शिमला: देवभूमि हिमाचल प्रदेश की सियासत में इन दिनों शीर्ष नेताओं के बीच बयानबाजी मर्यादाएं लांघ रही हैं. राज्य के मुखिया और विपक्षी दल के नेता के बीच सियासी वार निजी जीवन तक पहुंच गए हैं. तीखी बयानबाजी का आलम ये है कि दोनों नेताओं के बयानों में परिवार तक का जिक्र हो रहा (Jairam Thakur vs Mukesh Agnihotri) है. टब्बर, पत्नी और बेटियों आदि का जिक्र आ गया है. इससे भी बढ़कर निजी जीवन पर संवेदनशील चर्चाएं भी सोशल मीडिया में टॉक ऑफ दि टाउन बन गई हैं. वैसे तो हिमाचल की राजनीति में शीर्ष नेताओं के बीच जुबानी जंग कोई नई बात नहीं है, लेकिन विगत में शब्दों की मर्यादा ऐसे नहीं टूटी.
वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल की बहसबाजी: दिग्गज राजनेता वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल के बीच सदन के भीतर और बाहर तीखी बहसबाजी होती रही है, लेकिन उस दौरान भी दोनों नेता शालीन शब्दों में अपनी बात कहते थे. वीरभद्र सिंह अकसर विरोधियों को मकरझंडू कहा करते (Himachal leaders controversial statements) थे, लेकिन वे तुरंत ही इस शब्द का अर्थ बताकर माहौल को हल्का-फुल्का कर दिया करते थे. अगस्त 2015 की बात है. विधानसभा के मानसून सेशन के दौरान तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह व नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के बीच एक मामले पर तीखी बहस हो गई. इस पर वीरभद्र सिंह ने धूमल को प्रेम से बोलने की सलाह दी.
धूमल ने तुरंत कहा कि उनका नाम ही प्रेम है और वे प्रेम से ही बोलते हैं, आपको भद्रता से सुनना चाहिए. तब वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्हें मालूम है कि धूमल कितना प्रेम से बोलते हैं. वीरभद्र ने कहा कि जब आपकी सरकार थी तो मेरे खिलाफ कई केस किए (Virbhadra singh on prem kumar dhumal) गए. जब धूमल ने उन्हें चुनौती दी कि किस पर कितने केस हुए, इस पर चर्चा हो जाए तो सीएम वीरभद्र सिंह चुप हो गए और बात आगे नहीं बढ़ाई. सदन के भीतर और बाहर दोनों नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी होती रही, लेकिन चर्चा मर्यादित ही रहती थी.
एक-दूसरे से उलझे दोनों शीर्ष नेता: अगस्त 2016 के विधानसभा सत्र में भी दोनों शीर्ष नेता एक-दूसरे से उलझे. वीरभद्र सिंह ने तैश में आकर कहा कि धूमल को अपने दिल में झांकना चाहिए कि वहां कितना मैल, विष और प्रतिशोध भरा हुआ है. शिलान्यास पट्टिकाओं को तोड़ने के मामले में हुई बहस में जब प्रेम कुमार धूमल अपना पक्ष रख रहे थे तो वीरभद्र सिंह ने अपनी सीट पर बैठे-बैठे ही उन्हें टोकना शुरू किया. इस पर प्रेम कुमार धूमल ने तंज कसा कि आप छठी बार सीएम बने हैं और केंद्र में मंत्री भी रहे हैं, आपको पता होना चाहिए कि जब सदन में कोई बोल रहा हो तो उसे टोकना नहीं (prem kumar dhumal on Virbhadra singh) चाहिए.
ऐसे में कहा जा सकता है कि पूर्व में नेताओं के बीच तकरार होती थी, लेकिन शब्द शालीन रहते थे, लेकिन अब हिमाचल की सियासत में शीर्ष नेता एक-दूसरे पर निजी हमले कर रहे हैं. पिछले एक पखवाड़े में हिमाचल की सियासत में एक-दूसरे के खिलाफ तू-तड़ाक हो रहा है. अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बयान दिया था कि केंद्र से कोई भी योजना आती है तो सीएम जयराम सबसे पहले उसका गुणगान करना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना में चार साल का रोजगार है. तो जयराम ठाकुर को भी चार साल हो गए.
कांग्रेस व भाजपा के नेताओं की तीखी जुबानी जंग: उसके बाद नेता प्रतिपक्ष तू-तड़ाक पर उतर आए और कहने लगे कि सीएम के भी चार साल हो गए, तू निकल अब. हेलीकॉप्टर से सामान ओक ओवर से छोड़ आओ. इस पर सीएम जयराम ठाकुर ने एक आयोजन में कहा कि कांग्रेस के एक नेता को आजकल दिमागी दौरे पड़ रहे हैं. उन्हें पता ही नहीं चल रहा कि क्या कहना है. जयराम ठाकुर ने कहा कि वे ऐसा समझ रहे हैं कि जैसे ओक ओवर (सीएम का सरकारी आवास) उनका पुश्तैनी है और उस पर मैंने कब्जा किया हुआ है. उसके बाद सीएम ने कहा कि एक संवैधानिक व्यवस्था के तहत उन्हें हेलीकॉप्टर मिला है.
ये सरकारी है और किसी के टब्बर का नहीं है. बस, उसके बाद मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी में कह दिया कि यदि हेलीकॉप्टर उनके टब्बर का नहीं है तो किसी की सहेलियों का भी नहीं है. अब सहेलियों से नेता प्रतिपक्ष का क्या आशय था, ये हिमाचल की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ (Mukesh Agnihotri on CM Jairam) है. यही नहीं, मुकेश अग्निहोत्री ने उसके बाद अपने सोशल मीडिया पेज पर भी फिर से ये बयान दोहराया. इस तरह शीर्ष नेता अब एक-दूसरे के खिलाफ निजी हमले करने लगे हैं. इन हमलों में परिवार भी घसीटा जा रहा है.
नागपुर से जितनी चाबी लगती है, उनकी गाड़ी उतनी ही चलती है: मुकेश अग्निहोत्री ने ये भी कहा कि आप मेरी बेटी और परिवार को बीच में ला रहे हैं तो याद रखिए कि आपकी भी दो बेटियां और एक पत्नी (CM Jairam on Mukesh Agnihotri) है. आलम ये है कि जैसे ही सीएम व नेता प्रतिपक्ष में से कोई भी एक बयान देता है, उसका पलटवार तुरंत होता है. हालांकि वीरभद्र सिंह के विधायक बेटे ने भी सीएम जयराम ठाकुर को लेकर बयान दिया था कि उन्हें नागपुर से जितनी चाबी लगती है, उनकी गाड़ी उतनी ही चलती (Vikramaditya Singh on CM Jairam) है. इससे पूर्व भी कांग्रेस व भाजपा के नेताओं के बीच तीखी जुबानी जंग देखी गई है, लेकिन ऐसी सीमाएं कभी नहीं लांघी गई.
वरिष्ठ मीडिया कर्मी उदय पठानिया का कहना है कि हिमाचल की राजनीति में हमेशा से शालीनता रही है. अब ये मर्यादा भंग हो रही है. ये दुखद है और सभी को इससे बचना चाहिए. उधर, ऊना से कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भी नेता प्रतिपक्ष के बयान पर टिप्पणी की (Himachal assembly election 2022) है. वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों में दूरस्थ इलाकों में जाने के लिए हेलीकॉप्टर की जरूरत होती है. सभी नेता इसका प्रयोग करते रहे हैं. कंवर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को ऐसे बयानों से बचना चाहिए.
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