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Lahaul Spiti Potatoes: लाहौल स्पीति में उगते हैं बेहतर क्वालिटी के आलू, मनाली में चिप्स फैक्ट्री लगाने की प्रक्रिया जारी

आलू के लिए दुनिया भर में मशहूर लाहौल-स्पीति के आलू से चिप्स तैयार करने की संभावनाओं पर हिमाचल सरकार ने काम शुरू कर दिया है. कई निजी कंपनियां चिप्स बनाने के लिए यहां से आलू खरीदने का करार भी कर चुकी हैं. इसके अलावा ये कंपनियां शूलिंग गांव में चिप्सोना क्वालिटी का आलू बीज भी देती हैं. इससे पैदा हुए आलू को देश के अन्य राज्यों में बीज के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. फिर उस आलू से चिप्स तैयार किए जाएंगे. राज्य सरकार मनाली में चिप्स फैक्ट्री स्थापित कर लाहौल के आलू उत्पादकों को उनकी उपज के बेहतर दाम दिलाएगी. कृषि विभाग ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है. योजना के सिरे चढ़ने पर लाहौल की आलू सोसायटी के दो हजार से अधिक सदस्यों को लाभ मिलेगा.

chips factory in Manali
फोटो.
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Published : Dec 29, 2021, 5:21 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 1:26 PM IST

शिमला: आलू के लिए दुनिया भर में मशहूर लाहौल-स्पीति के आलू से चिप्स तैयार करने की संभावनाओं पर हिमाचल सरकार ने काम शुरू कर दिया है. राज्य सरकार मनाली में चिप्स फैक्ट्री स्थापित कर लाहौल के आलू उत्पादकों (potato production in himachal pradesh) को उनकी उपज के बेहतर दाम दिलाने पर काम कर रही है. इसपर कृषि विभाग ने काम शुरू कर दिया है. लाहौल के शूलिंग गांव में बेहतर क्वालिटी के चिप्स आलू पैदा किए जाते हैं. कई निजी कंपनियां चिप्स बनाने के लिए यहां से आलू खरीदने का करार भी कर चुकी हैं.

इसके अलावा यह कंपनियां कंपनी ने शूलिंग गांव में चिप्सोना क्वालिटी (Lahaul Spiti Potatoes) का आलू बीज भी देती हैं. इससे पैदा हुए आलू को देश के अन्य राज्यों में बीज के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. फिर उस आलू से चिप्स तैयार किए जाएंगे. लाहौल घाटी के इलाके अपने शुद्ध प्राकृतिक वातावरण के लिए जाने जाते हैं. यहां के इलाके साल में छह महीने बर्फ से ढके रहते हैं. बर्फ का पानी रिस-रिस कर जमीन में पहुंचता है. यहां किसी तरह के कीट नहीं पाए जाते. भूमि काफी उर्वर होती है. यहां की पैदावार में किसी भी तरह के रसायनों का दुष्प्रभाव नहीं है. यही कारण है कि स्वास्थ्य के लिए यहां के उत्पाद बेहतर हैं. हिमाचल सरकार बीज आलू के लिए दुनिया भर में मशहूर लाहौल-स्पीति के आलू से चिप्स तैयार करने की संभावनाओं पर काम कर रही है.

chips factory in Manali
फोटो.

राज्य सरकार मनाली में चिप्स फैक्ट्री (Chips Factory in Manali) स्थापित कर लाहौल के आलू उत्पादकों को उनकी उपज के बेहतर दाम दिलाएगी. कृषि विभाग ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है. योजना के सिरे चढ़ने पर लाहौल की आलू सोसायटी के दो हजार से अधिक सदस्यों को लाभ मिलेगा. हिमाचल सरकार के कृषि व सूचना तकनीकी मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने इस प्रक्रिया की पुष्टि की है.

chips factory in Manali
फोटो.

लाहौल में किसान आलू की खेती बहुतायत में करते हैं. यहां का आलू बीज के लिए विख्यात है. यहां के किसानों ने लाहौल आलू सोसायटी का गठन किया हुआ है. सोसायटी में दो हजार से अधिक किसान सदस्य हैं. लाहौल में हर साल 20 क्विंटल के करीब आलू की पैदावार (Potato production in Lahaul Spiti) होती है. यदि लाहौल का आलू चिप्स के लिए उपयुक्त पाया गया तो यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति में बेहतर बदलाव आएगा.

chips factory in Manali
फोटो.

यहां बता दें कि लाहौल का आलू बीज पाकिस्तान को भी निर्यात होता है. शिमला जिला के समीप स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान कुफरी (Central Potato Research Institute Kufri) में विकसित की गई आलू बीजों को लाहौल में प्रमुखता से उगाया जाता है. केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान कुफरी की विख्यात किस्मों कुफरी ज्योति व कुफरी चंद्रमुखी लाहौल के किसानों में सबसे अधिक लोकप्रिय हैं.

लाहौल स्पीति दुर्गम जनजातीय जिला है, लिहाजा यहां के किसानों ने अपनी सहूलियत के लिए सोसायटी का गठन किया. ये सोसायटी कृषि विभाग के सहयोग से आलू का विपणन करती है. आलू किसानों की आय बढ़ाने के लिए चिप्स फैक्ट्री महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकती है. जिस आलू में स्टार्च की मात्रा कम होती है, वो चिप्स के लिए बेहतर माना जाता है.

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लाहौल का आलू इस कसौटी पर खरा उतर सकता है. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों की बात करें तो हिमाचली आलू की बाजार में अच्छी कीमत (lahaul spiti potato rates) नहीं मिलने से किसानों को नुकसान हो रहा है. आलू उत्पादक अब अपने उपयोग के लिए ही इसकी पैदावार कर रहे हैं. किसानों को आलू उत्पादन से लाभ दिलाने के लिए सरकार मनाली में चिप्स की फैक्ट्री लगाने की योजना पर कार्य कर रही है. इस संबंध में सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों से भी बातचीत चल रही है.

ये भी पढ़ें- Winter vacation in Himachal: स्कूल, कॉलेजों में शीतकालीन अवकाश घोषित, लेकिन छात्रों को करना होगा ये काम

शिमला: आलू के लिए दुनिया भर में मशहूर लाहौल-स्पीति के आलू से चिप्स तैयार करने की संभावनाओं पर हिमाचल सरकार ने काम शुरू कर दिया है. राज्य सरकार मनाली में चिप्स फैक्ट्री स्थापित कर लाहौल के आलू उत्पादकों (potato production in himachal pradesh) को उनकी उपज के बेहतर दाम दिलाने पर काम कर रही है. इसपर कृषि विभाग ने काम शुरू कर दिया है. लाहौल के शूलिंग गांव में बेहतर क्वालिटी के चिप्स आलू पैदा किए जाते हैं. कई निजी कंपनियां चिप्स बनाने के लिए यहां से आलू खरीदने का करार भी कर चुकी हैं.

इसके अलावा यह कंपनियां कंपनी ने शूलिंग गांव में चिप्सोना क्वालिटी (Lahaul Spiti Potatoes) का आलू बीज भी देती हैं. इससे पैदा हुए आलू को देश के अन्य राज्यों में बीज के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. फिर उस आलू से चिप्स तैयार किए जाएंगे. लाहौल घाटी के इलाके अपने शुद्ध प्राकृतिक वातावरण के लिए जाने जाते हैं. यहां के इलाके साल में छह महीने बर्फ से ढके रहते हैं. बर्फ का पानी रिस-रिस कर जमीन में पहुंचता है. यहां किसी तरह के कीट नहीं पाए जाते. भूमि काफी उर्वर होती है. यहां की पैदावार में किसी भी तरह के रसायनों का दुष्प्रभाव नहीं है. यही कारण है कि स्वास्थ्य के लिए यहां के उत्पाद बेहतर हैं. हिमाचल सरकार बीज आलू के लिए दुनिया भर में मशहूर लाहौल-स्पीति के आलू से चिप्स तैयार करने की संभावनाओं पर काम कर रही है.

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राज्य सरकार मनाली में चिप्स फैक्ट्री (Chips Factory in Manali) स्थापित कर लाहौल के आलू उत्पादकों को उनकी उपज के बेहतर दाम दिलाएगी. कृषि विभाग ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है. योजना के सिरे चढ़ने पर लाहौल की आलू सोसायटी के दो हजार से अधिक सदस्यों को लाभ मिलेगा. हिमाचल सरकार के कृषि व सूचना तकनीकी मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने इस प्रक्रिया की पुष्टि की है.

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फोटो.

लाहौल में किसान आलू की खेती बहुतायत में करते हैं. यहां का आलू बीज के लिए विख्यात है. यहां के किसानों ने लाहौल आलू सोसायटी का गठन किया हुआ है. सोसायटी में दो हजार से अधिक किसान सदस्य हैं. लाहौल में हर साल 20 क्विंटल के करीब आलू की पैदावार (Potato production in Lahaul Spiti) होती है. यदि लाहौल का आलू चिप्स के लिए उपयुक्त पाया गया तो यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति में बेहतर बदलाव आएगा.

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यहां बता दें कि लाहौल का आलू बीज पाकिस्तान को भी निर्यात होता है. शिमला जिला के समीप स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान कुफरी (Central Potato Research Institute Kufri) में विकसित की गई आलू बीजों को लाहौल में प्रमुखता से उगाया जाता है. केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान कुफरी की विख्यात किस्मों कुफरी ज्योति व कुफरी चंद्रमुखी लाहौल के किसानों में सबसे अधिक लोकप्रिय हैं.

लाहौल स्पीति दुर्गम जनजातीय जिला है, लिहाजा यहां के किसानों ने अपनी सहूलियत के लिए सोसायटी का गठन किया. ये सोसायटी कृषि विभाग के सहयोग से आलू का विपणन करती है. आलू किसानों की आय बढ़ाने के लिए चिप्स फैक्ट्री महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकती है. जिस आलू में स्टार्च की मात्रा कम होती है, वो चिप्स के लिए बेहतर माना जाता है.

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लाहौल का आलू इस कसौटी पर खरा उतर सकता है. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों की बात करें तो हिमाचली आलू की बाजार में अच्छी कीमत (lahaul spiti potato rates) नहीं मिलने से किसानों को नुकसान हो रहा है. आलू उत्पादक अब अपने उपयोग के लिए ही इसकी पैदावार कर रहे हैं. किसानों को आलू उत्पादन से लाभ दिलाने के लिए सरकार मनाली में चिप्स की फैक्ट्री लगाने की योजना पर कार्य कर रही है. इस संबंध में सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों से भी बातचीत चल रही है.

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Last Updated : Jan 4, 2022, 1:26 PM IST
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