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मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे करुणामूलक आश्रित, सात दिन का दिया अल्टीमेटम

शिमला में करुणामूलक संघ अपनी मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. प्रदेश करुणामूलक आश्रित संघ के अध्यक्ष पमिल का कहना है कि पिछले 15 सालों से आश्रित नौकरी के लिए भटक रहे हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री से भी कई बार मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है. करुणामूलक संघ का कहना है कि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वे 27 अक्टूबर से आमरण अनशन शुरू करेंगे.

Compassionate union hunger strike
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Published : Oct 20, 2020, 6:38 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 6:46 PM IST

शिमलाः प्रदेश में कई सालों से नौकरी की आस लगाए करुणामूलक आश्रितों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को राजधानी शिमला में कालीबाड़ी के पास रेन शेल्टर में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए आश्रित भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. आश्रितों का कहना है कि 24 अक्टूबर तक उनके हक में सरकार कोई फैसला नहीं लेती हैं तो 27 अक्टूबर से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा.

करुणामूलक संघ ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया. प्रदेश करुणामूलक आश्रित संघ के अध्यक्ष पमिल का कहना है कि पिछले 15 सालों से आश्रित नौकरी के लिए भटक रहे हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री से भी कई बार मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में करुणामूलक आश्रित के आधार पर रोजगार लेने के लिए 4500 लोग हैं, जिन्हें करुणामूलक आश्रितों के आधार पर रोजगार मिलना है, लेकिन सरकार लंबे समय से उन्हें केवल आश्वासन देती आई है. करुणामूलक संघ ने विधानसभा के बाहर भी प्रदर्शन किया था और सरकार से करुणामूलक पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से इसको लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. इसी को लेकर अब भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया गया है.

पमिल कुमार ने कहा सात दिनों तक भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया गया है. इसमें प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के आश्रित पहुंचे हैं और सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आमरण अनशन शुरू किया जाएगा और इस बीच यदि कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में कोरोना से 2 और लोगों ने गंवाई जान, मौत का आंकड़ा पहुंचा 267

ये भी पढ़ें- 55 बरस का हुआ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी, सादगी से मनाया गया स्थापना दिवस

शिमलाः प्रदेश में कई सालों से नौकरी की आस लगाए करुणामूलक आश्रितों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को राजधानी शिमला में कालीबाड़ी के पास रेन शेल्टर में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए आश्रित भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. आश्रितों का कहना है कि 24 अक्टूबर तक उनके हक में सरकार कोई फैसला नहीं लेती हैं तो 27 अक्टूबर से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा.

करुणामूलक संघ ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया. प्रदेश करुणामूलक आश्रित संघ के अध्यक्ष पमिल का कहना है कि पिछले 15 सालों से आश्रित नौकरी के लिए भटक रहे हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री से भी कई बार मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में करुणामूलक आश्रित के आधार पर रोजगार लेने के लिए 4500 लोग हैं, जिन्हें करुणामूलक आश्रितों के आधार पर रोजगार मिलना है, लेकिन सरकार लंबे समय से उन्हें केवल आश्वासन देती आई है. करुणामूलक संघ ने विधानसभा के बाहर भी प्रदर्शन किया था और सरकार से करुणामूलक पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से इसको लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. इसी को लेकर अब भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया गया है.

पमिल कुमार ने कहा सात दिनों तक भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया गया है. इसमें प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के आश्रित पहुंचे हैं और सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आमरण अनशन शुरू किया जाएगा और इस बीच यदि कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

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Last Updated : Oct 20, 2020, 6:46 PM IST
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