिक शिक्षक कल्याण संघ (Himachal Vocational Teachers Welfare Association) ने प्रदेश सरकार को अगले 10 दिनों में मांग पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है. संघ का कहना है कि यदि 10 दिनों के अंदर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है, तो करीब 2 हजार व्यावसायिक शिक्षक जिला स्तर पर पेन डाउन स्ट्राइक करेंगे. यदि फिर भी सरकार नहीं जागी, तो राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा.

यह जानकारी शुक्रवार को शिमला में आयोजि प्रेसवार्ता (Vocational Teachers PC Shimla) में संघ के प्रदेशाध्यक्ष जसवंत ठाकुर ने दी. उन्होंने कहा कि जुलाई 2013 में प्रदेश के स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षण शुरू किया गया था, तब 100 स्कूलों से इसकी शुरुआत की गई थी. वहीं, अब प्रदेश के 1003 स्कूलों में 2 हजार व्यावसायिक शिक्षक करीब 2 लाख छात्रओं को 18 विभिन्न व्यावसायिक विषय पढ़ा रहे हैं.

व्यावसायिक शिक्षक कल्याण संघ.

उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षक पूरी इमानदारी से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, ऐसे में सरकार को कहा उनके लिए स्थायी नीति बननी चाहिए, उल्टा सरकार व विभाग उनका शोषण कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा व्यावसायिक शिक्षकों (Vocational Teachers demands to Himachal government) को हर साल मिलने वाले इन्क्रीमेंट बंद कर उनका वेतन फिक्स कर दिया है, ऐसे में बीते 9 सालों से काम करे व्यावसायिक शिक्षक को ताजा नियुक्त व्यावसायिक शिक्षक को बराबर वेतन मिलने से पुराने व्यावसायिक शिक्षकों को आर्थिक नुकसान है.

उन्होंने कहा कि संघ लंबे समय से उनके लिए स्थायी नीति बनाने, शिक्षा विभाग में नियमित करने और वीटीपी भर्ती प्रक्रिया को बंद करने की मांग कर रहा है, जिसके लिए वह कई मर्तबा मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व संबंधित अधिकारियों से मिल चुके हैं. लेकिन, अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में यदि 10 दिनों के अंदर सरकार स्थायी नीति की घोषणा नहीं करती है, तो मजबूर उन्हें संघर्ष का रास्ता अपनाना होगा.

ये भी पढ़ें: सीएमओ के ट्रांसफर पर सवाल, 18 दिन बाद रिटायर होने वाले डॉक्टर को भेजा गया किन्नौर

शिमला: स्थायी नीति की मांग कर रहे हिमाचल प्रदेश व्यावसायिक शिक्षक कल्याण संघ (Himachal Vocational Teachers Welfare Association) ने प्रदेश सरकार को अगले 10 दिनों में मांग पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है. संघ का कहना है कि यदि 10 दिनों के अंदर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है, तो करीब 2 हजार व्यावसायिक शिक्षक जिला स्तर पर पेन डाउन स्ट्राइक करेंगे. यदि फिर भी सरकार नहीं जागी, तो राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा.

यह जानकारी शुक्रवार को शिमला में आयोजि प्रेसवार्ता (Vocational Teachers PC Shimla) में संघ के प्रदेशाध्यक्ष जसवंत ठाकुर ने दी. उन्होंने कहा कि जुलाई 2013 में प्रदेश के स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षण शुरू किया गया था, तब 100 स्कूलों से इसकी शुरुआत की गई थी. वहीं, अब प्रदेश के 1003 स्कूलों में 2 हजार व्यावसायिक शिक्षक करीब 2 लाख छात्रओं को 18 विभिन्न व्यावसायिक विषय पढ़ा रहे हैं.

व्यावसायिक शिक्षक कल्याण संघ.

उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षक पूरी इमानदारी से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, ऐसे में सरकार को कहा उनके लिए स्थायी नीति बननी चाहिए, उल्टा सरकार व विभाग उनका शोषण कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा व्यावसायिक शिक्षकों (Vocational Teachers demands to Himachal government) को हर साल मिलने वाले इन्क्रीमेंट बंद कर उनका वेतन फिक्स कर दिया है, ऐसे में बीते 9 सालों से काम करे व्यावसायिक शिक्षक को ताजा नियुक्त व्यावसायिक शिक्षक को बराबर वेतन मिलने से पुराने व्यावसायिक शिक्षकों को आर्थिक नुकसान है.

उन्होंने कहा कि संघ लंबे समय से उनके लिए स्थायी नीति बनाने, शिक्षा विभाग में नियमित करने और वीटीपी भर्ती प्रक्रिया को बंद करने की मांग कर रहा है, जिसके लिए वह कई मर्तबा मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व संबंधित अधिकारियों से मिल चुके हैं. लेकिन, अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में यदि 10 दिनों के अंदर सरकार स्थायी नीति की घोषणा नहीं करती है, तो मजबूर उन्हें संघर्ष का रास्ता अपनाना होगा.

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Last Updated : Feb 11, 2022, 8:34 PM IST
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