शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission meeting in shimla) की टीम हिमाचल के दौरे पर है. इस दौरान अधिकारियों और राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की जा रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को शिमला में केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission) की टीम ने प्रदेश के मुख्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. जहां प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव आयोग की टीम को अपने-अपने सुझाव देने पहुंचे.
राजनीतिक दलों ने हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को मद्देनजर रखते हुए चुनाव समय पर कराए जाने की मांग रखी. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से जल्द प्रदेश में आचार संहिता लगाने का आग्रह भी किया. कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुशांत कपरेट ने कहा कि इन दिनों केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम हिमाचल आई हुई है और आज सभी राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग की बैठक हुई. उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान चुनाव आयोग को कई सुझाव दिए गए है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Himachal assembly election 2022) को नजदीक आता देख सरकार फिजूलखर्ची करने में लगी हुई है. ऐसे में चुनाव आयोग से जल्द चुनाव आचार संहिता लगाने का आग्रह किया गया है. ताकि फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जा सके. साथ ही तीन सालों से कई अधिकारी एक ही जगह तैनात हैं और वे भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. ऐसे में उनका तबादला किया जाए. इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में पोलिंग बूथ बढ़ाए जाने की मांग भी उठाई.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पोलिंग बूथों की संख्या कम होने के चलते मतदान कम होता है. ऐसे में लोकतंत्र में सशक्त भारत के निर्माण के लिए पोलिंग बूथ की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए. ताकि मतदान की संख्या भी बढ़े. उन्होंने कहा कि कई शहरी विधानसभा क्षेत्रों से वोटर शिफ्ट किया जा रहा हैं. उसको लेकर भी चुनाव आयोग को अवगत करवाया गया है और किन्नौर में कांग्रेस विधायक के साथ उपायुक्त द्वारा किए जा रहे व्यवहार को भी चुनाव आयोग के समक्ष रखा गया है.
बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम 24 सितंबर तक हिमाचल प्रदेश के दौरे पर है. आज राजनीतिक दलों के साथ बैठक (Himachal political parties meeting) के बाद चुनाव आयोग ने पुलिस नोडल अधिकारियों, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशकन (DGP Himachal Pradesh) के साथ भी बैठक की.
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