शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने राज्य में डॉक्टर्स के 300 पद भरने की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया (Doctors recruitment process in Himachal) है. हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के फैसले के अनुरूप डॉक्टर्स के 300 पद भरने की प्रक्रिया जारी रहेगी. रविवार 4 सितंबर को इस भर्ती को लेकर परीक्षा तय की गई है. अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी नेरचौक की तरफ से ये परीक्षा आयोजित की जानी है. इसका शैड्यूल पहले से तय है.
प्रदेश सरकार ने पहले डॉक्टर्स के 300 पद वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से भरने का फैसला लिया (HP High Court on Doctors recruitment) था. बाद में सरकार ने इसके लिए परीक्षा तय कर दी. वॉक-इन-इंटरव्यू में मौके पर ही कागजात व डिग्री आदि चैक करने के बाद डॉक्टर्स को नियुक्ति दे दी जाती थी. अब सरकार ने इसके बदले परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया. इसी फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के 300 पदों की भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी.
अदालत ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश अमजद एहतेशान सईद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने अंतरिम आदेश में व्यवस्था देते हुए कहा कि अदालत की अनुमति के बिना परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जाए. मामले की सुनवाई अब 12 सितंबर को निर्धारित की गई है. हाईकोर्ट में डॉक्टर शौर्या चौधरी और अन्य द्वारा दायर याचिका में दलील दी गई है कि राज्य सरकार वर्ष 2012 से 2022 तक इन पदों को वॉक इन इंटरव्यू से ही भरती कर रही है.
कैबिनेट ने 300 पद वॉक इन इंटरव्यू से और 200 पद लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने का निर्णय लिया था. यही नहीं, 21 दिसंबर 2020 को राज्य सरकार ने चिकित्सकों के 251 पद वॉक इन इंटरव्यू से ही भरे गये थे. इसके अलावा एक फरवरी 2022 को भी चिकित्सकों के 43 पद भरे गए थे. इसी साल 14 जुलाई को राज्य सरकार ने चिकित्सकों के 300 पद वॉक इन इंटरव्यू से भरे जाने को स्वीकृति दी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि 3 अगस्त को राज्य सरकार ने अपने ही फैसले को पलटते हुए 300 पदों को परीक्षा के माध्यम से भरे जाने का निर्णय लिया है.
सरकार का इस तरह का निर्णय नियमों के विपरीत ही नहीं बल्कि नौकरी की राह देख रहे प्रशिक्षु चिकित्सकों के साथ भी खिलवाड़ है. वहीं, राज्य सरकार की दलील है कि नियमों के अनुसार परीक्षा के माध्यम से इन पदों को भरने का जिम्मा अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी को दिया है. यूनिवर्सिटी ने प्रदेश में 300 चिकित्सकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. चिकित्सकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 4 सितम्बर को निर्धारित की गई है. वहीं, प्रशिक्षु चिकित्सकों ने अदालत से गुहार लगाई थी कि इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द किया जाए और सरकार को आदेश दिए जाएं कि इन पदों को नियमों के अनुसार वॉक इन इंटरव्यू से ही भरा जाए. फिलहाल, अदालत ने प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार किया है. इस तरह अब परीक्षा समय पर ही होगी.
ये भी पढ़ें: धर्मशाला के खनियारा में भारी बारिश ने बरपाया कहर, दुकानों को नुकसान, गाड़ियां बहीं