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कैबिनेट मंत्रियों महेंद्र ठाकुर व रामलाल मारकंडा मामले में सुनवाई टली, हाईकोर्ट में दाखिल है सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका

प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal high court) में राज्य सरकार के दो मंत्रियों की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टल गई है. ये मामला जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर व तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा से जुड़ा हुआ है. फिलहाल, महेंद्र सिंह ठाकुर से जुड़ी याचिका पर 7 नवंबर को सुनवाई होगी. वहीं, डॉ. मारकंडा से जुड़ी याचिका पर सीजे की तरफ से गठित होने वाली विशेष बैंच पर निर्भर करेगी. पढ़ें पूरी खबर..

हिमाचल हाईकोर्ट
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Published : Sep 7, 2022, 10:21 PM IST

शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal high court) में राज्य सरकार के दो मंत्रियों की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टल गई है. ये मामला जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर व तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा से जुड़ा हुआ है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा के समक्ष जलशक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल के समक्ष डॉ. रामलाल मारकंडा से जुड़े मामले की सुनवाई (HP high court on cabinet ministers membership case) हुई.

डॉ. रामलाल मारकंडा की सदस्यता से जुड़े मामले में न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल पहले ही सुनवाई से इंकार कर चुके हैं, इसलिए उन्होंने यह मामला मुख्य न्यायाधीश के विवेकानुसार किसी अन्य उपयुक्त बैंच के समक्ष रखने के आदेश जारी किए. दोनों मामलों में याचिकाकर्ताओं के अनुसार कैबिनेट मंत्रियों ने चुनाव के शपथपत्र में कई जानकारियां छिपाई हैं. याचिका में संपत्ति की गलत जानकारी देने की बात कही गई है. इसी को आधार बनाकर दोनों मंत्रियों की सदस्यता को चुनौती दी गई है.

आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान झूठा शपथपत्र दाखिल किया है. मंडी जिले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के खिलाफ उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र के निवासी रमेश चंद ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में महेंद्र सिंह की विधानसभा सदस्यता खारिज करने की मांग की गई है. इसके अलावा तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा की सदस्यता को भी चुनौती दी गई है. इन पर भी विधानसभा चुनाव के दौरान दिए शपथपत्र में झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया गया है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि मंत्री महेंद्र सिंह की पत्नी हाउसवाइफ (petition challenging membership of Mahender thakur) हैं, लेकिन उनके नाम पर 7.68 करोड़ रुपये की संपत्ति कहां से आई. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2012 चुनाव में मंत्री की धर्मपत्नी के पास पैन कार्ड तक नहीं था. वहीं, कैबिनेट मंत्री मारकंडा के मामले में प्रार्थी का कहना है कि दंपत्ति के नाम पर संपत्ति में समानता नहीं है.

रामलाल मारकंडा लाहुल-स्पीति (petition challenging membership of ramlal markanda) से 2007 में भी विधायक थे, लेकिन उस दौरान की और अब तक की संपत्ति आपस में मेल नहीं खाती है. इसके अलावा शपथपत्र में संपत्ति संबंधी जानकारी भी गलत है. फिलहाल, महेंद्र सिंह ठाकुर से जुड़ी याचिका पर 7 नवंबर को सुनवाई होगी. वहीं, डॉ. मारकंडा से जुड़ी याचिका पर सीजे की तरफ से गठित होने वाली विशेष बैंच पर निर्भर करेगी.

ये भी पढ़ें: लैब तकनीशियन ग्रेड-2 के पद बैचवाइज भरने के आदेश, हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal high court) में राज्य सरकार के दो मंत्रियों की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टल गई है. ये मामला जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर व तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा से जुड़ा हुआ है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा के समक्ष जलशक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल के समक्ष डॉ. रामलाल मारकंडा से जुड़े मामले की सुनवाई (HP high court on cabinet ministers membership case) हुई.

डॉ. रामलाल मारकंडा की सदस्यता से जुड़े मामले में न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल पहले ही सुनवाई से इंकार कर चुके हैं, इसलिए उन्होंने यह मामला मुख्य न्यायाधीश के विवेकानुसार किसी अन्य उपयुक्त बैंच के समक्ष रखने के आदेश जारी किए. दोनों मामलों में याचिकाकर्ताओं के अनुसार कैबिनेट मंत्रियों ने चुनाव के शपथपत्र में कई जानकारियां छिपाई हैं. याचिका में संपत्ति की गलत जानकारी देने की बात कही गई है. इसी को आधार बनाकर दोनों मंत्रियों की सदस्यता को चुनौती दी गई है.

आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान झूठा शपथपत्र दाखिल किया है. मंडी जिले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के खिलाफ उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र के निवासी रमेश चंद ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में महेंद्र सिंह की विधानसभा सदस्यता खारिज करने की मांग की गई है. इसके अलावा तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा की सदस्यता को भी चुनौती दी गई है. इन पर भी विधानसभा चुनाव के दौरान दिए शपथपत्र में झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया गया है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि मंत्री महेंद्र सिंह की पत्नी हाउसवाइफ (petition challenging membership of Mahender thakur) हैं, लेकिन उनके नाम पर 7.68 करोड़ रुपये की संपत्ति कहां से आई. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2012 चुनाव में मंत्री की धर्मपत्नी के पास पैन कार्ड तक नहीं था. वहीं, कैबिनेट मंत्री मारकंडा के मामले में प्रार्थी का कहना है कि दंपत्ति के नाम पर संपत्ति में समानता नहीं है.

रामलाल मारकंडा लाहुल-स्पीति (petition challenging membership of ramlal markanda) से 2007 में भी विधायक थे, लेकिन उस दौरान की और अब तक की संपत्ति आपस में मेल नहीं खाती है. इसके अलावा शपथपत्र में संपत्ति संबंधी जानकारी भी गलत है. फिलहाल, महेंद्र सिंह ठाकुर से जुड़ी याचिका पर 7 नवंबर को सुनवाई होगी. वहीं, डॉ. मारकंडा से जुड़ी याचिका पर सीजे की तरफ से गठित होने वाली विशेष बैंच पर निर्भर करेगी.

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