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हिमाचल हाईकोर्ट का आदेश, साहसिक खेलों के दौरान किए जाए उचित सुरक्षा प्रबंध

हिमाचल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने हवाई खेल, रिवर राफ्टिंग और जानवरों की सवारी से जुड़े मुद्दे पर राज्य सरकार को जरूरी निर्देश जारी किए हैं. खंडपीठ का कहना है कि साहसिक खेलों (adventure sports in himachal) के दौरान सुरक्षा के उचित प्रबंध किए जाने चाहिए. साथ ही, एयरो स्पोर्ट ऑपरेशंस सूर्यास्त से एक घंटे पहले या शाम 6 बजे से पूर्व समाप्त कर लिया जाए.

himachal high court
हिमाचल हाईकोर्ट.
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Published : Jan 18, 2022, 9:00 PM IST

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने हवाई खेल, रिवर राफ्टिंग और जानवरों की सवारी से जुड़े मुद्दे पर राज्य सरकार को जरूरी निर्देश जारी किए हैं. प्रदेश उच्च न्यायालय ने जनहित से जुड़ी याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को यह निर्देश दिए कि विशेषतया हवाई खेल (paragliding in himachal) के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा पैराशूट, हेलमेट, दोतरफा रेडियो संचार उपकरण और ऑपरेटरों को हेलिकॉप्टर के उपयोग के लिए बीमा निकासी का प्रबंध किया जाए.

ऑपरेटर अपने साथ दो अच्छी तरह से सुसज्जित त्रिकोणीय से युक्त प्राथमिक चिकित्सा किट पट्टियां, पैड, धुंध रोलर पट्टियां, दबाव पट्टियां, कैंची आदि रखे. ऑपरेटर के पास प्रतिभागियों के मार्गदर्शन के लिए दो गाइड और हवाई राफ्ट का संचालन करने वाले व्यक्ति नियमों के तहत आवश्यक योग्यता रखते हों. ऑपरेटर के पास 18 वर्ष से अधिक आयु वाले गाइड हों और सभी गाइड अच्छी तरह से हवाई खेल और बचाव तकनीकों में प्रशिक्षित हों. ऑपरेटर के पास चिकित्सा सुविधाएं और ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा उपायों के रूप में आवश्यक उपकरण हो. एयरो स्पोर्ट ऑपरेशंस सूर्यास्त से एक घंटे पहले या शाम 6 बजे से पूर्व समाप्त कर लिया जाए.

हाईकोर्ट ने कहा कि रिवर राफ्टिंग के संबंध में समिति निरीक्षण करें और सत्यापित करें कि क्या ऑपरेटर के पास आवश्यक उपकरण, चिकित्सा सुविधाएं और संचालन के दौरान सुरक्षा उपाय अन्य सुविधाएं भी मौजूद है. जहां तक की जानवरों की सवारी का प्रश्न है यह सुनिश्चित करना होगा कि जानवरों के साथ कोई क्रूरता नहीं की जाए. भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया जाए और ऐसे प्रत्येक जानवर जिनमें घोड़े और याक शामिल हैं कि पशु चिकित्सक द्वारा चिकित्सकीय जांच की जाए.

एक 12 वर्ष के बालक की हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग साइट (paragliding in himachal) पर मौत से जुड़ी खबर पर संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की सर्दियों की छुट्टियों के दौरान विशेष तौर पर गठित खंडपीठ ने उपरोक्त आदेश पारित किए हैं. 12 साल के बालक अद्विक के बदकिस्मत माता-पिता के साथ बेंगलुरु से उसकी छोटी बहन हिमाचल प्रदेश का दौरा करने आये थे. 22 दिसंबर, 2021 को तथाकथित दोपहर करीब 1:30 बजे पैराग्लाइडिंग की साइट पर पहुंच गए.

उन्हें वहां सूचित किया गया कि टेक ऑफ प्वाइंट लगभग 10-15 किलोमीटर की दूरी पर है और केवल जीप द्वारा पहुंचा जा सकता है. जीप की दोपहिया वाहन से अचानक टक्कर हो गई. चालक ने वाहन से नियंत्रण खो देता है, जिसके परिणाम स्वरूप, जीप 15 फीट खाई में जा गिरी. जबकि सभी को गंभीर चोटें लगीं. अद्विक के सिर में लगी जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई.

ये भी पढ़ें: विधायक प्राथमिकता बैठक: हिमाचल में विपक्षी विधायकों के साथ नहीं होता किसी भी तरह का भेदभाव- सीएम जयराम

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने हवाई खेल, रिवर राफ्टिंग और जानवरों की सवारी से जुड़े मुद्दे पर राज्य सरकार को जरूरी निर्देश जारी किए हैं. प्रदेश उच्च न्यायालय ने जनहित से जुड़ी याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को यह निर्देश दिए कि विशेषतया हवाई खेल (paragliding in himachal) के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा पैराशूट, हेलमेट, दोतरफा रेडियो संचार उपकरण और ऑपरेटरों को हेलिकॉप्टर के उपयोग के लिए बीमा निकासी का प्रबंध किया जाए.

ऑपरेटर अपने साथ दो अच्छी तरह से सुसज्जित त्रिकोणीय से युक्त प्राथमिक चिकित्सा किट पट्टियां, पैड, धुंध रोलर पट्टियां, दबाव पट्टियां, कैंची आदि रखे. ऑपरेटर के पास प्रतिभागियों के मार्गदर्शन के लिए दो गाइड और हवाई राफ्ट का संचालन करने वाले व्यक्ति नियमों के तहत आवश्यक योग्यता रखते हों. ऑपरेटर के पास 18 वर्ष से अधिक आयु वाले गाइड हों और सभी गाइड अच्छी तरह से हवाई खेल और बचाव तकनीकों में प्रशिक्षित हों. ऑपरेटर के पास चिकित्सा सुविधाएं और ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा उपायों के रूप में आवश्यक उपकरण हो. एयरो स्पोर्ट ऑपरेशंस सूर्यास्त से एक घंटे पहले या शाम 6 बजे से पूर्व समाप्त कर लिया जाए.

हाईकोर्ट ने कहा कि रिवर राफ्टिंग के संबंध में समिति निरीक्षण करें और सत्यापित करें कि क्या ऑपरेटर के पास आवश्यक उपकरण, चिकित्सा सुविधाएं और संचालन के दौरान सुरक्षा उपाय अन्य सुविधाएं भी मौजूद है. जहां तक की जानवरों की सवारी का प्रश्न है यह सुनिश्चित करना होगा कि जानवरों के साथ कोई क्रूरता नहीं की जाए. भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया जाए और ऐसे प्रत्येक जानवर जिनमें घोड़े और याक शामिल हैं कि पशु चिकित्सक द्वारा चिकित्सकीय जांच की जाए.

एक 12 वर्ष के बालक की हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग साइट (paragliding in himachal) पर मौत से जुड़ी खबर पर संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की सर्दियों की छुट्टियों के दौरान विशेष तौर पर गठित खंडपीठ ने उपरोक्त आदेश पारित किए हैं. 12 साल के बालक अद्विक के बदकिस्मत माता-पिता के साथ बेंगलुरु से उसकी छोटी बहन हिमाचल प्रदेश का दौरा करने आये थे. 22 दिसंबर, 2021 को तथाकथित दोपहर करीब 1:30 बजे पैराग्लाइडिंग की साइट पर पहुंच गए.

उन्हें वहां सूचित किया गया कि टेक ऑफ प्वाइंट लगभग 10-15 किलोमीटर की दूरी पर है और केवल जीप द्वारा पहुंचा जा सकता है. जीप की दोपहिया वाहन से अचानक टक्कर हो गई. चालक ने वाहन से नियंत्रण खो देता है, जिसके परिणाम स्वरूप, जीप 15 फीट खाई में जा गिरी. जबकि सभी को गंभीर चोटें लगीं. अद्विक के सिर में लगी जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई.

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