ETV Bharat / city

हिमाचल का सिरदर्द: 3443 करोड़ के घाटे में डूबे निगम और बोर्ड, एक साल में बढ़ा 263 करोड़ घाटा

हिमाचल के निगम व बोर्ड 3443 करोड़ रुपये के घाटे में हैं. ऊपर से एक साल के भीतर ही 263 करोड़ रुपये का घाटा बढ़ा है. राज्य में कुल 23 पीएसयू यानी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं. इनमें से 13 उपक्रम घाटे में चल रहे हैं. हैरानी की बात है कि उर्जा राज्य हिमाचल प्रदेश का स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड सबसे अधिक घाटे में है.

Himachal Corporation and Board In 3443 crores deficit
हिमाचल निगम घाटा
author img

By

Published : Mar 7, 2020, 8:09 PM IST

शिमला: पहले से ही कर्ज के बोझ में डूबे हिमाचल के लिए सरकारी निगम और बोर्ड लगातार सिरदर्द साबित हो रहे हैं. हालात किस कदर खराब हैं, उसकी गवाही आंकड़े दे रहे हैं. निगम व बोर्ड 3443 करोड़ रुपये के घाटे में हैं. ऊपर से एक साल के भीतर ही 263 करोड़ रुपये का घाटा बढ़ा है.

राज्य में कुल 23 पीएसयू यानी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं. इनमें से 13 उपक्रम घाटे में चल रहे हैं. हैरानी की बात है कि उर्जा राज्य हिमाचल प्रदेश का स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड सबसे अधिक घाटे में है. उसके बाद हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम का नंबर है. कर्मचारियों की संख्या के लिहाज से देखा जाए तो कुल 23 निगम व बोर्ड में 29 हजार 575 कर्मचारी कार्यरत हैं.

राज्य बिजली बोर्ड का घाटा 1531.50 करोड़ रुपये है. इसके बाद नंबर आता है हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम का. परिवहन निगम यानी एचआरटीसी का घाटा 1387.27 करोड़ रुपये है.

इसके अलावा एचपी वित्तीय निगम शिमला का घाटा 160.16 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन शिमला का 212.82 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश ऊर्जा संचार निगम शिमला 53.06 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम सोलन 24.46 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश एग्रो इंडस्ट्रीज निगम सीमित शिमला 11.19 करोड़ रुपये.

हिमाचल प्रदेश उद्यान उपज विपणन एवं विधायन निगम सीमित शिमला 87.73 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम सीमित शिमला को 113.04 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम सीमित शिमला को 13.99 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम सीमित शिमला को 33.84 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रसंघ शिमला को 19.85 करोड़ रुपये और हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम शिमला को 7.77 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.

दस ने दिखाया दम, ये हैं मुनाफे में चल रहे निगम व बोर्ड

कुल 23 में से दस निगम व बोर्ड लाभ में हैं. इनमेंहिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण शिमला, हिमाचल प्रदेश भूतपूर्व सैनिक निगम हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम सीमित शिमला, हिमाचल प्रदेश सामान्य उद्योग निगम सीमित शिमला.

हिमाचल प्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम सीमित शिमला, हिमाचल प्रदेश राज्य इलैक्ट्रानिक्स विकास निगम सीमित शिमला, हिमाचल प्रदेश महिला विकास निगम सोलन, हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड शिमला, हिमाचल पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम कांगड़ा और हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम शिमला शामिल का नाम शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः शिमला-धर्मशाला में स्मार्ट सिटी कार्यो को मिलेगी गति, बजट में सौ करोड़ का प्रावधान

शिमला: पहले से ही कर्ज के बोझ में डूबे हिमाचल के लिए सरकारी निगम और बोर्ड लगातार सिरदर्द साबित हो रहे हैं. हालात किस कदर खराब हैं, उसकी गवाही आंकड़े दे रहे हैं. निगम व बोर्ड 3443 करोड़ रुपये के घाटे में हैं. ऊपर से एक साल के भीतर ही 263 करोड़ रुपये का घाटा बढ़ा है.

राज्य में कुल 23 पीएसयू यानी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं. इनमें से 13 उपक्रम घाटे में चल रहे हैं. हैरानी की बात है कि उर्जा राज्य हिमाचल प्रदेश का स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड सबसे अधिक घाटे में है. उसके बाद हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम का नंबर है. कर्मचारियों की संख्या के लिहाज से देखा जाए तो कुल 23 निगम व बोर्ड में 29 हजार 575 कर्मचारी कार्यरत हैं.

राज्य बिजली बोर्ड का घाटा 1531.50 करोड़ रुपये है. इसके बाद नंबर आता है हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम का. परिवहन निगम यानी एचआरटीसी का घाटा 1387.27 करोड़ रुपये है.

इसके अलावा एचपी वित्तीय निगम शिमला का घाटा 160.16 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन शिमला का 212.82 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश ऊर्जा संचार निगम शिमला 53.06 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम सोलन 24.46 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश एग्रो इंडस्ट्रीज निगम सीमित शिमला 11.19 करोड़ रुपये.

हिमाचल प्रदेश उद्यान उपज विपणन एवं विधायन निगम सीमित शिमला 87.73 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम सीमित शिमला को 113.04 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम सीमित शिमला को 13.99 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम सीमित शिमला को 33.84 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रसंघ शिमला को 19.85 करोड़ रुपये और हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम शिमला को 7.77 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.

दस ने दिखाया दम, ये हैं मुनाफे में चल रहे निगम व बोर्ड

कुल 23 में से दस निगम व बोर्ड लाभ में हैं. इनमेंहिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण शिमला, हिमाचल प्रदेश भूतपूर्व सैनिक निगम हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम सीमित शिमला, हिमाचल प्रदेश सामान्य उद्योग निगम सीमित शिमला.

हिमाचल प्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम सीमित शिमला, हिमाचल प्रदेश राज्य इलैक्ट्रानिक्स विकास निगम सीमित शिमला, हिमाचल प्रदेश महिला विकास निगम सोलन, हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड शिमला, हिमाचल पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम कांगड़ा और हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम शिमला शामिल का नाम शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः शिमला-धर्मशाला में स्मार्ट सिटी कार्यो को मिलेगी गति, बजट में सौ करोड़ का प्रावधान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.