शिमलाः प्रदेश में कई सालों से नौकरी की आस लगाए करुणामूलक आश्रितों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को राजधानी शिमला में कालीबाड़ी के पास रेन शेल्टर में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए आश्रित भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. आश्रितों का कहना है कि 24 अक्टूबर तक उनके हक में सरकार कोई फैसला नहीं लेती हैं तो 27 अक्टूबर से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा.
करुणामूलक संघ ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया. प्रदेश करुणामूलक आश्रित संघ के अध्यक्ष पमिल का कहना है कि पिछले 15 सालों से आश्रित नौकरी के लिए भटक रहे हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री से भी कई बार मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में करुणामूलक आश्रित के आधार पर रोजगार लेने के लिए 4500 लोग हैं, जिन्हें करुणामूलक आश्रितों के आधार पर रोजगार मिलना है, लेकिन सरकार लंबे समय से उन्हें केवल आश्वासन देती आई है. करुणामूलक संघ ने विधानसभा के बाहर भी प्रदर्शन किया था और सरकार से करुणामूलक पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से इसको लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. इसी को लेकर अब भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया गया है.
पमिल कुमार ने कहा सात दिनों तक भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया गया है. इसमें प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के आश्रित पहुंचे हैं और सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आमरण अनशन शुरू किया जाएगा और इस बीच यदि कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
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